सरकार ने आरटीई एक्ट में किया संशोधन, पांचवीं और आठवीं कक्षा के लिए ये नियम
साल 2009 लागू लागू किए गए आरटीई एक्ट में नौ साल बाद बदलाव किया गया है। सरकार ने अब पांचवीं और आठवीं के विद्यार्थियों के लिए वार्षिक परीक्षा का नियम लागू किया है।
पानीपत [अरविन्द झा]। सरकारी स्कूलों में पांचवीं और आठवीं कक्षा के बच्चों को अब वार्षिक परीक्षा देनी होगी। निशुल्क और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार (आरटीई) अधिनियम 2009 में संशोधन किया गया है। सरकार ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी है।
शिक्षा का अधिकार 2009 के माध्यम से तहत वंचित बच्चों को मौलिक शिक्षा देनी है। इसमें फेल या पास करने का प्रावधान नहीं होने से बच्चों की पढ़ाई पर इसका असर दिखने लगा था। प्राइमरी कक्षाओं में उनका बेस कमजोर हो गया। इस कारण नौवीं में 50 फीसद से ज्यादा बच्चे फेल होने लगे। दसवीं के परिणाम पर भी इसका असर पडऩे लगा।
सेक्शन 16 में यह संशोधन
राष्ट्रपति ने 10 जनवरी को आरटीई के संशोधन को मंजूरी दे दी है। सेक्शन 16 में संशोधन किया गया है। इस सेक्शन में क्लॉज (1 व 2) एक जोड़कर कहा गया है प्रत्येक एकेडमिक वर्ष में पांचवीं और आठवीं कक्षा में नियमित रूप से परीक्षा ली जाएगी।
मिलेगा एक और मौका
परीक्षा में फेल होने पर बच्चे को एक मौका और दिया जाएगा। दोबारा परीक्षा में बैठने से पहले अतिरिक्त कक्षा लगाकर पढ़ाया जाएगा। वार्षिक परीक्षा का परिणाम घोषित होने के दो माह बाद अनिवार्य रूप से दोबारा परीक्षा में बैठने का अवसर प्रदान किया जाएगा।
80 लाख बच्चे थे मौलिक शिक्षा से वंचित
आरटीई एक्ट 2009 के लागू होने से पहले देशभर में 6-14 वर्ष के 80 लाख बच्चे स्कूल शिक्षा से वंचित थे। इन बच्चों को 2015 तक प्राथमिक शिक्षा दिलाने का लक्ष्य रखा गया था। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने 2016 में दावा किया था कि इस लक्ष्य को पूरा कर लिया।