लापरवाह सिस्टम ने जिनकी ली जान, वे दूसरों की जिंदगियों को रोशन कर गए
दिल्ली चंडीगढ़ नेशनल हाईवे पर कार हादसे में मरने वाले गोयल दंपती को समाज हमेशा याद रखेगी। उनकी आंखों से अब दूसरों की जिंदगी रोशन होगी।
पानीपत, जेएनएन। गोयल दंपती की भले ही इस लापरवाह सिस्टम ने जान ले ली हो, लेकिन वे समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी को पूरा कर गए। उनकी आंखों की अब चार लोगों की जिंदगी रोशन हो सकती है। उनके परिवार वालों ने गौरव गोयल और डॉ. रंजना गोयल की आंखें दान कीं। इसके लिए समाजिक संस्थाओं ने उन्हें श्रद्धाजंलि अर्पित की।
समाज सेवी गौरव गोयल और उनकी पत्नी डॉ. रंजना गोयल का शव लाडवा पहुंचा। अंतिम संस्कार के वक्त काफी संख्या में लोग मौजूद थे। वहीं इससे पहले लाडवा के नेत्रदान समिति और करनाल के माधव नेत्र बैंक के विशेषज्ञों ने दोनों के नेत्र को सुरक्षित किया।
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ये था मामला
पेट्रोल पंप मालिक व समाजसेवी गौरव गोयल और अपनी पत्नी डॉ. रंजना गोयल के साथ स्वीडन में अपनी बेटी से मिलने के लिए गए थे। सोमवार को दंपती अपनी कार में दिल्ली से लाडवा आ रहे थे। इसी दौरान पानीपत में एक ट्रैक्टर ट्राली से गार्डर गिरकर उनकी कार में जा घुसा। इस हादसे में दोनों की मौत हो गई।
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गौरव के पिता ने भी किया था नेत्रदान
लाडवा में नेत्रदान करने की परंपरा पेट्रोल पंप व्यापारी गौरव ने की थी। उन्होंने लाडवा में सबसे पहले अपने पिता के नेत्रदान कराए थे। इसके बाद उन्हें देखकर कई लोग आगे आए थे। उन्होंने व उनकी पत्नी ने भी नेत्रदान किए हुए थे। हादसे में मरने की सूचना मिलते ही परिजनों ने नेत्र लेने वाली टीम को सूचित किया और टीम ने उनके नेत्र सुरक्षित कर लिए।
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