करनाल में 7 जिलों के जुटे किसान, आंदोलन से जुड़ी इन मांगों को लेकर आक्रोश
करनाल के लघु सचिवालय के पास हरियाणा के 7 जिलों के किसान इक्ट्ठा हुए। किसान अपनी मांगों को लेकर यहां जुटे। मंगलवार को प्रशासनिक स्तर पर किसान नेताओं और प्रशासनिक अधिकारियों के बीच बातचीत हुई। प्रशासनिक स्तर पर हुई वार्ता के बाद किसानों ने धरना उठा लिया।
करनाल, जागरण संवाददाता। हरियाणा के 7 जिलों से किसान जुटे। किसान खराब हुई कपास की फसल का मुआवजा देने व अन्य मांगों को लेकर बीते रोज करनाल में इक्ट्ठा हुए थे। किसानों ने पहले जिला सचिवालय के समक्ष धरना दिया तो बाद में सोमवार देर शाम को मशाल मार्च निकाला। किसानों का रोष प्रदर्शन मंगलवार को भी जारी रहा। मंगलवार को प्रशासनिक स्तर पर हुई वार्ता के बाद किसानों ने धरना उठा लिया।
किसान नेताओं ने इससे पूर्व जिला सचिवालय में उपायुक्त निशांत यादव से तमाम मांगों और मुद्दों पर विस्तारपूर्वक वार्ता की। किसान नेताओं के अनुसार सहमति बनी कि बरसात के कारण कपास की बर्बाद फसल की गिरदावरी कराई जाएगी। मुआवजे की प्रक्रिया में कहीं भी अनियमितता है तो इस पर रोक लगाकर समस्याओं का समाधान किया जाएगा। सभी प्रभावित जिलों में इसके लिए प्रशासनिक स्तर पर कमेटियां भी बनेंगी। इसके अलावा कृषि कानून विरोधी आंदोलन में दर्ज तमाम मुकदमे वापस लिए जाएंगे।
उपायुक्त ने किया आश्वस्त
किसान नेताओं ने दावा किया कि उपायुक्त ने मुख्यमंत्री से बातचीत के बाद उन्हें आश्वस्त किया कि सभी मांगों पर एक सप्ताह में उचित कदम उठाए जाएंगे। इससे सहमति जताते हुए जिला सचिवालय से लौटकर किसान नेताओं ने धरना उठाने का ऐलान कर दिया। तय हुआ कि एक सप्ताह में यदि तमाम मांगें पूरी नहीं हुईं तो दोबारा लामबंद होकर निर्णायक आंदोलन शुरू कर दिया जाएगा। किसानों ने सेक्टर 12 चौक पर सीएम का पुतला भी जलाया। इस दौरान एहतियातन पुख्ता सुरक्षा बल तैनात रहा।
लघु सचिवालय के पास किसानों का धरना
करनाल में बीते रोज से जुटे हिसार, फतेहाबाद, सिरसा, कैथल व भिवानी समेत सात जिलों के किसान जिला सचिवालय में सुबह ही जुटने शुरू हो गए थे। दोपहर बाद तक विभिन्न जिलों से बड़ी संख्या में किसान ट्रैक्टर-ट्रालियों में सवार होकर पहुंच गए। जहां उन्होंने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की तो वहीं धरना भी शुरू कर दिया। इस दौरान किसानों को पगड़ी संभाल जट्टा यूनियन के जिला प्रधान मनदीप सिंह, किसान नेता जगदीप औलख, दिलबाग हुड्डा, अमृतपाल बग्गा, मनजीत चौगामा, बहादुर सिंह मेहला सहित अन्य किसान नेताओं ने भी संबोधित किया।
कपास की खराब फसल का मुआवजा देने की थी मांग
भाकियू प्रदेश महासचिव दिलबाग हुड्डा ने कहा कि आज का मुख्य मुद्दा कपास की खराब फसल का मुआवजा देने की मांग है। 2020 में 20 फीसदी फसल खराब दिखाई। जब किसानों दोबारा जांच की मांग की तो 50 से 70 फीसदी फसल खराब निकली। इनता बड़ा गड़बड़झाला किया है। वहीं रेवेन्यू विभाग और बीमा कंपनी के सर्वे में काफी अंतर है।
उन्होंने कहा कि आंदोलन के समझौते की मांगों को पूरा नहीं किया गया। पंजाब में सरकार द्वारा 5-5 लाख रुपए मृतकों को दे दिए जा चुके हैं। हरियाणा के मृतकों को मुआवजा नहीं मिला है। फसल खराब में पंजाब के किसानों को 17 हजार रुपए प्रति एकड़ मुआवजा दिया जा चुका है। सेंटर के मुकदमें वापस नहीं किए गए। रेलवे व 26 जनवरी के मुकदमों में किसानों को समन आ रहे हैं।