फाइनल एग्जाम के चार महीने बाकी, टॉपर आने के लिए पढ़ाई जरूरी
पानीपत म्ैँ सीबीएसई और हरियाणा बोर्ड से संबंधित स्कूलों में सितंबर परीक्षा के परीणाम जारी हो चुके हैं।
जागरण संवाददाता, पानीपत : सीबीएसई और हरियाणा बोर्ड से संबंधित स्कूलों में सितंबर परीक्षा के परिणाम सबके पास आ चुके हैं। बच्चों को उनकी गलती का पता चल गया है। अब फाइनल एग्जाम को चार महीने बचे हैं। बच्चे इन चार महीने में बेहतर ढंग से पढ़ें तो वे बेहतर नतीजे ला सकते हैं। उनको अब फाइनल परीक्षा को टारगेट कर आगे बढ़ना होगा। वे अब भी समय पर नहीं जागे तो फिर रिजल्ट के दिन आंसू बहाने के सिवाय कुछ नहीं होगा।
दैनिक जागरण के सीनियर रिपोर्टर जगमहेंद्र सरोहा ने जिला शिक्षा अधिकारी उदय प्रताप ¨सह से बातचीत की। पेश है बातचीत के प्रमुख अंश।
-----------------
सवाल : इस बार कितने सरकारी स्कूलों का परीक्षा परिणाम खराब रहा है? इसके क्या कारण रहे हैं?
जवाब : जिले के करीब 19 स्कूलों का रिजल्ट खराब रहा है। कई स्कूलों में स्टाफ की कमी इसका बड़ा कारण रहा है।
सवाल : सरकारी स्कूलों में इस बार रिजल्ट सुधार को क्या कदम उठाए हैं?
जवाब : स्कूल प्रमुखों को सत्र के पहले दिन से ही नियमित रूप से पढ़ाई कराने की हिदायत दी गई है।
सवाल : क्या हिदायत देने मात्र से स्कूलों का परीक्षा परिणाम सुधर सकता है?
जवाब : मैं खुद स्कूलों का निरीक्षण कर रहा हूं और बाकी अधिकारी भी इसी तरह से निरीक्षण करते हैं।
सवाल : आपके और बाकी अधिकारियों के निरीक्षण में क्या कुछ खामियां सामने आई हैं?
जवाब : कई स्कूलों में बच्चे की पढ़ाई का लेवल अपेक्षाकृत कुछ कम मिला है। इन विषयों के अध्यापकों को हिदायत दी गई है।
सवाल : क्या इन स्कूलों का दोबारा निरीक्षण कर व्यवस्थाओं को जांचा जाएगा?
जवाब : जी, बिल्कुल। इन स्कूलों का निरीक्षण कर फिर से व्यवस्थाओं को जांचा जाएगा।
सवाल : स्कूलों में शिक्षा के सुधार के लिए कोई खास कदम उठाया गया है?
जवाब : स्कूलों में सरकार के आदेशानुसार हर सुविधा दी जा रही है। विद्यार्थियों को किसी तरह की परेशानी नहीं होने दी जाती।
सवाल : आप विद्यार्थियों को सफलता का कोई मंत्र देना चाहेंगे।
जवाब : विद्यार्थी अब फाइनल परीक्षाओं को ध्यान में रखकर घर पर सुबह और शाम को गंभीरता के साथ पढ़ाई करें।
सवाल : एक विद्यार्थी के लिए टीचर के साथ अभिभावकों का कितना रोल होता है?
जवाब : कोई भी विद्यार्थी स्कूल से ज्यादा अपने घर पर रहता है। ऐसे में अभिभावकों की जिम्मेदारी भी बराबर है। वे अपने बच्चों की पढ़ाई पर पूरा ध्यान दें।