जींद, जागरण संवाददाता। जींद के उचाना कलां विधानसभा क्षेत्र से पूर्व विधायक रहे भाग सिंह छात्तर का मंगलवार रात निधन हो गया। भागसिंह छात्तर को बांगर की राजनीति में नए समीकरण बनाने वाले नेता के रूप में जाना जाता है। 70 वर्षीय भागसिंह छात्तर को हार्ट अटैक आने पर हिसार के निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। रात को उपचार के दौरान उनका निधन हो गया। भागसिंह छात्तर वर्ष 2000 में इनेलो से विधायक बने थे और फिलहाल वे जजपा में थे। 1998 में भाग सिंह जिला परिषद के चेयरमैन भी रहे।
उचाना कलां विधानसभा क्षेत्र से वर्ष 2000 में इनेलो के टिकट पर बीरेंद्र सिंह जैसे दिग्गज को हराकर उन्होंने राजनीति में अपनी खास पहचान बनाई थी। इससे पहले बीरेंद्र सिंह 1977, 1982, 1991 व 1996 में विधायक रहे थे। 1996 में भागसिंह छात्तर बीरेंद्र सिंह से समता पार्टी के टिकट पर बीरेंद्र सिंह से हार गए थे। बेशक इसके बाद वे दोबारा विधायक नहीं बन पाए, लेकिन उचाना क्षेत्र में उन्होंने लोगों के बीच विशेष जगह बनाए रखी।
इनेलो सरकार में ओमप्रकाश चौटाला के मुख्यमंत्री रहते विधायक रहे भागसिंह छात्तर हमेशा ही जमीन से जुड़े रहे। आज भी उनका परिवार गांव में अपने खेतों को खुद संभालता है। उनके निधन पर प्रदेश भर के नेताओं ने शोक जताया है।
एक साल पहले जजपा में आए थे छात्तर
भागसिंह छात्तर ने इनेलो के सत्ता से बाहर हाेने के करीब दो साल बाद ही पार्टी छोड़ दी थी। इसके बाद वे पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा के नेतृत्व में कांग्रेस में शामिल हुए, लेकिन यहां उनकी राजनीति ज्यादा नहीं चल की। ऐसे में करीब एक साल पहले उन्होंने कांग्रेस छोड़ कर जजपा में शामिल होने का फैसला लिया था। किसान आंदोलन के भारी विरोध के चलते भी उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने उनके घर पहुंच कर भागसिंह छात्तर के साथ अपने लगाव को दिखाया था।