इस शहर में नकली नोटों का गिरोह सक्रिय, मजदूरों को दिया तो हुआ पर्दाफाश Panipat News
प्लाईवुड फैक्ट्री के मजदूरों को नकली नोट दिए जाने का मामला सामने आया है। जब मजदूर दुकान पर सामान लेने गए तो मामले का पर्दाफाश हुआ। पुलिस ने दो को गिरफ्तार कर लिया है।
पानीपत/यमुनानगर, जेएनएन। जठलाना पुलिस ने नकली नोटों का रैकेट चलाने वाले गिरोह के दो सदस्यों को गिरफ्तार किया है। उनके कब्जे से 30 हजार रुपये के नकली नोट बरामद हुए हैं। मुख्य सरगना अभी पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया। उसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस दबिश दे रही है। नकली नोटों का रैकेट चलाने वाले तीनों युवक हमीदा के रहने वाले हैं। अभी पकड़े गए दोनों आरोपितों को रिमांड पर लिया गया है। इस मामले में एसए मुनीष कांबोज की ओर से शिकायत दी गई है।
पुलिस को दी शिकायत के मुताबिक, शनिवार को गांव खजूरी की हरिओम प्लाईवुड फैक्ट्री में लेबर के ठेकेदार हमीदा निवासी अब्बास ने मजदूरों को उनके वेतन में असली नोटों के साथ साथ 100-100 के नकली नोट भी दिए। मजदूर पास में ही राजकुमार की दुकान पर जब सामान खरीदने के लिए गए, तो पता चला कि नोट नकली हैं। इसके बाद मामला खुल गया। उसने पुलिस को इसकी सूचना दी। पुलिस ने नकली नोटों को कब्जे में लेकर ठेकेदार अब्बास और शमशेद उर्फ सोनू को गिरफ्तार कर लिया।
तीस हजार के बदले मिले थे पचास हजार के नकली नोट
पुलिस ने शमशेद व अब्बास से पूछताछ की तो उन्होंने स्वीकार कि यह नोट उन्हें इंतजार ने दिए थे। इंतजार उनका पड़ोसी है। उसने उन्हें 30 हजार असली नोटों के बदले 50 हजार रुपये दिए थे। अब्बास और शमशेद लेबर ठेकेदार हैं। उन्हें पैसा दिया गया, ताकि वह लेबर की पेमेंट में मिलाकर यह पैसा बांट दे।
उत्तर प्रदेश से जुड़े हो सकते हैं तार
फिलहाल, मुख्य सरगना इंतजार की पुलिस तलाश कर रही है। माना जा रहा है कि इंतजार के उत्तर प्रदेश से तार जुड़े हैं। वहीं से वह नकली नोट लेकर आता है। थाना जठलाना प्रभारी सब इंस्पेक्टर पृथ्वी सिंह ने बताया कि नोट कहां से लाए गए। इस बारे में इंतजार के पकड़ में आने के बाद ही खुलासा हो सकेगा। अब तक की पूछताछ में अब्बास ने यही बताया है कि पहली बार ही उन्होंने इंतजार से पैसे लिए थे। दोनों आरोपितों को रिमांड पर लिया गया है।