Move to Jagran APP

हुंकार: गोशाला के लिए मिले गोचरान भूमि

गोवंश-गोशाला सेवा संघ हरियाणा की बैठक शनिवार की दोपहर जीटी रोड स्थित गोशाला परिसर में संपन्न हुई। इसमें रेवाड़ी अंबाला सिरसा करनाल कुरुक्षेत्र महेंद्र गढ़ और रोहतक जोन के प्रभारियों ने हिस्सा लिया। प्रदेश भर की 500 से अधिक गोशाला कमेटियों को एक मंच पर लाने का आह्वान किया गया।

By JagranEdited By: Published: Sun, 05 Jan 2020 08:48 AM (IST)Updated: Sun, 05 Jan 2020 08:48 AM (IST)
हुंकार: गोशाला के लिए मिले गोचरान भूमि
हुंकार: गोशाला के लिए मिले गोचरान भूमि

जागरण संवाददाता, पानीपत

loksabha election banner

गोवंश-गोशाला सेवा संघ, हरियाणा की बैठक शनिवार की दोपहर जीटी रोड स्थित गोशाला परिसर में संपन्न हुई। इसमें रेवाड़ी, अंबाला, सिरसा, करनाल, कुरुक्षेत्र, महेंद्र गढ़ और रोहतक जोन के प्रभारियों ने हिस्सा लिया। प्रदेशभर की 500 से अधिक गोशाला कमेटियों को एक मंच पर लाने का आह्वान किया।

बैठक की अध्यक्षता करते हुए संघ के संरक्षक हरिओम तायल ने कहा कि अर्से से एक तड़प थी कि प्रदेश स्तर पर एक संगठन बने। एकजुट रहने से ही गोशाला आयोग से कुछ हासिल किया जा सकता है। संघ के प्रधान डॉ. जगदीश मलिक ने गोशालाओं को आत्मनिर्भर बनाने पर बल दिया, जिससे कि गोवंश को चारे की कमी न रहे। उन्होंने गोवंश समाधि खाद प्रोजेक्ट, आठ लीटर से अधिक दूध देने वाली गायों की अलग कैटेगरी बनाकर विशेष देखभाल की बात कही। देसी गाय के ए-टू मिल्क का उत्पादन बढ़ाने, उसकी बिक्री पर बल दिया। संगठन की मजबूती के लिए हर माह किसी एक जिले में बैठक की जानकारी दी। हाई कोर्ट की ओर से प्रति गोवंश निर्धारित धनराशि नहीं मिलने पर भी गोशाला संचालकों में रोष दिखा। कुरुक्षेत्र के स्वामी सूर्य प्रकाश ने सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश का हवाला देकर कहा कि गोचरान की भूमि केवल गोवंश के उपयोग में लाई जा सकती है। ग्राम पंचायतों की ओर से गोचरान भूमि की नीलामी का विरोध करते हुए प्रदेशव्यापी आंदोलन की बात कही। करीब 35 गोशाला कमेटियों ने संघ की सदस्यता ली।

हरियाणा गोसेवा आयोग से कैसे अनुदान मिले, गोशालाओं की आमदनी कैसे बढ़ाई जाए, इसके लिए जागरूकता अभियान पर एक राय बनी। गोशाला कमेटियों को एकजुट करने के लिए सदस्यता अभियान पर बल दिया। इस मौके पर अशोक कुमार, सुरेंद्र सिगला, सुमन गुप्ता, संत पुरी और गोपाल गोस्वामी मौजूद रहे। कोट :

संघ के गठन हो चुका है, लेकिन प्रदेश की करीब 40 फीसद गोशालाओं को इसकी जानकारी नहीं है। प्रचार-प्रसार के साथ संघ के पदाधिकारियों को कुछ अच्छा करके दिखाना होगा।

मास्टर हवा सिंह, जोन प्रभारी-रोहतक नेता बनने से बेड़ा गर्क

गोशालाओं को तो बेहतर ढंग से साधु-संत ही चला रहे हैं। इनके अलावा को गोशाला कमेटियां का प्रधान बनने की होड़ रहती है, सेवा नहीं होती। यह भ्रम है कि गोवंश को हम पाल रहे हैं, गोवंश हमें पाल रहा है।

सुरेश कुमार, जोन प्रभारी-रेवाड़ी गोचरान की भूमि ग्राम पंचायत दे तो गोशाला का दायरा बढ़ाओ। जगह कम है तो उतना ही गोवंश रखो जिनकी ठीक से देखभाल हो सके। गोशालाओं में गोवंश भूखा मरा तो सबसे ज्यादा पाप के भागीदार कमेटी पदाधिकारी होंगे।

जितेंद्र शर्मा, कुरुक्षेत्र


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.