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गुरनाम सिंह चढूनी, किसानों के साथ अन्‍याय कर रही सरकार, दिल्‍ली की बैठक में धोखे से बुलाया

तीन अध्‍यादेश के विरोध में सरकार के खिलाफ किसान यूनियन ने मोर्चा खोल दिया है। कैथल में चल रहे किसान यूनियन के धरने में पहुंचे प्रदेशाध्‍यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी भी पहुंचे।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Fri, 18 Sep 2020 03:51 PM (IST)Updated: Fri, 18 Sep 2020 03:51 PM (IST)
गुरनाम सिंह चढूनी, किसानों के साथ अन्‍याय कर रही सरकार, दिल्‍ली की बैठक में धोखे से बुलाया
गुरनाम सिंह चढूनी, किसानों के साथ अन्‍याय कर रही सरकार, दिल्‍ली की बैठक में धोखे से बुलाया

पानीपत/कैथल, जेएनएन। Agriculture Bill 2020 Protest भारतीय किसान यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि भाजपा सरकार किसानों के साथ अन्याय कर रही है। सरकार ने तीन अध्यादेश किसानों पर थोप दिए है।  ये अध्यादेश मजदूर, किसान आढ़ती व व्यापारी के खिलाफ हैं। सरकार ने जैसे सरकारी कंपनियों को प्राइवेट के हाथों में सौंप दिया है उसी प्रकार खेती को भी कंपनियों के हाथों में बेचना चाहती है।

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चढ़ूनी ने कहा कि पंजाब की अकाली दल की नेता हरसिमरत कौर बादल ने किसानों को समर्थन करते हुए मोदी मंत्रीमंडल से इस्तीफा दे दिया है। वहीं प्रदेश सरकार के अंदर जो देवीलाल के नाम से चल रहा है। उससे भी सरकार से इस्तीफा देकर किसानों के समर्थन में आ जाना चाहिए। जजपा पार्टी को किसान की पार्टी सोचकर वोट दिए थे, लेकिन वो भी अब अपने वादे से मुखर रहे है।

20 सितंबर को सभी जगह करेंगे शांतिप्रिय रोड जाम

उन्होंने कहा कि 20 सितंबर को सभी जगह शांतिप्रिय ढ़ग से रोड जाम किए जाएंगे। 12 से तीन बजे तक किसान शांतिप्रिय आंदोलन में हिस्सा लें। वहीं 25 सितंबर को किसान मंडियों में अपनी फसल को नहीं बेचेगा। एक दिन काला दिवस के रूप में मनाया जाएगा।

बिना मास्क दिखा हर किसान नेता

अध्यादेशों के विरोध में किसान नेता कोरोना को हल्के में ले रहा है। यही वह लापरवाही है, जिसकी वजह से संक्रमण का आंकड़ा एक लाख पार कर गया है। लघु सचिवालय पर किसानों के धरने में भाकियू के प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी पहुंचे। इस दौरान धरने पर एक भी किसान चेहरे पर मास्क लगाए हुए नहीं दिखा। यहां तक कि प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी भी बिना मास्क के थे। कोई शारीरिक दूरी नहीं थी। यह बात अलग है किसानों के गले में गमछे तो थे, लेकिन उनसे भी चेहरा नहीं ढ़का गया था।


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