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चार माह बाद भी नहीं मिली गन्ना बांडिग में दोषी कर्मचारी को सजा

लघु सचिवालय में बुधवार को सुरेंद्र ने बताया कि गन्ने की बांडिग में शुगर मिल के कर्मचारी ने हेराफेरी कर गलत रिपोर्ट बना दी। शिकायत के बाद 15 फरवरी को डीसी और 21 फरवरी 2019 को ऑल हरियाणा शुगर फेडरेशन पंचकूला की तरफ से जांच हुई।

By JagranEdited By: Published: Thu, 11 Jul 2019 09:26 AM (IST)Updated: Thu, 11 Jul 2019 09:26 AM (IST)
चार माह बाद भी नहीं मिली गन्ना बांडिग में दोषी कर्मचारी को सजा
चार माह बाद भी नहीं मिली गन्ना बांडिग में दोषी कर्मचारी को सजा

जागरण संवाददाता, पानीपत : गन्ना बांडिग में दोषी पाए गए पानीपत शुगर मिल के एक कर्मचारी को सजा नहीं मिली है। सीएम कार्यालय में शिकायत देने के बाद चार माह पहले मुख्यालय से इसकी जांच कराई गई थी। दोषी पर कार्रवाई की मांग को लेकर किसान सुरेंद्र ने डीसी सुमेधा कटारिया से मुलाकात की।

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लघु सचिवालय में बुधवार को सुरेंद्र ने बताया कि गन्ने की बांडिग में शुगर मिल के कर्मचारी ने हेराफेरी कर गलत रिपोर्ट बना दी। शिकायत के बाद 15 फरवरी को डीसी और 21 फरवरी 2019 को ऑल हरियाणा शुगर फेडरेशन पंचकूला की तरफ से जांच हुई।

सुरेंद्र ने बताया कि जांच रिपोर्ट देखने के लिए आरटीआइ लगाई। रिपोर्ट में गन्ने की बांडिग के बारे में और कई नए राज खुले। 22 फरवरी को शुगर मिल प्रशासन ने अपने बचाव में कुछ त्रुटियां ठीक कर उन्हें सूचित कर दिया। आरटीआइ में गन्ने की बांडिग के बारे में जो जवाब दिया गया, वो पॉलिसी से मेल नहीं खा रहा है। पॉलिसी के पैराग्राफ नंबर 6 में स्पष्ट रूप से लिखा है कि 50 क्विंटल प्रति एकड़ गन्ने की बांडिग की जाए। उन्होंने 5 एकड़ में गन्ना बोया था। दोषी कर्मचारी को बचाने के लिए अधिकारी उन पर दबाव बना रहे हैं।

हस्ताक्षर करने का बना रहे दबाव

सुरेंद्र ने बताया कि सीएम कार्यालय में उन्होंने बांडिग की शिकायत (029808) दी थी। सीडीओ कर्मवीर उन्हें बार-बार फोन कर 2019 के गन्ने बांडिग के लिए हस्ताक्षर करने का दबाव बना रहे थे। आठ माह से पंचकूला मुख्यालय से लेकर जिला प्रशासन और शुगर मिल के एमडी से गुहार लगा चुके हैं। भाजपा के पारदर्शी सिस्टम में कोई अधिकारी उनकी बात सुनने को तैयार नहीं है।

दोषी कर्मचारी पहुंचा सर्वे करने

उन्होंने बताया कि दोषी कर्मचारी को सजा नहीं मिलने से उसके हौसले बुलंद हैं। शुगर मिल प्रबंधन ने दोबारा नरेश फौगाट को सर्वे करने के लिए उनके खेत में भेज दिया। उन्होंने सर्वे कराने से मना कर दिया। वर्ष 2018 में बोया गया गन्ना खेत में खड़ा था। शुगर मिल में अब पेराई बंद हो चुकी है। सीडीओ से इस गन्ने का सर्वे करने के लिए कहा तो टालमटोल करने लगें।


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