Move to Jagran APP

चौदह दिन इलाज, 20 दिन होम क्वारंटाइन में रहकर कोरोना को हराया

मेरा गांव उग्राखेड़ी है आयु 69 साल और शिक्षा विभाग से सहायक जिला शिक्षा अधिकारी (खेल) सेवानिवृत्त हूं। आठ मार्च-2021 को मेरी तबियत खराब हो गई थी। 10 मार्च को स्वजनों ने प्रेम अस्पताल में भर्ती करा दिया था।

By JagranEdited By: Published: Thu, 03 Jun 2021 06:57 AM (IST)Updated: Thu, 03 Jun 2021 06:57 AM (IST)
चौदह दिन इलाज, 20 दिन होम क्वारंटाइन में रहकर कोरोना को हराया
चौदह दिन इलाज, 20 दिन होम क्वारंटाइन में रहकर कोरोना को हराया

जागरण संवाददाता, पानीपत : मेरा गांव उग्राखेड़ी है, आयु 69 साल और शिक्षा विभाग से सहायक जिला शिक्षा अधिकारी (खेल) सेवानिवृत्त हूं। आठ मार्च-2021 को मेरी तबियत खराब हो गई थी। 10 मार्च को स्वजनों ने प्रेम अस्पताल में भर्ती करा दिया था। अस्पताल में 14 दिन, 20 दिन होम आइसोलेशन में रहकर कोरोना को हराया।

loksabha election banner

बुखार-खांसी होते ही मैंने खुद को घर में आइसोलेट कर लिया था। स्वाब सैंपल की रिपोर्ट पॉजिटिव आई तो अस्पताल में भर्ती हो गया। हालत इतनी खराब हो गई थी कि कृत्रिम ऑक्सीजन पर रहना पड़ा। वहां तो कुछ खाया-पिया भी नहीं। डिस्चार्ज होकर घर पहुंचा, सात दिन तक दवा खानी पड़ी। इसके बाद भी 12-13 दिन तक आइसोलेट रहा।

इस दौरान सुबह समाचार पत्र पढ़ना, व्यायाम करना, नाश्ते में दलिया खिचड़ी खाता था। घर में बना सादा भोजन लिया। रात को सोने से पहले हल्दी मिश्रित दूध पीता था, अब भी पीता हूं। पत्नी इंद्रावती सहित सभी ने देखभाल करते हुए, हौसला बढ़ाए रखा। परिवार में दो पुत्र, दो पुत्रवधू, दो पौत्र और दो पौत्रियां हैं। गनीमत है कि मेरे अलावा कोरोना किसी को छूृ न सका।

- गांव उग्राखेड़ी निवासी विरेंद्र मलिक ने जागरण संवाददाता को जैसा बताया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.