यमुनानगर में एफसीआइ में सुपरवाइजर बनवाने का झांसा देकर गोदाम में दिला दी नौकरी, सवा पांच लाख रुपये ठगे
हरियाणा के यमुनानगर में ठगी का मामला सामने आया है। फूड कार्पोरेशन आफ इंडिया में बतौर सुपरवाइजर नौकरी का झांसा देकर पीडि़त को एक गोदाम में नौकरी लगवा दी। इसके एवज में पीडि़त से सवा पांच लाख रुपये ठग लिए।
यमुुनानगर, जागरण संवाददाता। एफसीआइ (फूड कार्पोरेशन आफ इंडिया) में सुपरवाइजर की नौकरी दिलाने के नाम पर युवक से सवा पांच लाख रुपये हड़प लिए। आरोपितों ने उसे एफसीआइ की बजाय एक गोदाम में नौकरी लगवा दिया। जब उसी ट्रांसफर पश्चिम बंगाल की गई तो पता चला कि उसके साथ धोखा हुआ है। पुलिस ने तीन के खिलाफ केस दर्ज कर लिया।
गांव मुसिंबल निवासी अमन ने एसपी को दी शिकायत में कहा कि वह 12वीं पास है। वह गांव मसाना निवासी नितिन को पांच छह साल से जानता है। वह उसके घर भी आना जाना करता है। नितिन गांव टोपरा में पशु चिकित्सक की प्रेक्टिस करता है। एक दिन नितिन ने उसे बताया कि वह ऐसे व्यक्ति को जानता है जो उसे नौकरी लगवा सकता है। जिस पर नितिन ने उसे फर्कपुर निवासी अजय व नया गांव निवासी संजीव कुमार से मिलवाया।
अजय ने उसे बताया कि फूड कार्पोरेशन आफ इंडिया दिल्ली में सुपरवाइजर का पद खाली पड़ा है। उसकी नौकरी इस पद पर लग सकती है परंतु उसे साढ़े छह लाख रुपये देने होंगे। इसमें से नौकरी की अौपचारिकताएं पूरी करने के लिए उसे 50 हजार रुपये पहले देने होंगे। उसने एमटी करेहड़ा निवासी अपने जानकार रविंद्र के साथ उसे 50 हजार रुपये दे दिए। कुछ दिन बाद अजय उसे दिल्ली लेकर गया। वहां उसे एक फार्म देकर कहा कि यह उसकी नौकरी का फार्म है। एक सप्ताह बाद उसे ज्वाइनिंग लेटर भी मिल जाएगा। परंतु कई दिन बाद भी उसे लेटर नहीं मिला।
अजय ने उससे कहा कि लाकडाउन लगने के कारण उसका लेटर मिलने में देरी हो रही है। यदि उसे लेटर जल्दी चाहिए तो उसे डेढ़ लाख रुपये ओर देने होंगे। गांव महलांवाली निवासी रमेश से रुपये उधार लेकर उसने 16 जून 2020 को अजय को दे दिए। कुछ दिन बाद अजय ने उसके मोबाइल पर ज्वाइनिंग लेटर की पीडीएफ फाइल भेज कर कहा कि जिस दिन उसकी ज्वाइनिंग होगी उसी दिन उसे बकाया साढ़े चार लाख रुपये देने होंगे। 23 जून 2020 को नितिन व संजीव कुमार उसे ज्वाइनिंग कराने के लिए दिल्ली लेकर गए। लेकिन उसे एफसीआइ के दफ्तर की बजाय एक गोदाम में ले जाया गया। इसी दौरान अजय उसके घर गया और वहां से साढ़े चार लाख रुपये लेकर चला गया। वह तीन माह तक दिल्ली में रहा और उसे वेतन भी नहीं मिला।
उसे बताया गया था कि तीन माह तक उसकी ट्रेनिंग यहीं होनी है। इसके बाद उसे एफसीआइ में ट्रांसफर कर दिया जाएगा। तीन माह बाद गोदाम के कर्मचारियों ने उसे एक ट्रांसफर लेटर दिया जो पश्चिम बंगाल का था। उसे देखकर वह हैरान रह गया। उसे शक हुआ कि उसके साथ धोखा हुआ है। घर आकर उसने अजय से अपने रुपये मांगे। उसे केवल एक लाख 23 हजार रुपये ही वापस दिए गए। बाकी रुपये देने के लिए अजय ने उसे अपने खाते का पांच लाख 27 हजार रुपये का चेक दिया। परंतु बैंक में लगाते ही वह डिसआनर हो गया। जब उसे रुपये नहीं मिले तो थाने में शिकायत दी। मामले की जांच कर रहे एएसआइ राकेश कुमार का कहना है कि आरोपितों पर धोखाधड़ी का केस दर्ज कर लिया है। मामले की जांच चल रही है।