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फ्लैट के नाम पर नेवी कमांडर से ठगे 14 लाख

जागरण संवाददाता पानीपत इंडियन नेवी के कमांडर से फ्लैट के नाम पर केरल के बिल्डर ने 14

By JagranEdited By: Published: Fri, 07 Aug 2020 08:42 AM (IST)Updated: Fri, 07 Aug 2020 08:42 AM (IST)
फ्लैट के नाम पर नेवी कमांडर से ठगे 14 लाख
फ्लैट के नाम पर नेवी कमांडर से ठगे 14 लाख

जागरण संवाददाता, पानीपत : इंडियन नेवी के कमांडर से फ्लैट के नाम पर केरल के बिल्डर ने 14 लाख रुपये की ठगी कर ली। बिल्डर ने कमांडर से ऑनलाइन संपर्क कर निर्माणाधीन बिल्डिग दिखाई। वर्ष 2017 तक तीन बेडरूम का फ्लैट देने का वादा किया। 2020 तक भी फ्लैट न मिलने और कंपनी द्वारा आनाकानी करने पर कमांडर ने कंपनी के डायरेक्टर और मैनेजर के खिलाफ मॉडल टाउन थाने में केस दर्ज कराया है। कंपनी के बिल्डर पर केरल और उपभोक्ता फोरम में भी धोखाधड़ी के कई केस दर्ज हैं।

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मॉडल टाउन निवासी मानु प्रताप सिंह हुड्डा इंडियन नेवी में कमांडर हैं। उन्होंने बताया कि वर्ष 2015 में केरल की मीर रियल्टर प्राइवेट लिमिटेड कंपनी ने उनसे फ्लैट के लिए ऑनलाइन संपर्क किया। केरल में पोस्टिग रहने के कारण वह भी वहां मकान तलाश रहे थे। मीर कंपनी की मैनेजर स्वापना पानीकर ने उन्हें एक निर्माणाधीन बिल्डिग दिखाई। बिल्डिग में तीन बेडरूम सेट फ्लैट की कीमत 52 लाख रुपये बताई। वर्ष 2017 तक फ्लैट हेंडओवर करना था। इसकी एवज में अक्तूबर 2015 में 14 लाख रुपये ले लिए। यह फ्लैट केरल के त्रिवेंद्रम में बताया गया। दो वर्ष के अंतराल में कमांडर से कई बार ऑनलाइन और एक बार मौके पर जाकर निर्माण देखा तो उसमें कोई प्रगति नहीं मिली। कंपनी से संपर्क करने पर उन्होंने रुपये लौटाने का वादा किया, लेकिन बार-बार समय बढ़ाते रहे। अब कंपनी के डायरेक्टर ने फोन तक उठाना बंद कर दिया। फ्लैट और रुपये वापस न मिलने पर कमांडर ने कंपनी के निदेशक अरुण कुमार और मैनेजर स्वापना पानीकर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है।

दो बार चेक भी हुए बाउंस

कमांडर से बताया कि कंपनी की कंपनी ने उन्हें एक-एक लाख रुपये के दो चेक दिए। ये बाउंस हो गए। चेक बाउंस की शिकायत कोर्ट में की गई तो कंपनी ने दो लाख रुपये वापस किए।

पुलिस ने छह माह बाद दर्ज किया केस

सरकार की ओर से सेना के अधिकारी-कर्मचारियों के कानूनी और सरकारी कार्य को प्राथमिकता से करने के निर्देश हैं। इसके बाद भी मॉडल टाउन थाना पुलिस ने कमांडर का केस दर्ज करने और कार्रवाई करने में रूचि नहीं दिखाई। कमांडर ने बताया कि उन्होंने फरवरी में मॉडल टाउन थाने में शिकायत दर्ज कराया थी, लेकिन पुलिस को केस दर्ज करने में छह माह लग गए।


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