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Halharini Amavasya 2022: जानें कब है हलहारिणी अमावस्या, इस दिन पौधा लगाने से पितृ गण होते हैं खुश

Halharini Amavasya 2022 आषाढ़ अमावस्या मंगलवार 28 जून को है। इस दिन किसान हल की पूजा करते हैं और कोई नया पौधा लगाने को भी शुभ मानते हैं लेकिन समय के साथ मशीनी युग में हल कम हो गए हैं।

By Rajesh KumarEdited By: Published: Sat, 25 Jun 2022 07:15 PM (IST)Updated: Sat, 25 Jun 2022 07:15 PM (IST)
Halharini Amavasya 2022: जानें कब है हलहारिणी अमावस्या, इस दिन पौधा लगाने से पितृ गण होते हैं खुश
Halharini Amavasya 2022: आषाढ़ अमावस्या मंगलवार 28 जून को है।

कुरुक्षेत्र, जागरण संवाददाता। Halharini Amavasya 2022: अमावस्या के दिन स्नान-दान और पूजा-पाठ का विशेष महत्व होता है। खासकर पितरों के तर्पण के लिए यह दिन महत्वपूर्ण माना जाता है। आषाढ़ माह में आने वाली अमावस्या पितरों के तर्पण और पूजा-पाठ के साथ ही किसानों के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण होगी। आषाढ़ अमावस्या को हलहारिणी अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है।

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गायत्री ज्योतिष अनुसंधा केंद्र कुरुक्षेत्र के संचालक डा. रामराज कौशिक ने बताया कि इस बार आषाढ़ अमावस्या मंगलवार 28 जून को है। इस दिन किसान हल की पूजा करते हैं और कोई नया पौधा लगाने को भी शुभ मानते हैं, लेकिन समय के साथ मशीनी युग में हल कम हो गए हैं। इस दिन पौधा लगाने से पितृ गण खुश होते हैं। इसलिए हर व्यक्ति को इस दिन एक पौधा जरूर लगाना चाहिए।

आषाढ़ अमावस्या मुहूर्त

आषाढ़ अमावस्या तिथि आरंभ: मंगलवार, 28 जून 2022, सुबह 05:53

आषाढ़ अमावस्या तिथि समाप्त: बुधवार, 29 जून 2022, सुबह 08:23

किसानों के लिए इसलिए खास है आषाढ़ अमावस्या

हलहारिणी अमावस्या पर स्नान, दान, श्राद्ध और व्रत रखने का महत्व होता है। किसानों के मनाए जाने वाले कई त्योहारों में हलहारिणी अमावस्या भी एक है। इस दिन किसान अपने खेतों में बैलों से काम नहीं कराते बल्कि उन्हें घास चरने के लिए खुला छोड़ देते हैं। इस दिन किसान हल और खेती में प्रयोग किए जाने वाले उपकरणों की पूजा करते हैं और ईश्वर से अच्छी फसल की कामना करते हैं।

स्नान-दान का होता है विशेष महत्व

हलहारिणी अमावस्या वर्षा ऋतु के आरंभ में आती है। इसलिए किसान इसे अच्छी वर्षा और पैदावार का संकेत मानते हैं। पूर्णिमा की तरह अमावस्या पर भी स्नान-दान का विशेष महत्व होता है। ऐसे में आषाढ़ अमावस्या के दिन जल्दी उठें और किसी पवित्र नदी में स्नान करें।

ये उपाय करने से पितृ ऋण से मुक्ति मिलती है

-आषाढ़ अमावस्या पर भगवान सूर्य, भगवान शिव, माता गौरी और तुलसी की 11 बार परिक्रमा करनी चाहिए।

-आषाढ़ अमावस्या पर किसी गरीब या जरूरतमंद को दान-दक्षिणा दें। इस दिन घर आए किसी व्यक्ति को खाली हाथ नहीं लौटाना चाहिए।

-आषाढ़ अमावस्या पर किसी पवित्र नदी में स्नान करने और पितरों का तर्पण करने के लिए सबसे शुभ दिन माना गया है। इसके बाद जरूरतमंद लोगों को भोजन कराना चाहिए। आषाढ़ माह में पड़ने वाले अमावस्या के दिन हल पूजन करने का भी विधान है।


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