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Ambala में पैलेस की दीवार ढही, मलबे में दबकर पिता और तीन बेटों समेत पांच की मौत Panipat News

अंबाला में दीवार के नीचे दबने से पांच लोगों की मौत हो गई जबकि चार घायल हो गई। वहीं तीन माह की बच्ची जन्नत को पीजीआइ चंडीगढ़ रेफर कर दिया गया।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Sat, 05 Oct 2019 02:24 PM (IST)Updated: Sat, 05 Oct 2019 05:10 PM (IST)
Ambala में पैलेस की दीवार ढही, मलबे में दबकर पिता और तीन बेटों समेत पांच की मौत Panipat News
Ambala में पैलेस की दीवार ढही, मलबे में दबकर पिता और तीन बेटों समेत पांच की मौत Panipat News

पानीपत/अंबाला, जेएनएन। छावनी के किंग पैलेस की दीवार शुक्रवार रात को एक झुग्गी पर ढह गई। मलबे के नीचे दबने से पिता और उसके तीन बेटों समेत पांच लोगों की मौत हो गई। वहीं चार अन्य घायल हो गए। घायलों में से तीन माह की बच्ची जन्नत को छावनी के नागरिक अस्पताल से पीजीआइ चंडीगढ़ रेफर कर दिया गया। देर रात स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज भी घायलों का हालचाल जानने अस्पताल पहुंचे। 

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रेलवे रोड पर मल्टीलेवल पार्किंग का निर्माण किया जा रहा है। पार्किंग के बीच में गुडग़ुडिय़ा नाला आ रहा था। इसलिए पार्किंग के एरिया में आने वाले नाले के हिस्से को फिर से बनाया जा रहा है। यह नाला किंग पैलेस की पिछली साइड से सटा हुआ है। बताया जा रहा है कि नाले के साथ किंग पैलेस की ओर से अवैध रूप से 18 फीट लंबी और करीब 15 फीट ऊंची दीवार बना रखी है। नाले के कारण सीलन की वजह से किंग पैलेस की यह दीवार एक झुग्गी पर ढह गई। 

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रात करीब साढ़े नौ बजे यह घटना हुई, जिसके बाद चीख पुकार मच गई। आसपास के लोगों ने मलबे में दबे लोगों को निकाला और एंबुलेंस से नागरिक अस्पताल पहुंचाया। उपचार के दौरान एक ही परिवार के पांच सदस्यों तस्लीम (40), उनके तीन बेटों सुमित (7), अमित (12) व बाबू (5) के अलावा उसके साले बाला स्वामी (25 निवासी मुंबई) की मौत हो गई। वहीं तीन माह की बच्ची जन्नत को चिकित्सकों ने पीजीआइ चंडीगढ़ रेफर कर दिया है। बाकी तीन घायलों माइलो (38), ज्योति (16) व खुशी (17) का उपचार छावनी के नागरिक अस्पताल में किया जा रहा है। 

पैलेस का अतिक्रमण और नाले की सीलन लील गई एक परिवार की पांच जिंदगियां

अंबाला छावनी के किंग पैलेस की करीब 18 फुट की लंबी मोटी दीवार और निर्माणाधीन नाले की सीलन एक ही परिवार की पांच जिंदगियां लील गई। मल्टीलेवल पार्किंग निर्माण के कारण गुडग़ुडिय़ा नाले से निकलने वाले गंदे पानी के लिए अस्थायी नाला बनाया गया है। इसी नाले के किनारे झुग्गियां बनी हुई हैं, जिनमें से एक झुग्गी पर यह दीवार गिर गई। नाले में सीलन के कारण मिट्टी खिसकती गई और दीवार कमजोर हो गई। किंग पैलेस की बैकसाइड बनी यह दीवार गैरकानूनी ढंग से बनी हुई है। झुग्गी में परिवार खाना खाकर जब टीवी देख रहा था, उस समय यह दर्दनाक हादसा हो गया। 

नाले के किनारे हैं दर्जनों झुग्गियां

जिस जगह पर हादसा हुआ है, उस क्षेत्र में दर्जनों झुग्गियां बनी हुई हैं। करीब तीन दशक से यहां पर साठ के आसपास झुग्गियां हैं, जिनमें परिवार अपनी गुजर बसर कर रहे हैं। यह झुग्गियां नाले के किनारे हैं, जिनसे यातायात या फिर किसी अन्य आवाजाही में बाधा नहीं आती। इस कारण से प्रशासन का इस ओर कभी ध्यान हीं नहीं गया है। 

दीवार के अलावा और भी है अतिक्रमण 

जिस तरह यह झुग्गियां अवैध बनी हुई हैं, उसी तरह ङ्क्षकग पैलेस की बैकसाइड पर काफी अतिक्रमण हुआ है। करीब बीस-बीस फुट तक अतिक्रमण होने के बावजूद प्रशासन का इस ओर कोई ध्यान नहीं है। यदि समय रहते गैरकानूनी ढंग से बनी दीवार और झुग्गियों को हटा दिया जाता, तो यह हादसा टाला जा सकता था।

झुग्गी में बिखर गया सारा सामान 

जैसे ही दीवार ढही झुग्गी में पड़ा सामान पूरी तरह से बिखर गया। बच्चे की साइकिल, टेलीविजन, खिलौने, बरतन आदि इस में दब गए। हादसे के बाद घायलों को निकाल तुरंत अस्पताल ले गए, जबकि सामान बिखरा पड़ा है। 

झुग्गी तक पहुंचने के लिए एंबुलेंस को नहीं मिला रास्ता

किंग पैलेस के पीछे नाले के साथ बनी झुग्गियों पर दीवार गिर जाने के बाद एंबुलेंस को पहुंचने का रास्ता ही नहीं मिल पाया। यहां पर अन्य झुग्गियों में रह रहे लोगों ने हिम्मत दिखाई, जिसके बाद उन्होंने घायलों को किसी तरह निकाला। आलम यह रहा कि एंबुलेंस रेलवे रोड पर खड़ी रही और लोगों ने घायलों को करीब डेढ़ सौ मीटर तक गोद में उठाकर एंबुलेंस तक पहुंचाया। इसी दौरान एसएचओ अंबाला कैंट थाना भी पहुंच गए, जो खुद घायल को लेकर अस्पताल तक पहुंचे।

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खाना खाने के दौरान हुआ हादसा 

शुक्रवार रात को करीब साढ़े नौ बजे झुग्गियों में बैठे लोग खाना खा रहे थे। दीवार के साथ लगती झुग्गी में रह रहा परिवार टीवी देख रहा था। इसी  दौरान अचानक एक धमाके के साथ करीब 18 फुट लंबी दीवार ढह गई और झुग्गी पर गिर गई। इसके बाद हालात यह पैदा हो गए कि किसी को कुछ समझ नहीं आया कि क्या हुआ। आसपास की झुग्गियों में लोग खाना खा रहे थे। चीख पुकार सुनकर यह सभी खाना छोड़कर तुरंत पहुंचे और उनको भी अंधेरा होने के नाते कुछ दिखाई नहीं दिया कि क्या हुआ। लोगों ने पहले मलबा हटाना शुरू किया और एक-एक कर घायलों को बाहर निकाला। हालांकि इस दौरान निर्माण कार्य में लगी एक मशीन के सहारे मलबा हटाने की कोशिश की गई, लेकिन इससे मलबे में दबे लोगों को चोटें लगने का खतरा था। इसी बीच एंबुलेंस को फोन किया गया, जबकि सूचना पुलिस तक भी पहुंची। एंबुलेंस पहुंच तो गई, लेकिन घटनास्थल तक पहुंचने का रास्ता नहीं था। निर्माण सामग्री बिखरी पड़ती थी, जबकि शैड बनाकर अतिक्रमण किया हुआ था। इसके अलावा जेसीबी व अन्य गाडिय़ां भी खड़ी थीं। लोगों ने घायलों को गोद में उठाया और एंबुलेंस तक पहुंचाया, जिसके बाद इन सभी को नागरिक अस्पताल पहुंचाया गया। 

चीख पुकार सुनकर मजदूर दौड़े बचाने के लिए 

नाले का निर्माण कर रहे मजदूर भी आसपास ही रह रहे हैं। हादसे के तुरंत बाद बच्चे के दबने का शोर मचा, तो आरिफ, कालू ने सुना लेकिन उन्होंने इसे एक सामान्य बात समझ लिया। इसी बीच जब और चीखें सुनी, तो यह करीब बारह मजदूर व अन्य लोग भागे और देखा कि झुग्गी पर दीवार का मलबा गिरा पड़ा है। इन लोगों ने बच्चो व अन्य को गोद में उठाकर एंबुलेंस तक पहुंचाया। 


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