खेतों में लगी आग, गेहूं और गन्ने की फसल जलकर राख
गेहूं कटाई के सीजन में सोमवार को क्षेत्र के गांव नारायणा गढ़ी केवल और कारकौली के खेतों में आग लगने की तीन घटनाएं हुई। इनमें गेहूं की आधा एकड़ गन्ने की एक एकड़ और गेहूं के चार एकड़ में खड़े अवशेष जल गए। दमकलकर्मियों ने काफी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। इसके बाद ही किसानों ने राहत की सांस ली।
जागरण संवाददाता, समालखा : गेहूं कटाई के सीजन में सोमवार को क्षेत्र के गांव नारायणा, गढ़ी केवल और कारकौली के खेतों में आग लगने की तीन घटनाएं हुई। इनमें गेहूं की आधा एकड़, गन्ने की एक एकड़ और गेहूं के चार एकड़ में खड़े अवशेष जल गए। दमकलकर्मियों ने काफी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। इसके बाद ही किसानों ने राहत की सांस ली।
नारायणा वासी किसान निर्मल ने बताया कि गांव से गवालड़ा रोड पर ईट भट्ठे के पीछे उनके खेत है। जहां गन्ने व गेहूं की फसल उगा रखी है। सोमवार को दोपहर के समय अचानक गन्ने के खेत में खड़ी की ट्राली के नीचे से आग शुरू हुई और फैलते साथ में खड़ी फसल को अपनी चपेट में ले लिया। धुआं उठता देख आस पास के किसानों के साथ मिलकर बुझाने की कोशिश की, लेकिन नाकाम रहे तो सूचना फायर ब्रिगेड को दी। वहीं देखते ही देखते आग ने पास में खड़ी गेहूं की फसल को भी अपनी चपेट में ले लिया और जब तक फायर कर्मियों ने आग पर काबू पाया। तब तक उसकी एक एकड़ गन्ने व दो बीघा गेहूं की फसल जल गई। उसने प्रशासन से मुआवजे की मांग की है, ताकि नुकसान की भरपाई हो सके। दूसरा मामला गांव गढ़ी केवल का है। जहां दोपहर साढ़े बारह बजे के करीब आग लगने पर किसान रामचंद्र की करीब एक बीघा गेहूं की फसल जलकर राख हो गई। वहीं देर रात गांव कारकौली वासी किसान राजू के देहरा रोड स्थित खेत में भी आग लगने पर करीब चार एकड़ के गेहूं के अवशेष जल गए। आग कैसे लगी, इसका पता नहीं चल पाया। धूम्रपान करने से बचें
फायर ऑफिसर मनोज वशिष्ठ ने कहा कि गर्मी के दिनों में सब चीज सूख जाती है। जिसमें जरा सी चिगारी से भी आग लगने में देरी नहीं लगती है। इसलिए किसान खेत में बीड़ी, सिगरेट आदि धूम्रपान करने से परहेज रखें। ताकि आगजनी के साथ फसल के जलने के नुकसान से बचा जा सके।