जिंदगी की जंग हार गई पांच साल की शिवानी, 50 फीट गहरे बोरवेल में गिरी थी Panipat News
हरियाणा के करनाल जिले के हरिसिंहपुरा गांव में पांच साल की बच्ची खेलते समय बोरवेल में गिर गई। रात में बचाव कार्य शुरू कर उसे निकाल लिया। डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
पानीपत/करनाल, जेएनएन। करनाल के हरिसिंहपुरा गांव में पांच साल की बच्ची शिवानी रविवार को खेलते समय घर के पास खुले 50 फीट गहरे बोरवेल में गिर गई। कई घंटों की तलाश के बाद परिजनों को मालूम हुआ कि बच्ची बोरवेल में गिरी है। ग्रामीणों ने गड्ढे में मोबाइल फोन डालकर वीडियो रिकार्डिंग की। इसके बाद पता चला कि वह नीचे गिरी है।
देर रात करीब 9 बजे ग्रामीण सरपंच प्रतिनिधि नरेश कुमार के घर पहुंचकर घटना के बारे में बताया। उन्होंने बीडीपीओ व घरौंडा पुलिस को इसकी जानकारी दी। रात में एनडीआरएफ की टीम भी वहां पहुंच गई। करीब 12 घंटे की चले बचाव कार्य के बाद सुबह नौ बजकर पांंच मि नट पर उसे निकाल लिया गया। उसे कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया है। डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। बच्ची शिवानी का पोस्टमार्टम कर परिवार को सौंप दिया गया है। गांव में दाह संस्कार किया जाएगा
परिजनों ने बताया कि दोपहर के बाद से बच्ची शिवानी लापता थी। शाम को पता चला कि बोरवेल में गिरी हुई है। इसके बाद ग्रामीणों ने मोबाइल में वीडियो रिकॉर्डिंग ऑन करके गड्ढे में डाला तो पता चला कि वह नीचे है। रात साढ़े नौ बजे पुलिस की पीसीआर और कानूनगो रोहताश, पटवारी शिवप्रकाश पहुंचे। मार्केट कमेटी के अध्यक्ष रमेश बैरागी ने बताया कि डीसी करनाल विनय प्रताप ने बच्ची को रेस्क्यू करने के लिए दिल्ली संपर्क में किया है। जेसीबी व अन्य साधनों के लिए निर्देश जारी किया गया। शिवानी के पिता चाय की दुकान चलाते हैं। उसकी एक छोटी बहन तीन वर्षीय सिया है। घटना के बाद से परिवार गुमशुम है। देर रात को बोरवेल में ऑक्सीजन सिलेंडर डाला गया।
सवाल : क्यों खुला था बोरवेल
इस हादसे के बाद एक बार फिर सवाल उठा है कि आखिर बोरवेल खुला ही क्यों था। गंभीर तथ्य ये भी है कि ये बोरवेल चार साल से खुला था। अदालतें तक आदेश दे चुकी हैं कि किसी भी जगह पर बोरवेल खुला नहीं होना चाहिए, उसके बावजूद इस तरह की लापरवाही क्यों। वर्षो पहले कुरुक्षेत्र के हल्दाहेड़ी गांव के प्रिंस के साथ घटना के बाद भी सबक नहीं लिया गया।
प्रशासन ने लगाई थी जेसीबी
देर रात अंबाला कैंट से सेना के जवानों ने मासूम को बचाने के लिए कूच कर दिया। रात को घरौंडा के विधायक हरविंद्र कल्याण, डीसी विनय प्रताप, एसपी सुरेंद्र सिंह भौरिया मौके पर पहुंच गए थे। दो जेसीबी से खुदाई शुरू कर दी गई।
इस तरह चला बचाव कार्य
रात में करीब तीन बजे एनडीआरएफ की टीम पहुंची।
टीम में करीब 37 सदस्य थे।
टीम ने बोरवेल में एक प्लास्टिक का पाइप डाला।
उस पाइप से तार का हुक डाला और बच्ची के पैर में फंसाकर उसे बाहर निकाला।
सुबह नौ बजकर पांच मिनट पर बच्ची को बाहर निकाल लिया गया।
बच्ची की हालत गंभीर बताई जा रही है।
उसे करनाल के मेडिकल कॉलेज ले गए हैं।
बताया जा रहा है कि बच्ची की हालत सही नहीं है।
करीब छह घंटे तक एनडीआरएफ की टीम ने रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया।
वहीं ग्रामीणों ने भी प्रयास जारी रखा। जेसीबी की मदद से करीब 30 फीट तक खुदाई कर दी थी।
- घटनास्थल पर पहुचे मार्किट कमेटी के अध्यक्ष रमेश बैरागी ने बताया कि डीसी करनाल विनय प्रताप ने बच्ची को रेस्क्यू करने के लिए दिल्ली व गाजियाबाद से संपर्क साधा गया।
- अल सुबह 3 बजे गाजियाबाद से एनडीआरएफ की 37 सदस्यीय टीम मौके पर पहुंची।
- बचाव कार्य शुरू कर दिया।
- करीब 6 घण्टे के बाद टीम ने शिवानी को बाहर निकाला।
- रेस्क्यू ऑपरेशन की अगुआई कर रहे असिस्टेंट कमांडेंट अनिल कुमार ने बताया कि वायर हुक एन्ड क्लॉथ वेंकट तकनीक के जरिये करीब 9 बजे बच्ची को बाहर निकाल दिया गया है।
- बच्ची को बाहर निकलते ही एम्बुलेंस के जरिये करनाल कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज ले जाया गया।
- डॉक्टरों की टीम बच्ची को बचाने में लग गए। लेकिन बच्ची को बचाया नही जा सका।
6 माह से खुदा हुआ था बोरवेल
शिवानी के पिता रवि ने बताया कि घर के सामने ही ट्यूबल लगाने के लिए इस बोरवेल को खोदा गया था । लेकिन पाइप अंदर न जाने के कारण इस बोरबेल को ऐसे ही छोड़ दिया गया था।