पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों से आम आदमी में बढ़ रहा गुस्सा
पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों से आम आदमी में बढ़ रहा गुस्सा।
जागरण संवाददाता, जींद : देश में डीजल और पेट्रोल की बढ़ती कीमतों ने आम आदमी की जेब को ढीला कर दिया है। पिछले 10 दिन से पेट्रोल और डीजल की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं। इससे विपक्ष के नेताओं समेत किसानों और आम आदमी में केंद्र की भाजपा सरकार के खिलाफ जबर्दस्त गुस्सा बढ़ गया है। आम आदमी ने कहा कि केंद्र सरकार ने लोगों की कमर तोड़ दी है। जींद में बुधवार को ¨हदुस्तान पेट्रोलियम के पंपों पर पेट्रोल का दाम 77.48 रुपये और डीजल का दाम 69.02 रुपये प्रति लीटर रहा। पिछले दो साल में ही पेट्रोल के दाम में 20 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी हो चुकी है। पेट्रोल के बढ़ते दामों का असर सब्जियों और फलों पर भी पड़ना शुरू हो गया है। बीते दस दिन से उनके रेट बढ़ने शुरू हो गए हैं। भाजपा के खिलाफ गुस्सा
कांग्रेस के जुलाना हलके के वरिष्ठ नेता प्रो. धर्मेंद्र ढुल ने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार लोगों को लूटने में लगी हुई है। पड़ोसी देश पाकिस्तान में 69, श्रीलंका में 64, भूटान में 57 रुपये लीटर है। केंद्र सरकार को पेट्रोल व डीजल को जीएसटी के दायरे में लाना चाहिए ताकि इसके दामों में कमी आ सके। सरकार ने जल्द रेट कम नहीं किए आम आदमी का गुस्सा उसे 2019 में सत्ता से बाहर कर देगा। आम आदमी हुआ बेहाल
अर्बन एस्टेट निवासी शील कुमार गिल ने कहा कि रोज पेट्रोल और डीजल के बढ़ते दामों से आम आदमी बेहाल हो गया है। इससे आम आदमी का बजट गड़बड़ा रहा है। सरकार ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव के समय पेट्रोल-डीजल के दाम नहीं बढ़ाए, जबकि उसके बाद हर रोज वृद्धि की जा रही है। इस तरह के हथकंडे अपनाकर भाजपा सरकार अब लोगों को ज्यादा दिनों तक मूर्ख नहीं बना सकती है। रिकॉर्ड तोड़ रहा तेल
कांग्रेस नेता सुरेश गोयत ने कहा कि केंद्र सरकार की आम आदमी को लूटने की नीति के कारण ही तेल के दाम रिकॉर्ड तोड़ रहे हैं। पूरे विश्व में कच्चे तेल के दाम अब से आधे थे, तब भी सरकार ने आम आदमी को राहत नहीं दी। केंद्र सरकार को एक्साइज ड्यूटी में कमी करनी चाहिए ताकि दामों में कमी आ सके। सरकार पांच रुपये बढ़ाकर दो रुपये कम करके राहत का ¨ढढोरा पीट देती है, यह ज्यादा दिन नहीं चलेगा। लूट का गदर मचाया
पेट्रोल पंप संचालक व कांग्रेस नेता रघुबीर भारद्वाज ने कहा कि जब केंद्र की कांग्रेस सरकार सत्ता से गई, तब पेट्रोल पर 8 प्रतिशत टैक्स था और कच्चा तेल 150 डॉलर प्रति बैरल था। इसके बार कच्चा तेल 100 डॉलर प्रति बैरल हुआ तो टैक्स घटाने की बजाय बढ़ाकर 16 प्रतिशत कर दिया। कच्चा तेल जब 40 रुपये प्रति बैरल यानी पानी के भाव बिकने लगा, तब भी सरकार ने टैक्स बढ़ाकर 28 व 32 प्रतिशत कर दिया। केंद्र ने कमर तोड़ दी
बिजनेसमैन सुशील गुप्ता ने कहा कि ¨जदगी जीना मुहाल कर दिया। इसके दाम बढ़ने से रसोई, बिजनेस सहित सभी कामों पर असर पड़ा है। तेल के दाम बढ़ने से माल की आवाजाही का किराया बढ़ेगा, जिससे फल और सब्जियां भी महंगी हो जाएंगी। केंद्र की भाजपा सरकार ने जल्द इस पर लगाम नहीं लगाई तो आम आदमी तबाह हो जाएगा। इससे महंगाई इतनी बढ़ जाएगी कि गरीब आदमी को खाने के लाले पड़ जाएंगे।
किसान कर्ज में फंसेगा
रूपगढ़ गांव के सरपंच संदीप अहलावत ने कहा कि केंद्र सरकार डीजल के दाम लगातार बढ़ा रही है, जिससे किसान कर्ज में और गहरा फंस जाएगा। खेतों में बिजली न आने से डीजल से ही ट्यूबवेल चलाकर ¨सचाई करनी पड़ती है। खेतों में काम करने के लिए ट्रैक्टर भी डीजल से ही चलता है। किसान की फसलों का दाम नहीं बढ़ रहा है, जबकि बाकी सभी चीजों के रेट बढ़ रहे हैं, इससे किसानों में गुस्सा बढ़ रहा है।