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550वें प्रकाश पर्व पर गूंजी गुरबाणी, अटूट लंगर में चखा प्रसाद

गुरुनानक देव के 550 वें प्रकाश पर्व पर मंगलवार को शहर स्थित सभी गुरुद्वारों में गुरबाणी पाठ किया गया। अलग-अलग जत्थों ने गुरबाणी और शब्द कीर्तन से गुरु नानक देव का गुणगान किया। उनके जीवन कार्यों से संगत को अवगत कराया। दूर-दूर से पहुंची संगत निहाल हो गई। दिनभर अटूट लंगर चलता रहा। गुरबाणी और सेवा करने वालों को सम्मानित किया गया।

By JagranEdited By: Published: Wed, 13 Nov 2019 08:48 AM (IST)Updated: Wed, 13 Nov 2019 08:48 AM (IST)
550वें प्रकाश पर्व पर गूंजी गुरबाणी, अटूट लंगर में चखा प्रसाद
550वें प्रकाश पर्व पर गूंजी गुरबाणी, अटूट लंगर में चखा प्रसाद

जागरण संवाददाता, पानीपत : गुरुनानक देव के 550 वें प्रकाश पर्व पर मंगलवार को शहर स्थित सभी गुरुद्वारों में गुरबाणी पाठ किया गया। अलग-अलग जत्थों ने गुरबाणी और शब्द कीर्तन से गुरु नानक देव का गुणगान किया। उनके जीवन कार्यों से संगत को अवगत कराया। दूर-दूर से पहुंची संगत निहाल हो गई। दिनभर अटूट लंगर चलता रहा। गुरबाणी और सेवा करने वालों को सम्मानित किया गया।

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प्रकाश पर्व के अवसर पर शहर के सभी गुरुद्वारों को लाइट, फूलों और रंग-बिरंगे गुब्बारों से सजाया गया। जीटी रोड लालबत्ती चौराहे स्थित गुरु तेगबहादुर भवन में सुबह 10:30 बजे कीर्तन किया गया। संगत मत्था टेकने पहुंची। स्त्री सत्संग सभा ने गुरबाणी का गायन कर निहाल कर दिया। इसके बाद रिद्म ग्रुप के बच्चों ने नानक देव को याद किया। हजूरी रागी जत्था के भाई अमरीक सिंह ने साथियों के साथ गुरु के महान कर्मों पर प्रकाश डाला। हेड ग्रंथी ज्ञानी बलविदर सिंह ने गुरु की दी हुई शिक्षाओं का बखान किया। अखंड कीर्तन जत्था पानीपत की तरफ से शब्द कीर्तन प्रस्तुत किया गया। सुखमणि साहब सेवा सोसाइटी और अमृतसर के ढाडी जत्थे के बलदेव सिंह लोंगोवाल ने गुरुजी के जीवन को संगीतमय ढंग से प्रस्तुत किया। इस दौरान अटूट लंगर चलता रहा। लखविदर सिंह ने कहा कि प्रकाश पर्व जीवन में अंधकार को दूर करने का संदेश देता है। उजाड़ खेत हो गया था हरा-भरा

कथावाचक ने बताया कि गुरुनानक देव बचपन से ही भगवान में लीन रहते थे। एक बार उनके पिता ने पाकिस्तान में उसके गांव के पास तलवंडी में गायों को चराने भेजा। गायों को चरता हुआ छोड़ कर गुरुनानक देव भगवान के ध्यान में लीन हो गए। इस बीच गायों ने एक खेत की पूरी फसल खा ली। खेत के मालिक ने प्रधान के पास शिकायत की कि गुरु नानक देव की गायों ने उसकी फसल उजाड़ दी है। खेत मालिक और प्रधान मौके पर पहुंचे तो खेत में फसल ज्यों की त्यों लहलहा रही थी। खेत मालिक को तब गुरु नानक देव की महिमा का ज्ञान हुआ। संगत ने मत्था टेका

जीटी रोड स्थित गुरुद्वारा पहली पातशाही, डेरा बाबा जोध सचियार, मॉडल टाउन में गुरु रामदास सिंह सभा, नरैण सिंह व गुरुद्वारा लालो सिंह सभा सहित अन्य गुरुद्वारों में हजारों संगत सभा मत्था टेकने पहुंची। मन्नत मांग कर गुरु से आशीर्वाद लिया।


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