Move to Jagran APP

सालों की जान पहचान का उठाया फायदा, रेलवे में नौकरी लगवाने के नाम पर ठगे 7 लाख

पानीपत में ठगी का मामला सामने आया है। रेलवे में नौकरी लगवाने के नाम पर 7 लाख की ठगी की गई। पुलिस ने दंपति सहित सात नामजद किए है। पीड़ित और आरोपित एक दूसरे को 17 सालों से जानते थे।

By Rajesh KumarEdited By: Published: Tue, 24 May 2022 08:28 PM (IST)Updated: Tue, 24 May 2022 08:28 PM (IST)
सालों की जान पहचान का उठाया फायदा, रेलवे में नौकरी लगवाने के नाम पर ठगे 7 लाख
पानीपत में रेलवे में नौकरी लगवाने के नाम पर ठगी।

पानीपत, जागरण संवाददाता। पानीपत के बिशन स्वरुप कालोनी निवासी युधिष्ठिर से रेलवे में खेल कोटे से नौकरी लगवाने के नाम पर सात लाख रुपये ठग लिए। वो भी उस दंपति ने किया, जिसे वो पिछले 17 सालों से जानता था। वहीं सिटी थाना पुलिस ने पीड़ित के बयान पर दंपति सहित सात लोगों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज लिया है। हालांकि मामले की जांच सीआइए टू को सौंपी गई है।

loksabha election banner

सीएम कार्यालय में भेजी शिकायत

पीड़ित युधिष्ठिर ने सीएम कार्यालय के नाम गृहमंत्री को दी शिकायत में बताया कि वो रविंदर दहिया निवासी रमेश नगर तहसील कैंप को 17 सालों से जानते थे। जून 2020 में रविंदर ने उसके भाई गुलशन से कहा कि मेरे पास खेल कोटे से रेलवे में नौकरियां रिक्त हैं। मैं तेरे भाई युधिष्ठिर को उसमें लगवा दूंगा। इसकी एवज में सात लाख रुपये खर्च आएगा। पुरानी पहचान होने पर वो उसकी बातों में आ गए और हामी भर दी।

रविंदर ने नौकरी लगवाने से अलग 50 हजार रुपये कागज बनवाने का खर्च बताया। जो उसके खाते में 12 जुलाई को 35 हजार व 17 जुलाई 2020 को 15 हजार रुपये भेज दिए। फिर उसने टोकन मनी के तौर पर चार लाख की मांग की। उन्होंने 13 अगस्त को 2 लाख व 18 अगस्त को 1.96 लाख रुपये उसके खाते में भेज दिए। उसने ज्वाइनिंग बारे पूछा तो रविंदर ने कहा कि 95 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। अब पूरी पेमेंट कर दो। जिस पर उसने 19 अगस्त को 1.47 लाख खाते में, 4 नवंबर को 10 हजार नकद, 8 दिसंबर 2020 को 80 हजार व 9 दिसंबर को 20 हजार रुपये नकद दिए। फिर 5 फरवरी अपने व भाई के खाते से 2021 को 2.50 लाख रुपये रविंदर के खाते में ट्रांसफर किए।

पैसे लेकर थमाया फर्जी लेटर

युधिष्ठिर के मुताबिक सारे पैसे लेने के बाद रविंदर ने कहा कि कागजी कार्रवाई में समय लगेगा। मेरी अफसरों के साथ बढ़िया सेटिंग है। कुछ दिन बाद उसने दस्तावेज बनाकर उसे दिए और पानीपत रेलवे स्टेशन पर स्टेशन मास्टर के पास रिपोर्ट करने के लिए कहा। जब वो रविंदर द्वारा दिए दस्तावेज लेकर रिपोर्ट करने पानीपत स्टेशन मास्टर के कार्यालय में गया तो उन्होंने दस्तावेज देख उन्हें फर्जी बताया। उन्होंने कहा कि यहां इस तरह की कोई नौकरी नहीं निकली है। तुम्हारे साथ नौकरी के नाम पर ठगी हुई है। जिसकी शिकायत लेकर वो थाने में गया, लेकिन 10 माह तक बुलाते रहे और संतोषजनक कार्रवाई नहीं की।

दंपती ने मिलकर रची साजिश

पीड़ित के मुताबिक आरोपित रविन्द्र दहिया, उसकी पत्नी रेखा रानी के अलावा रमीज राजा (मध्यप्रदेश), गौतम कुमार (दिल्ली), प्रभजोत सिंह (अंबाला), जितेंद्र सिंह (कुरुक्षेत्र), अविनाश व प्रवीन जांगड़ा (करनाल) ने मिल फर्जी कागजात तैयार करा उसके साथ नौकरी लगवाने के नाम पर धोखाधड़ी की। आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।

आरोपितों ने उसे एक खेल फेडरेशन का सर्टिफिकेट, रेलवे माल गोदाम श्रमिक संघ का आइकार्ड व ज्वाइनिंग लेटर संबंधित कागजात थमाए। जबकि रेलवे में ऐसा कोई श्रमिक संघ नहीं बताया गया।

गिरोह ने अनेक लोगों को बनाया है शिकार

युधिष्ठिर के मुताबिक उक्त गिरोह ने अलग अलग प्रदेश के अनेक लोगों को नौकरी लगवाने के नाम पर ठगा है। उसे भी पानीपत रेलवे स्टेशन पर दस्तावेज देने के बाद 15 दिन तक अंबाला में एक जगह पर ट्रेनिंग के नाम पर रखा। ताकि यकीन रहे। उसने कहा कि आरोपितों में से कोई उसे डीआरएम अंबाला का पीए तो कोई रेलवे अधिकारी बनकर बात करता था।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.