शादी का झांसा देकर युवती से दुष्कर्म, गर्भवती हुई तो मुकरा आरोपित, कोर्ट ने सुनाई 10 साल की सजा
पानीपत में दुष्कर्म का मामला सामने आया है। युवक ने युवती से शादी का झांसा देकर दुष्कर्म किया। जब युवती गर्भवती हुई तो युवक शादी करने से मुकर गया। पीड़िता ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई। अब कोर्ट ने दोषी युवक को 10 साल की सजा सुनाई है।
पानीपत, जागरण संवाददाता। शादी का झांसा देकर प्रेमी ने एक हाेटल में युवती से दुष्कर्म किया। गर्भवती हुई तो शादी से मुकर गया। युवती बार-बार शादी की गुहार लगाती रही, वह कोख में पल रहे प्रेमी के अंश को जन्म देना चाहती थी। प्रेमी ने दूसरी लड़की से सगाई कर ली। उधर, युवती का गर्भपात हो गया तो केस दायर कर धोखेबाज प्रेमी को 10 साल की सजा दिलवा दी।
अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश (फास्ट ट्रैक कोर्ट) डा. गगनदीप मित्तल ने दुष्कर्म के दोषी सूरज वासी कुटानी
रोड को 10 साल सजा सुनाई है। दोषी पर 30 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया गया है। पुराना औद्योगिक एरिया की निवासी 19 साल की युवती ने 31 दिसंबर 2019 को महिला थाना में शिकायत दी थी। उसने बताया था कि सूरज से उसकी मुलाकात देवी मंदिर में मुलाकात हुई थी। एक साल तक दोनों के बीच फोन पर बातचीत होती थी।
शादी का झांसा देकर किया दुष्कर्म
अक्टूबर 2019 में सूरज मुझे एक होटल में ले गया और शादी का झांसा देकर दुष्कर्म किया। इसके कुछ दिनों बाद मैंने शादी करने का जिक्र किया तो सूरज ने इंकार कर दिया। पुलिस ने आरोपित के खिलाफ 376 आइपीसी के तहत मुकदमा दर्ज किया। युवती का मेडिकल कराया गया तो वह करीब आठ सप्ताह की गर्भवती थी। पीड़िता ने एक शपथ-पत्र दिया कि वह बच्चे को जन्म देना चाहती है। पुलिस ने दो जनवरी 2020 को सूरज को गिरफ्तार किया। मामला कोर्ट में विचाराधीन था।
इसी दौरान पीड़िता का गर्भपात हो गया। जिला अटार्नी राजेश कुमार चौधरी ने बताया कि शुक्रवार को एडीजे कोर्ट ने दोषी सूरज को आइपीसी की धारा 376 (दो)(एन)में 10 साल की कठोर सजा सुना दी है। दोषी पर 30 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। जुर्माना न देने पर छह माह अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।
दुष्कर्म, समाज के खिलाफ अपराध
फैसला सुनाते हुए एडीजे डा. गगनदीप मित्तल ने टिप्पणी करते हुए कहा कि दुष्कर्म एक महिला नहीं, पूरे समाज के खिलाफ अपराध है। महिला के जीवन को बर्बाद कर देता है। उसका मनोविज्ञान गहरे भावनात्मक संकट में धकेल देता है। एक महिला के जीवन में एक अपमानजनक और दर्दनाक घटना है। घटना पीड़िता को अलग तरह के भय की ओर ले जाती है।
कोर्ट में भी शादी की गुहार
सूरज की न्यायिक हिरासत के दौरान उसकी मां ने शपथ-पत्र कोर्ट में दिया था कि जमानत पर बाहर आते ही वह शादी कर लेगा। सम्भवतया मां की ममता उसे कठोर सजा से बचाना चाहती थी। उधर, पीड़िता भी कोर्ट में बयान दे चुकी थी कि मैं अब भी सूरज से शादी करने को तैयार हूं। पीड़िता के वकील इरफान अली ने बताया कि जेल से बाहर आने के बाद सूरज शादी के लिए तैयार नहीं हुआ।