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दर्दनाक हादसा देख सहमे लोग, पलक छपकते ही चार को खींच ले गई मौत Panipat News

जींद नारनौंद के बीच में बस और कार की टक्कर में चार लोगों की मौत हो गई। चारों अंबाला के रहने वाले थे और राजस्थान जा रहे थे।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Fri, 31 Jan 2020 03:48 PM (IST)Updated: Sat, 01 Feb 2020 11:23 AM (IST)
दर्दनाक हादसा देख सहमे लोग, पलक छपकते ही चार को खींच ले गई मौत Panipat News
दर्दनाक हादसा देख सहमे लोग, पलक छपकते ही चार को खींच ले गई मौत Panipat News

पानीपत/अंबाला, जेएनएन। नींद की झपकी आते ही चार लोगों को मौत खींच ले गई। जींद नारनौंद के बीच हुए दर्दनाक हादसे को जिसने भी देखा वह सहम उठा। एक शव काफी देर तक कार में ही फंसा रहा। पुलिस वालों ने गांव वालों की मदद से किसी तरह से शव को बाहर निकाला। चारों अंबाला के रहने वाले थे और राजस्थान जा रहे थे। हादसा सुबह आठ छह बजे का है।

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जींद भिवानी रोड पर खांडा खेड़ी गांव के पास स्कूल और कार बस की भीषण टक्कर हुई। इसमें कार में बैठे अंबाला के चार लोगों की मौके पर ही मौत हो। हादसा तेज गति से कार होने और रॉन्ग साइड से आने की वजह से बताया जा रहा है। वहीं राहगीरों का कहना है कि चालक को झपकी आ गई, जिससे हादसा हुआ। कार सीधे सामने से आ रही बस से टकरा गई। कार के आगे का हिस्सा पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया। एक व्यक्ति का शव कार में फंस गया था।

राजस्थान जा रहे थे चारों

कार में बैठे चारों लोग अंबाला के स्योंत्ती गांव के रहने वाले थे। कार को बंटी चला रहा था, जबकि कार का मालिक बाबा गणेश नाथ था। बाबा गणेश नाथ राजस्थान के मूल निवासी है और गांव के शिव मंदिर में पुजारी हैं। वहीं पिछले कई सालों से रह रहे थे। कार में बाबा के शिष्य रामस्वरूप और इस्माईलाबाद के आढ़ती रामकरण भी थे। सभी राजस्थान के तहसील खंडा स्थित बाबा गोरखनाथ के आश्रम में जा रहे थे। सुबह छह बजे सभी राजस्थान के लिए निकले थे और आठ बजे हादसा हो गया।

अभी परिवार वालों को नहीं है जानकारी

गांव में अभी हादसे की जानकारी परिवार वालों को नहीं है। स्वजनों ने बताया कि चारों राजस्थान में गए हैं। ग्रामीणों ने भी परिवार को हादसे की सूचना नहीं दी है। हालांकि घर में लोगों का आना जाना है। ऐसे में किसी अनहोनी का अहसास है। वहीं उन लोगों से संपर्क न होने की वजह से हादसे का अंदेशा जता रहे हैं। सभी के शव जींद सिविल अस्पताल में हैं। 

गैस कटर से काटकर बाहर निकाला, तब तक थम गई सांसें

हादसे में स्विफ्ट कार बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई थी और सबसे ज्यादा बुरी तरह भी बंटी ही फंसा हुआ था। इसके बावजूद बंटी की सांसें चल रही थी। हादसा होते ही बाबा गणेशनाथ, रामकरण और रामस्वरूप की मौत हो गई थी। उन्हें जींद के नागरिक अस्पताल में पहुंचा दिया गया था, लेकिन बंटी कार में बुरी तरह से फंसा हुआ था। कुछ देर तक बंटी की सांसें चलती रही, लेकिन जब तक गैस कटर के साथ गाड़ी के कुछ हिस्से को काटकर बंटी को बाहर निकाला, तब तक बंटी की सांसें थम चुकी थी।  

खून बिखरा देख दहल गया दिल

हादसा इतना भयानक था कि कार के आगे से परखच्चे उड़ गए थे। तीन लोगों की मौके पर मौत हो गई थी। कार के अंदर खून बिखरा हुआ था। खिड़की, सीट सब  जगह खून के छींटे लगे हुए थे। जो भी हादसा देख रहा था, सबका दिल दहल रहा था। ड्राइवर ने सीट बेल्ट भी लगाई हुई थी। फिर भी एयर बैग ने भी कोई काम नहीं किया। उसके मुंह, नाक व सिर से खून निकला हुआ था। 

बंटी और रामकरण के परिवार के सदस्यों ने बताया कि बंटी गाड़ी चलाता था और रामकरण की ईस्माइलाबाद मंडी में आढ़त की दुकान थी। रामस्वरूप बाबा का ही चेला था। बंटी को इसलिए भी बाबा गणेशनाथ साथ ले गए थे, ताकि लंबे सफर में बीच-बीच में वह गाड़ी चला सके। उन्हें क्या पता था कि गोरखनाथ मंदिर की यात्रा उनकी अंतिम यात्रा साबित होगी। नारनौंद थाना प्रभारी दलबीर ने बताया कि मृतकों के स्वजनों के बयान पर अज्ञात बस चालक के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। मृतकों के शव पोस्टमार्टम कर परिजनों को सौंप दिए गए हैं। हादसे के कारणों का पता लगाया जा रहा है। उसके आधार पर ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।


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