ओडीएफ प्लस के लिए सार्वजनिक जगहों की हो रही जियो टैगिग
ओडीएफ प्लस में भागीदारी को लेकर गांवों के सार्वजनिक चीजों की जियो टैगिग की जा रही है। दर्जन के करीब कर्मचारी इस काम में लगे हैं। बापौली में जियो टैगिग का काम पूरा हो चुका है। खंड समन्वयक संदीप वर्मा की देखरेख में यह सब हो रहा है।
जागरण संवाददाता, समालखा: ओडीएफ प्लस में भागीदारी को लेकर गांवों के सार्वजनिक चीजों की जियो टैगिग की जा रही है। दर्जन के करीब कर्मचारी इस काम में लगे हैं। बापौली में जियो टैगिग का काम पूरा हो चुका है। खंड समन्वयक संदीप वर्मा की देखरेख में यह सब हो रहा है।
उल्लेखनीय है कि चार साल पहले खंड को ओडीएफ घोषित किया गया था। कोई व्यक्ति खुले में शौच न करे इसके लिए सार्वजनिक शौचालय बनाए गए थे। गरीब ग्रामीणों को शौचालय के लिए सरकार से अनुदान दिया गया था। सफाई व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए कर्मियों का मानदेय बढ़ाने के साथ उन्हें ट्राई साइकिल दिया गया था। गांव में कचरा घर के स्थान तय किया गया था। चारदीवारी और शेड बनाए गए थे। लोगों को जागरूक करने के लिए दीवार पेंटिग की गई थी। इसके बावजूद भी अपेक्षित सफलता नहीं मिली। अब ओडीएफ प्लस के लिए तैयारी शुरू की गई है। ओडीएफ प्लस के लिए इनकी हो रही जियो टैगिग
गांवों के सामूहिक शौचालय, आंगनबाड़ी, राजकीय स्कूल, नाले, सोख्ता, तालाब, चौक चौराहे पर गंदगी की स्थिति आदि की फोटो खींच कर उनकी जियो टैगिग की जा रही है। इसके बाद केंद्रीय टीम द्वारा मौके का निरीक्षण किया जाएगा। स्वच्छता की स्थिति के हिसाब से पंचायत और खंड को अंक दिए जाएंगे। बेहतर अंक पाने वालों को पुरस्कृत किया जाएगा। समन्वयक संदीप वर्मा ने बताया कि समालखा के 34 गांवों में से सात की जियो टैगिग कर दी गई है। सनौली के 21 में 19 गांवों और बापौली के 24 में 24 की टैगिग हो चुकी है।