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नाबालिग पोते ने दादा और दादी की ले ली जान, संपत्ति से बेटे और पोते को कर दिया था बेदखल

हरियाणा के यमुनानगर में नाबालिग पोते ने दादा और दादी की हत्‍या कर दी। नाबालिग पोते ने संपत्ति से बेटे और पोते को बेदखल करने की वजह से ये कदम उठाया। ये वारदात साढौरा के बकाला गांव में हुई।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Wed, 18 Nov 2020 05:18 PM (IST)Updated: Wed, 18 Nov 2020 05:18 PM (IST)
नाबालिग पोते ने दादा और दादी की ले ली जान, संपत्ति से बेटे और पोते को कर दिया था बेदखल
यमुनानगर में नाबालिग पोते ने दादा और दादी की हत्‍या।

पानीपत/यमुनानगर, जेएनएन। साढौरा के बकाला गांव में मंगलवार को पीडब्ल्यूडी से सेवानिवृत्त बेलदार 72 वर्षीय रोशनलाल व पत्नी 50 वर्षीय परमजीत की हत्या को उसके नाबालिग पोते ने ही अंजाम दिया। रोशनलाल ने परिवार को संपत्ति से बेदखल कर दिया था। वह अपने बेटे व पोते को भी मकान से बाहर निकालने की धमकी दे रहा था। जिस वजह से उसके परिवार के लोग परेशान थे। 

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मंगलवार को नाबालिग पोते घर के बाहर खड़ा था। इसी दौरान रोशनलाल उसे गालियां देने लगा और मकान छोड़ने की धमकी देने लगा। जिससे उसे घर में पड़ी पलकटी उठाई और अपने बाबा के सिर पर कई वार किए। जिससे उसकी मौत हो गई। शव को देखकर परमजीत ने शोर मचाया, तो किशोर ने उस पर भी वार किया। गर्दन पर पहले ही वार से वह नीचे गिर पड़ी। जिससे उसने भी दम तोड़ दिया। डर के मारे किशोर छत पर जाकर छिप गया। इस बारे में उसने अपने पिता व भाई को भी नहीं बताया। पुलिस ने आरोपित को गिरफ्तार कर लिया।

बुधवार को रोशनलाल व परमजीत के शव का पैनल से पोस्टमार्टम कराया गया। मामले में मृतक के भाई राम सिंह की शिकायत पर हत्या का केस दर्ज किया गया। राम सिंह ने बताया कि उसका भाई परिवार से अलग ही रहता था। पहली पत्नी की मौत के बाद उसने परमजीत से शादी की और उसके साथ अलग ही रहने लगा। परिवार से वह मतलब नहीं रखता था। कई बार संपत्ति को लेकर उसका बेटों के साथ विवाद हो चुका था। अब उसे बेटे को भी बेदखल कर दिया था। उन्हें मकान से निकलने की भी धमकी दे रहा था।

जिन पोतों को जीते जी नहीं देखा, उन्होंने दी मुखाग्नि

रोशन लाल ने जीते जी अपने पोतों व बेटों की कोई सुध नहीं ली। उन्हें संपत्ति तक में कोई हिस्सा नहीं दिया। तंगहाली में उसका बेटा रामपाल व पोते दिन काट रहे थे, जबकि रोशन लाल के पास सेवानिवृत्ति का पैसा और जमीन भी थी। जिसमें से वह बेटे को कुछ नहीं देता था। खुद की करियाना दुकान कर रखी थी। उसका बेटा मजदूरी कर परिवार का गुजर बसर कर रहा था। बुधवार को जब उनका शव गांव में पहुंचा, तो एक ही चिता पर दोनों के शवों को लिटाया गया। जिन पौतों को वह जीते जी पसंद तक नहीं करता था। उन्होंने ही मुखाग्नि दी।

बड़े बेटे की मौत का क्लेम तक हड़प लिया

रोशन लाल के बड़े बेटे की कई वर्ष पहले सड़क हादसे में मौत हो गई थी। वह शादीशुदा था। उसकी सड़क दुर्घटना में मौत का क्लेम भी पत्नी को मिला था। यह क्लेम भी रोशनलाल ने ले लिया था। इसके बाद बड़े बेटे की पत्नी को भी परेशान रखने लगा। जिससे वह अपने बच्चे के साथ मायके में जाकर रहने लगी। जिस मकान में उसकी पुत्रवधु रहती थी। अब उसमें ही रोशन लाल रह रहा था। जबकि एक मकान में उसका छोटा बेटा रामपाल रह रहा है।


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