ईश्वर की उपासना से दुख सहने की शक्ति मिलेगी
जागरण संवाददाता, पानीपत : आचार्य भद्रकाम वर्णी ने कहा कि ईश्वर की उपासना से तात्पर्य यह नहीं है कि वह हमारे किए गए बुरे कर्मो का फल प्रदान नहीं करेगा। बल्कि भगवान पहाड़ जैसे दुख को सहन करने की शक्ति प्रदान करता है। आचार्य भद्रकाम महिला आर्य समाज मॉडल टाउन द्वारा आयोजित तीन दिवसीय गायत्री महायज्ञ में प्रवचन कर रहे थे।
जागरण संवाददाता, पानीपत : आचार्य भद्रकाम वर्णी ने कहा कि ईश्वर की उपासना से तात्पर्य यह नहीं है कि वह हमारे किए गए बुरे कर्मो का फल प्रदान नहीं करेगा। बल्कि भगवान पहाड़ जैसे दुख को सहन करने की शक्ति प्रदान करता है। आचार्य भद्रकाम महिला आर्य समाज मॉडल टाउन द्वारा आयोजित तीन दिवसीय गायत्री महायज्ञ में प्रवचन कर रहे थे। उन्होंने ईश्वर की उपासना क्यों व कैसे करें विषय पर प्रकाश डाला। विशेष वैदिक दृष्टांतों के द्वारा ईश्वर की व्यापकता, नियामकता तथा प्रबंध कर्ता को समझाने का प्रयास किया।
कार्यक्रम में सरिता आहूजा सहित निर्मल ने वैदिक ऋषि के गीतों की प्रस्तुति दी। उन्होंने सुनाया ''गुणगान करो उस ईश्वर के जिसने ये जगत बनाया है।'' गायत्री महायज्ञ आचार्य भद्र काम वर्णी के सानिध्य में हुआ। जिसमें शशी अग्रवाल, वीरमती, पंडित राजकुमार, आचार्य सानन्द सहित अनेक श्रद्धालुओं ने आहूतियां डाली। पिछले दो दिनों से गायत्री महायज्ञ में अखंड आहूतियां दी जा रही हैं। रविवार को महायज्ञ की पूर्ण आहूति दी जाएगी। साथ ही लोहड़ी का पर्व मनेगा। इस अवसर पर गुलशन नंदा, ओपी डावर, मंजरी चड्ढा, चंद्रमोहन गुलाटी, सुदर्शन आर्या, रमादेवी आदि मौजूद रहे।