Move to Jagran APP

जिस मिल से लाहौर जाता था आटा, 14 पुलिस जिप्सियां कब्जा लेने पहुंचीं

6.5 एकड़ ओल्ड ग्रांट की जमीन पर कब्जा लेते वक्त हुई नोकझोंक। प्रशासन पर लगाया दबाव में काम का आरोप। आनन फानन में कब्जा के लिए सभी को निकाला गया बाहर।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Thu, 09 Jul 2020 01:26 PM (IST)Updated: Thu, 09 Jul 2020 01:26 PM (IST)
जिस मिल से लाहौर जाता था आटा, 14 पुलिस जिप्सियां कब्जा लेने पहुंचीं
जिस मिल से लाहौर जाता था आटा, 14 पुलिस जिप्सियां कब्जा लेने पहुंचीं

पानीपत/अंबाला, जेएनएन। 1904 के बाद अंबाला छावनी की जिस बीडी फ्लोर मिल से रेलगाड़ी से लाहौर तक आटा जाता था, आज उसी जमीन का कब्जा लेने के लिए प्रशासन का पूरा अमला पहुंच गया। चौदह पुलिस की जिप्सियां, एसडीएम, नगर परिषद की ट्रालियां और अधिकारी मौके पर डट गए। करीब साढ़े छह एकड़ ओल्ड ग्रांट की जमीन दी गई थी, जिसका जमीन का उपयोग बदलने की बात करते प्रशासन ने लोगों को नोटिस दिए थे। करीब तेरह लोगों के हिस्से में यह जमीन है, लेकिन कुछ लोगों ने अलग-अलग लोगों को पावर आफ अटार्नी दे रखी है।

loksabha election banner

मिल में प्लाट काटकर बेचने, कमर्शियल जमीन का प्रयोग करने की बात कही गई है। डीसी ने सभी लोगों को नोटिस जारी कर उनसे जवाब मांगा था और असंतुष्ट होते हुए  बुधवार को कब्जा लेने का आदेश जारी किया गया था। आदेशों में पांच दिन का समय दिया गया था। लेकिन आनन फानन में बुधवार को ही कब्जा ले लिया गया। यहां रह रहे लोगों को ही नहीं, बल्कि उनके सामान को भी बाहर निकाल दिया गया। इस बीच पुलिस और जिन लोगों को पावर आफ अटार्नी दी गई है, उनके बीच नोकझोंक भी हुई। आरोप लगाए गए हैं कि दबाव में प्रशासन ने यह कदम उठाया है। वह कोर्ट न जा पाएं, इसलिए आनन फानन में यह कब्जा ले लिया गया। 

चार मकानों के नक्शे नप ने पास किए

नगर परिषद (नप) ने बीडी फ्लोर मिल में बने नक्शे भी पास कर रखे हैं। इस जमीन के करीब 15 मालिक हैं। कोर्ट से डिक्री के बाद अंबाला छावनी की नगर परिषद से अलग-अलग लोगों के नाम मुटेशन हो गई। जीएलआर में भी फ्लोर मिल के नाम से जिक्र है। इस जमीन के मालिक कुछ अंबाला में रहते हैं, तो कुछ दिल्ली में रहते हैं। वकील के माध्यम से इन लोगों ने अपना पक्ष प्रशासन के आगे रखा, जिससे वह संतुष्ट नहीं हुआ। बुधवार को बीडी फ्लोर मिल का क्षेत्र पुलिस छावनी में बदल गया। एसडीएम सुभाष सिहाग, नप सचिव राजेश कुमार, डीएसपी रामकुमार पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। जिन लोगों के नाम पावर आफ अटार्नी थी उनको भी भीतर जाने नहीं दिया गया। इस दौरान पुलिस ने कब्जा लेते हुए भीतर की वीडियोग्राफी भी करवाई है।

हम एक माह पहले यहां पर आए थे। पशुओं की देखरेख करते थे। लेकिन अब हमसे घर भी छीन लिया गया और रोजगार भी। 

- छोटाराम

हमारी क्या गलती थी। जो हमारे सामान को फेंक दिया गया। अधिकारियों को जरा भी रहम नहीं आया। अब कहां जाएं।

- लता

मैं बिहार की रहने वाली हूं। यहां पर परिवार के साथ रह रही थी। लेकिन पहले बताते कि मकान खाली करना है। तो कही और व्यवस्था करते। 

- डोली मिश्रा 

हम बेरोजगार हो गए है। दूसरा भी कोई विकल्प नहीं है। अब सामान को लेकर कहां जाएंगे। अधिकारियों को रहने की कही और व्यवस्था करानी चाहिए थी। 

- नंदराम 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.