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जहरीला भूजल, भूलकर भी मत पीना इस शहर का पानी, जानिए पूरा मामला Panipat News

पानीपत सहित सोनीपत जिले का भूजल पीने लायक नहीं बचा है। पानीपत में छह सैंपल लिये जो ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड के मानकों पर खरे नहीं उतरे।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Fri, 20 Sep 2019 09:00 AM (IST)Updated: Fri, 20 Sep 2019 01:57 PM (IST)
जहरीला भूजल, भूलकर भी मत पीना इस शहर का पानी, जानिए पूरा मामला Panipat News
जहरीला भूजल, भूलकर भी मत पीना इस शहर का पानी, जानिए पूरा मामला Panipat News

पानीपत, जेएनएन। सावधान, अगर आप पानीपत सहित सोनीपत जिले के भूजल का इस्तेमाल कर रहे हैं तो इस रिपोर्ट को पढ़ लें। यहां का भूजल जहरीला हो चुका है। यह पीने लायक नहीं रह गया है। केंद्रीय भूजल बोर्ड ने वर्ष 2018 में दोनों जिलों में 11 जगहों से पानी के सैंपल लिये थे। सभी फेल हो गए। भूजल की गुणवत्ता में वर्ष 2017 के मुकाबले तेजी से गिरावट आई है।

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पानीपत से छह और सोनीपत से पांच स्थानों से सैंपल लिए गए। सैंपल रिपोर्ट भूजल ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड फॉर ड्रिंकिंग वाटर के मानकों पर खरी नहीं उतर रही है। पानी में टीडीएस, एस04, एन03, एफ, सीए, एमजी, और टोटल हार्डनेस की जांच की गई। 2014-17 में पानी में टीडीएस 332-1114 मिला था जो 2018 में 357-2048 पीपीएम मिला।

कमेटी का किया गया था गठन 

एनजीटी (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) ने भूजल स्तर को लेकर ज्वाइंट कमेटी का गठन किया था। ज्वाइंट कमेटी में केंद्रीय भूजल बोर्ड, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड सहित राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड शामिल हैं। 

उद्योग बिना एनओसी के कर रहे दोहन 

ज्वाइंट कमेटी ने दोनों जिलो में 90 में से 81 उद्योगों की जांच की थी। इसमें सिर्फ दो ही उद्योग ऐसे मिले जिन्होंने केंद्रीय भूजल बोर्ड से एनओसी ले रखी है। 79 उद्योगों ने बिना किसी एनओसी के बोरवेल लगा कर भूजल का बड़े स्तर पर दोहन कर रहे हैं। कंसल नेरोलेक पेंट्स लिमिटेड सेक्टर 7  बावल और जीआरएम ओवरसीज लिमिटेड गोहाना रोड नौल्था (पानीपत) ने सेंट्रल ग्राउंड वाटर बोर्ड से एनओसी ली हुई है।

उद्योगों पर होगी कार्रवाई 

बोर्ड ने रिपोर्ट में बताया कि इन उद्योगों में सिर्फ कंसल नेरोलेक पेंट्स शर्तों का पालन कर रहा है। इन उद्योगों ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से कंसेंट ली हुई है। एनजीटी ने इन रिपोर्ट के आधार पर ज्वांइट कमेटी को मॉनिटरिंग करने वह टाइम बाउंड (समयबद्ध) भूजल दोहन करने वाले उद्योगों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। 

55 में से 47 उद्योगों नहीं दिया एनओसी के लिए आवेदन 

पानीपत में ज्वाइंट टीम ने 55 उद्योगों में छापेमारी की थी। जिनमें से 47 उद्योग बिना किसी एनओसी के भूजल दोहन करते मिले। इनके खिलाफ केंद्रीय भूजल बोर्ड को जिला प्रशासन के माध्यम से एन्वायरमेंट कंपनसेशन लिया जाना है। एनजीटी में सुनवाई 11 अक्टूबर को होनी है। 

जनस्वास्थ्य विभाग ने कहा पानी मानकों पर खरा 

जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के एक्सईएन राजेश कौशिक ने बताया कि उन्होंने शहर में पानी की आपूर्ति के लिए जो ट्यूबवेल लगाए हैं। उनकी जांच कराई गई है। सभी सैंपल मानकों को पूरा कर रहे हैं। रिपोर्ट प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को दी जा चुकी है। 

ऑनलाइन एनओसी को आवेदन देना होगा

भूजल दोहन करने वाले उद्योगों को ऑनलाइन एनओसी के लिए 30 सितंबर तक केंद्रीय भूजल बोर्ड के आवेदन जमा करवाने हैं। 30 सितंबर को ऑनलाइन वेबसाइट बंद हो जाएगी।


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