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पूर्व मंत्री बीरेंद्र सिंह ने कहा, किसान चैंबर ऑफ कॉमर्स बनाकर लड़ेंगे उनके हकों की लड़ाई

पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह डुमरखां ने सर छोटूराम विचार मंच के कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की। उन्होंने कहा किसान चैंबर ऑफ कॉमर्स बनाकर किसान हकों की लड़ाई लड़ेंगे।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Fri, 13 Mar 2020 05:14 PM (IST)Updated: Fri, 13 Mar 2020 05:14 PM (IST)
पूर्व मंत्री बीरेंद्र सिंह ने कहा, किसान चैंबर ऑफ कॉमर्स बनाकर लड़ेंगे उनके हकों की लड़ाई
पूर्व मंत्री बीरेंद्र सिंह ने कहा, किसान चैंबर ऑफ कॉमर्स बनाकर लड़ेंगे उनके हकों की लड़ाई

पानीपत/कुरुक्षेत्र, जेएनएन। पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह डुमरखां ने कहा कि अपने हकों के लिए हर वर्ग एकजुट है, लेकिन किसान बिखरे हुए हैं। हर 20 किलोमीटर के किसान की लड़ाई अलग है। भारतीय किसान यूनियन उनकी आवाज उठाती थी। अब इनमें भी फूट पड़ गई है। एक यूनियन की कई-कई इकाइयों बन गई हैं। इन सबके बीच किसान पीस रहा है। वे किसानों को उनका हक दिलाने के लिए आगे आए हैं और उद्यमियों की तरह किसान चैंबर ऑफ कॉमर्स बनाकर किसान के हकों की लड़ाई लड़ेंगे। 

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उन्होंने ये बात शुक्रवार को नीलकंठ यात्री निवास में सर छोटूराम विचार मंच की पांच जिलों के कार्यकर्ताओं की मीटिंग को संबोधित कर रहे थे। बीरेंद्र सिंह डुमरखां ने कहा कि सरकारों ने कृषि के लिए तो कई योजना बनाई, लेकिन किसान को ऊपर उठाने के लिए आज तक कोई योजना नहीं बनीं। सरकारें इसके दावें भी करता आ रही हैं। आज किसान मजबूत बनने की बजाय कमजोर ही हुआ है।

कहा, किसान को गेहूं का समर्थन मूल्य पांच हजार रुपये भी दे दिया जाए तो वह फिर भी अपने परिवार का पालन पोषण नहीं कर सकता। यही कारण है कि खेती से हर कोई भाग रहा है। लोहे व सीमेंट के रेट बढऩे से लोगों पर कोई असर नहीं पड़ता। अगर आलू व टमाटर के दाम पांच रुपये भी बढ़ जाएं तो हल्ला मच जाता है। सर छोटूराम ने इन सबके बारे में किसानों को आज से सौ साल पहले अवगत करा दिया था। गरीब व कमेरे वर्ग को एकजुट होकर चलना होगा। 

इस पर जताई चिंता

पूर्व मंत्री ने कम होती धरती पर भी चिंता जताई और कहा कि इससे किसान ही नहीं इससे जुड़े दूसरे वर्ग का भी गुजारा करना मुश्किल हुआ है। युवा सरकारी नौकरी की तरफ भागने लगे हैं। किसानों को जगाने के लिए उनके बीच जाएंगे। अगले महीने यमुनानगर में कुरुक्षेत्र, अंबाला, यमुनानगर, करनाल व पंचकूला के मंच पदाधिकारियों की बैठक होगी। इसमें किसानों के मुद्दों को तय किया जाएगा। मंच इस बार युवा इकाइयों का गठन भी करेगा। इस मौके पर प्रदेश महासचिव राजेंद्र बाखली, जिला प्रधान गोपीचंद सैनी, महासचिव धर्मपाल मैहरा, रामकिशन व डॉ. ओमदत्त मौजूद रहे। 


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