अर्श से फर्श पर पहुंचा राजनीति का दिग्गज बड़शामी, जमानत पर आया बाहर
इनेलो के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष शेर सिंह बड़शामी को धोखाधड़ी मामले में जमानत मिल गई है। कोर्ट ने जमीन धोखाधड़ी के मामले में बड़शामी की जमानत मंजूर कर ली है।
पानीपत/यमुनानगर, जेएनएन। शेर सिंह बड़शामी का नाम हरियाणा की राजनीति के दिग्गजों में शुमार थे। लेकिन पहले जेबीटी भर्ती घोटाला और अब अब जमीन धोखाधड़ी मामले में अर्श से फर्श में आ गए। उसे जेल जाना पड़ा। कोर्ट ने जमीन धोखाधड़ी के मामले में बड़शामी की जमानत मंजूर कर ली है।
जेबीटी टीचर भर्ती घोटाले में सजायाफ्ता इनेलो के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष शेरसिंह बड़शामी को कोर्ट से राहत मिली है। कोर्ट ने जमीन धोखाधड़ी के मामले में बड़शामी की जमानत मंजूर कर ली है। काफी दिनों से बड़शामी की ओर से जमानत के लिए संघर्ष हो रहा था। सरकारी वकील आशुतोष ने बताया कि कोर्ट में शिकायतकर्ता कर्मवीर सिंह ने तर्क दिया था कि उन्हें शेरसिंह की जमानत पर एतराज नहीं है। इस पर एडीजे विजयंत सहगल ने शेर सिंह बड़शामी को जमानत दे दी।
यह था मामला
खुर्दबन निवासी कर्मवीर ने कोर्ट में याचिका दाखिल कर शेर सिंह पर जमीन के फर्जी दस्तावेज तैयार कर इकरारनामा बनवाने के आरोप लगाए गए। यह जमीन भी किसी और को बेचने के नाम पर करीब 45 लाख रुपये का बैनामा हड़पा गया। मामले में कोर्ट के आदेश पर आरोपितों के खिलाफ केस दर्ज हुआ था। कर्मवीर ने बताया था कि उनकी 96 कनाल दस मरले जमीन है। दो जुलाई 2016 को ही इस जमीन का इकरारनामा तैयार कराया गया था। इसमें गत दो दिसंबर को इस मामले में केस दर्ज हुआ था। लाडवा के पूर्व विधायक शेर सिंह बडशामी जेबीटी घोटाले में 10 साल की सजा होने के कुछ माह बाद ही कोर्ट से मेडिकल आधार पर जेल से अंतरिम जमानत पर बाहर आ गए थे।
सीबीआइ कोर्ट ने भेजा था तिहाड़
कोर्ट के आदेश अनुसार बड़शामी को अपने कुरुक्षेत्र निवास के अलावा, चार निर्धारित अस्पतालों में इलाज कराने के लिए अधिकृत किया गया था। इसी बीच कोर्ट ने उनकी अंतरिम जमानत रद कर दी थी। इस पर सीबीआइ की टीम उन्हें लेने के लिए पहुंची थी, लेकिन इससे पहले ही उन्होंने जगाधरी कोर्ट में सरेंडर कर दिया। यहां से उन्हें जेल भेज दिया गया, जिससे सीबीआइ को बैरंग लौटना पड़ा था। बाद में सीबीआइ 17 दिसंबर को उन्हें प्रोडक्शन वारंट पर लेकर गई थी।
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