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Hanuman Jayanti 2020: श्री हनुमान चालीसा- बल बुद्धि विद्या देहु मोहिं, हरहु कलेश विकार...

Hanuman Jayanti 2020 आज हनुमान जयंती पर घर-घर में हनुमान चालीसा का पाठ कर संकटमोचन से प्रार्थना की जाएगी कि हे पवनपुत्र कोरोना संकट से मुक्ति दिलाएं।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Tue, 07 Apr 2020 10:39 AM (IST)Updated: Wed, 08 Apr 2020 11:28 AM (IST)
Hanuman Jayanti 2020: श्री हनुमान चालीसा- बल बुद्धि विद्या देहु मोहिं, हरहु कलेश विकार...
Hanuman Jayanti 2020: श्री हनुमान चालीसा- बल बुद्धि विद्या देहु मोहिं, हरहु कलेश विकार...

रवि धवन, पानीपत। Hanuman Jayanti 2020: किसी भी युद्ध को जीतने के लिए शारीरिक बल से कहीं अधिक आत्मबल की आवश्यकता होती है। कोरोना से युद्ध में हमारा आत्मबल मजबूत रहेगा तो जीत तय है। सो, आत्मबल को मजबूती देने लिए पानीपत से शुरू हुआ हनुमान चालीसा पाठ का अभियान, देश के विभिन्न राज्यों से होते हुए ऑस्ट्रेलिया और लंदन तक पहुंच गया है। आज हनुमान जयंती पर घर-घर में हनुमान चालीसा का पाठ कर संकटमोचन से प्रार्थना की जाएगी कि हे पवनपुत्र कोरोना संकट से मुक्ति दिलाएं। पानीपत से चली इस मुहिम में देश-विदेश के हजारों लोग जुड़ चुके हैं। यहां पहले से ही कुछ हनुमान भक्त मिलकर रोजाना हनुमान चालीसा का पाठ करते थे।

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कोरोना संकट और लॉकडाउन के बाद इसे टेलीकॉन्फ्रेंस के माध्यम से मिलकर करने लगे। इस ग्रुप का विस्तार एक-दूसरे से होते हुए देश-विदेश में बसे जान-पहचान के लोगों तक होता रहा। फिर सभी ने ठाना कि आठ अप्रैल को हनुमान जयंती पर 108 बार हनुमान चालीसा का पाठ कर कोरोना संकट से मुक्ति की प्रार्थना की जाएगी। विदेश में बसे भारतीय भी वाट्सएप ग्रुप्स के माध्यम से इस अभियान को गति देने में जुट गए। लंदन में डॉ. खुराना, सिडनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर नीतिश जैन के साथ सैकड़ों भारतीय हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं। जनता कफ्र्यू के दिन भी सामूहिक पाठ किया गया था, यह प्रयोग सफल रहा।

लॉकडाउन हुआ तो सभी ने रोजाना ही घर पर बैठकर चालीसा पाठ करने की ठान ली। रोजाना अलग-अलग संगठनों, अलग कॉलोनियों को जोड़कर घर पर रहने का आह्वान करते हुए पाठ किया जाने लगा। पानीपत के हनुमान भक्तों ने तय कर रखा था कि हनुमान जयंती पर रथयात्रा निकालेंगे, लेकिन लॉकडाउन के चलते इसे रद करना पड़ा। तय किया गया कि इसी दिन सभी घरों में सुबह से शाम तक हनुमान चालीसा का पाठ करेंगे। जब ये संदेश वायरल हुआ तो ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, कनाडा और अमेरिका में बसे भारतीयों तक भी पहुंच गया। उन सभी ने भी अपने आसपास यही मुहिम शुरू करने की ठान ली। इसका असर ये हुआ कि वहां भी वाट्सएप ग्रुप बन गए और अब सभी हनुमान चालीसा का पाठ कर आत्मिक और मानसिक बल हासिल कर कोरोना को पराजित करने का संकल्प लेंगे।

पानीपत के वरिष्ठ मनोचिकित्सक सुदेश खुराना से जब हनुमान चालीसा के पाठ के प्रभाव पर चर्चा की गई तो उन्होंने पहला वाक्य यही कहा- मन के हारे हार है, मन के जीते जीत। यह विज्ञान सम्मत है कि इस तरह के जितने भी पाठ, मंत्र हैं, वे मानसिक मजबूती देते हैं। हनुमान जी की छवि बजरंग बली की है। इसलिए हनुमान चालीसा के पाठ से व्यक्ति के मन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। वैसे भी अपने यहां आस्था की बात करें तो जब भी व्यक्ति भयाक्रांत होता है, वह हनुमान जी का ही स्मरण करता है। मानसिक रूप से मजबूत रहें, इसीलिए अखाड़ों में बजरंग बली की मूर्ति होती है। मुझे उम्मीद है कि इससे लोगों में सकारात्मकता का संचार अवश्य होगा।

इस अभियान की परिकल्पना करने वाले पानीपत निवासी विकास गोयल और हरीश बंसल हैं। वह बताते हैं कि यह अभियान, पंजाब, महाराष्ट्र, बिहार, उत्तर प्रदेश के साथ ही विदेश तक पहुंच चुका है। सिडनी में रह रहे सॉफ्टवेयर इंजीनियर नीतिश जैन ने दैनिक जागरण को फोन पर बताया कि वह और कुछ अन्य भारतीय परिवार वहां घर पर प्रतिदिन हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं।

लंदन में रहने वाले खुराना परिवार के मुखिया डॉ. देवेंद्र ने बताया कि यहां भी लॉकडाउन है। घर पर दिन बिताना बड़ी चुनौती थी। अब दिन में दो बार हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं। बच्चे साथ बैठते हैं। अब उनकी रूचि बढ़ रही है। बच्चों ने भी वाट्सएप और फेसबुक से आसपास की कॉलोनी में रह रहे भारतीयों को हनुमान चालीसा पाठ करने के लिए प्रेरित करना शुरू कर दिया। यहां तक कि विदेशी मित्र भी इसमें रुचि ले रहे हैं।


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