बृज की फूलों की होली खेलकर हुआ गीता मंदिर के वार्षिकोत्सव का समापन
गीता मंदिर में वार्षिकोत्सव के अंतिम दिन रासलीला मंचन के साथ वृंदावन से आए रासलीला कलाकारों ने बृज की फूलों की होली खेली। मंदिर परिसर में बरसाने की होली जैसा नजारा बन गया।
जागरण संवाददाता, पानीपत : गीता मंदिर में वार्षिकोत्सव के अंतिम दिन रासलीला मंचन के साथ वृंदावन से आए रासलीला कलाकारों ने बृज की फूलों की होली खेली। मंदिर परिसर में बरसाने की होली जैसा नजारा बन गया। रासलीला के कलाकारों ने श्याम संग गोपियों को होली खेलने का मंचन किया। मंदिर में खूब गुलाल उड़ा। साथ ही फूलों से भक्तों ने रासलीला कलाकारों के साथ होली खेली।
सुबह मंदिर में यज्ञोत्सव में पूर्ण आहुति दी गई। स्वामी अवशेषानंद के सानिध्य में पिछले चार दिनों चल रहे वार्षिक गीता यज्ञोत्सव में हजारों श्रद्धालु शामिल हुए। इस अवसर पर स्वामी अवशेषानंद ने होली उत्सव की भक्तों को शुभकामना दी। उन्होंने कहा कि हमें भक्तिमार्ग पर चलते हुए अपने जीवन का संवारना चाहिए। एक दूसरे के काम आएं। भगवान उन्हीं से प्रसन्न होते हैं जो दूसरों के काम आते हैं।
वार्षिकोत्सव के समापन समरोह में फूलो की होली खेलने के बाद स्टेज से प्रसाद फल बांटने के दौरान धक्का मुक्की की हालत बन गई। समापन के अंत में अटूट भंडारे का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में गीता मंदिर प्रधान दर्शन बवेजा ने वार्षिकोत्सव में शामिल लोगों का आभार व्यक्त किया।