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यमुनानगर की जगाधरी अदालत से नई पहल का आगाज, हिंदी में दाखिल हुआ पहला केस

यमुनानगर की जगाधरी अदालत में पहली हिंदी में याचिका दायर की गई है। ये याचिका अधिवक्‍ता राव रियाज अहमद ने दायर की। इस पहल को सराहा गया है।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Wed, 22 Jul 2020 05:52 PM (IST)Updated: Wed, 22 Jul 2020 05:52 PM (IST)
यमुनानगर की जगाधरी अदालत से नई पहल का आगाज, हिंदी में दाखिल हुआ पहला केस
यमुनानगर की जगाधरी अदालत से नई पहल का आगाज, हिंदी में दाखिल हुआ पहला केस

पानीपत/यमुनानगर, जेएनएन। जगाधरी अदालत से एक नई पहल का आगाज हुआ है। यहां पर अधिवक्ता राव रियाज अहमद ने हिंदी भाषा में प्रदेश का पहला केस जेएमआइसी संजीव काजला की कोर्ट में केस दाखिल किया। हालांकि क्लर्क ने हिंदी में केस लेने से इंकार कर दिया। जिस पर अधिवक्ता रियाज अहमद ने सेशन जज दीपक अग्रवाल से समय लिया और बात की। उन्हें बताया कि कोर्ट की अंग्रेजी भाषा नहीं है। हम हिंदी में भी केस डाल सकते हैं। इसमें कोई बाध्यता नहीं है। जिस पर उन्होंने हमारा केस हिंदी में स्वीकार कर लिया। 

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अधिवक्ता राव रियाज अहमद ने कहा कि यह एक अच्छी पहल है। इससे हमारी मातृभाषा को सम्मान मिलेगा। अधिकतर लोग अंग्रेजी नहीं समझ पाते। ऐसे में उन्हें अपने केस से संबंधित कोई भी बात समझने के लिए अधिवक्ता से पूछना पड़ता है। हिंदी में यदि केस दाखिल होंगे, तो आसानी से वादी समझ सकेगा। यदि कही पर कोई खामी रह गई है, तो उसे भी वह अधिवक्ता को बता सकेगा। निश्चित रूप से इस पहल का अन्य अधिवक्ता भी अनुसरण करेंगे। 

चेक बाउंस का केस किया

याचिकाकर्ता सतीश यादव ने विष्णु के खिलाफ धारा 138 का केस दायर किया है। अधिवक्ता राव रियाज अहमद ने इसे हिंदी में तैयार किया। सतीश यादव का कहना है कि यह अच्छी बात है। इससे कम पढ़े लिखे लोगों को भी अपना केस समझने में आसानी होगी। वह भी अंग्रेजी अधिक नहीं जानते। अब उनके केस की प्रोसिडिंग हिंदी में होगी। 

अभी चल रही है लड़ाई 

भारतीय भाषा अभियान के क्षेत्रीय संयोजक अधिवक्ता विशाल जोली भी इस दौरान चंडीगढ़ से यहां पहुंचे थे। वह देशभर के न्यायालयों में हिंदी में काम हो। इसके लिए वर्ष 2015 से अधिवक्ताओं का संगठन बनाकर लड़ाई लड़ रहे हैं। विशाल जोली ने बताया कि देश भर में जनगणना 2011 के अनुसार 98 प्रतिशत भारतीयों को अंग्रेजी नहीं आती और ऐसे में हिंदी में सभी कामकाज हो, इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं। इस संबंध में देश भर में 800 सेमिनार किए जा चुके हैं और हरियाणा में 90 में से 78 विधायकों के हस्ताक्षर करा राज्यपाल को सौंपे गए हैं।

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