हरियाणा के इस शहर में ठगराज, जरा सी लापरवाही से ठगी जा रही जमा पूंजी
पानीपत में लगातार लोग ठगी का शिकार हो रहे हैं। कभी ठग फेसबुक हैक करके तो कभी शॉपिंग के बहाने तो कभी एटीएम और डेबिट कार्ड से खाता खाली कर रहे हैं। एक दो नहीं कई लोग शिकार हो चुके।
पानीपत, [विजय गाहल्याण]। हरियाणा के पानीपत शहर में ठगराज है। कभी फेसबुक पर आइडी हैक करके आपकी प्रोफाइल बना लेते हैं। इसी प्रोफाइल को दिखाकर आपके दोस्तों से रुपये ऐंठ लेते हैं। कभी ओएलएक्स पर खुद को फौजी बताकर खाते से रुपये निकलवा लेते हैं। वाट््सएप पर क्यूआर कोड देकर भी ठगी की जा रही है। मिनटों में रुपये गायब हो जाते हैं। जब तक आपको पता लगता है कि कुछ गड़बड़ है, तब तक ठग अपने नंबर बंद कर चुका होता है। इन ठगों से बचने के लिए जरूरी है किसी के झांसे में न आएं। कोई अगर अनजान नंबर से कह रहा है कि वह आपका दोस्त बोल रहा है और पैसे चाहिए तो अपने दोस्त के नंबर पर सीधे फोन मिला लें। क्यूआर कोड कभी स्कैन न करें। ओटीपी नंबर किसी अनजान को न बताएं।
वारदात करने के तीन तरीके
1- खुद को बताते हैं दोस्त
हरिनगर में ठगी के ज्यादा केस आ रहे हैं। 6 मई को हरिनगर के एक निजी स्कूल के लेक्चरर मनीष घणघस को दोस्त बताया और खाते में रुपये डलवाने का झांसा देकर ऑनलाइन 25 हजार रुपये की धोखाधड़ी कर ली गई। थाना मॉडल टाउन पुलिस ठग को पकड़ नहीं पाई है।
2- फेसबुक पर आइडी हैक कर रहे फेसबुक से फोटो और विवरण कॉपी करते हैं। उसके ही नाम से ही आइडी बनाकर, उसके दोस्तों को मैसेज करते हैं। इलाज या कोई और बहाना बनाकर पेटीएम, पेफोन पे और गूगल पे के माध्यम से पैसे मांगते हैं। कई लोग फेसबुक ठगी से शिकार हो चुके हैं।
3- क्यूआर कोड भेज रहे हैं, स्कैन न करें वाट््सएप पर क्यूआर कोड भेजते हैं। इसे स्कैन करेंगे तो आपके खाते से रुपये कट जाएंगे।
- 11 मई 38000 रुपये ठगे
- 13 मई 24056 रुपये खाते से निकाले
- 14 मई 01 लाख रुपये निकाले।
- 16 मई 11500 रुपये ठगे
- 20 मई 20400 रुपये ठगे
- 23 मई 52800 रुपये ठगे
- 24 मई 35 हजार रुपये ठगे
- इन लोगों से धोखा
- अंसल सुंशात सिटी के धीरज बतरा को फौजी बताकर ठगा हरिनगर के शुभम शर्मा को फोन पे अपग्रेड का झांसा देकर ठगा
- मॉडल टाउन के दिविज चुघ के खाते से रुपये निकाले
- पसीना कलां गांव के संजय के खाते से धोखा
- संदीप शर्मा के खाते से रुपये निकाले
- फेसबुक आइडी हैक हुई, संजय से हुआ धोखा
40 दोस्तों से मांगी आर्थिक मदद
मॉडल टाउन के प्रॉपर्टी डीलर की फेसबुक आइडी हैक कर ली। उसी की एक फेसबुक आइडी बनाई और अस्पताल में भर्ती होने की झूठी बात कहकर 40 दोस्तों को आर्थिक मदद के लिए मैसेज भेजा। जाल में एक दोस्त फंस गया। उसने ठग के खाते में 35 हजार रुपये डलवा दिए। ये वाकया सुनील कुमार की आइडी बनाकर हुआ।
- -05 गैंग सक्रिय हैं इस समय। इनमें फौजी बताकर ओएलएक्स पर ठगी, क्लोन कार्ड बनाकर, डेबिट कार्ड बदलकर, दोस्त बताकर खाते में रुपये डलवाने का झांसा देकर और क्यूआर कोड भेज कर ठगी करने वाले गिरोह शामिल हैं।
- 03 बदमाशों को सीआइए-2 ने पकड़ा गए। तीन मोबाइल फोन, पांच सिम कार्ड बरामद किए। तीन बदमाश सीआइए-टू ने पकड़े।
- 03 टीमें पुलिस की ठगों को पकडऩे में जुटी हैं।
- 50 से ज्यादा ठगी हो चुकी हैं तीन महीने के दौरान
- 250 दोस्तों को मित्रता का निवेदन भेजकर 32 हजार ठगे थे, फेसबुक आइडी हैक की थी
5 प्रदेशों के ठग दे रहे हैं वारदातों को अंजाम
इसमें हरियाणा, पश्चिम बंगाल, बिहार, राजस्थान और दिल्ली के ठग शामिल हैं।
ऐसे भी करते हैं ठगी
स्कीमर से की जाती है डिटेल कॉपी
ठग एटीएम व कार्ड स्वाइप की अन्य मशीनों पर स्कीमर लगाकर रखते हैं। स्कीमर एक छोटी डिवाइस होती है। यह कार्ड स्वाइप करने के खाचे के ऊपर लगाई जाती है। स्वाइप करने के दौरान कार्ड इस स्कीमर से गुजरता है। इसी दौरान ठग स्कीमर में कार्ड की डिटेल कॉपी कर लेता है। इसके बाद ठग कार्ड का क्लोन बनाकर आपके कार्ड की डिटेल को कॉपी करता है और गोपनीय कैमरों से पिन नंबर देखकर आपके खाते से रकम उड़ाई जाती है।
कैंसिल बटन में डालते है एलफी
अब विप वाले डेबिट कार्ड प्रचलन में हैं। एटीएम प्रयोग के दौरान अब ट्रांजक्शन पूरी होने तक कार्ड मशीन के अंदर ही रहता है। ऐसे में ठग एटीएम के कैंसिल बटन पर एलफी डालकर उसे चिपका देते हैं। जिससे ट्रांजक्शन के बाद भी डेबिट कार्ड बाहर नहीं आता और ताक में खड़े ठगे मदद के नाम पर आपका डेबिट कार्ड बदल देते हैं। एटीएम प्रयोग से पूर्व स्कीमर और एलफी डालने की जांच कर लें। संभव हो तो केवल बैंकों और गार्ड वाले एटीएम का ही प्रयोग करें।
- जागरूक रहकर बचाएं अपनी पूंजी
- - एटीएम मशीन में कार्ड स्वाइप करने की जगह की हिलाकर जांच करें।
- - कार्ड स्वाइप के खाचे से कुछ अलग होने पर प्रयोग न करें।
- - एटीएम रूम में अकेले ही छिपाकर गोपनीय कोड डालें।
- - ई-पेमेंट के दौरान मशीन की जांच कर खुद स्वाइप कर कोड डालें।
- - कहीं भी एटीएम का पिन न लिखें।
- - फ्राड होने के तुरंत बाद बैंक व पुलिस से शिकायत करें।
- - ओएलएक्स व ई-शॉपिंग से खरीदा सामान डिलीवरी होने से पहले पेमेंट न करें।
ऑनलाइन ठगी के मामले बढ़ रहे हैं। ठगों को पकडऩे के लिए साइबर सेल सहित पुलिस की चार टीमें लगी हुई है। लोगों को भी जागरूक होना होगा। अपनी डिटेल शेयर नहीं करनी चाहिए।
सतीश कुमार वत्स, डीएसपी मुख्यालय