वित्तमंत्री जी सुनिए, आम बजट से किसानों को आस, फसलों के दाम बढ़े तो सुधरे हालात Panipat News
58 हजार किसान पानीपत जिले में हैं। करीब 1 लाख 2 हजार हेक्टेयर खेती करने योग्य जमीन है। इस बार किसानों को बजट से काफी उम्मीदें हैं।
पानीपत, जेएनएन। पानीपत के किसानों को इस बार केंद्र सरकार के आम बजट से काफी आशा है। उन्हें उम्मीद है कि बजट में सरकार किसानों के लिए इस बार कुछ खास जरूर देगी। आर्थिक स्थिति तभी सुधार हो सकेगा। एक फरवरी को संसद में देश का आम बजट पेश किया जाएगा। बजट को लेकर दैनिक जागरण प्रतिनिधि ने मंगलवार को किसानों से बातचीत की। किसानों ने कहा कि फसलों का उचित मूल्य मिले और खाद-बीज के दामों पर नियंत्रण के साथ सब्सिडी भी मिले। साथ में ङ्क्षसचाई व अन्य संसाधनों को दुरुस्त किया जाएगा। किसान हित के नाम पर चलाई गई योजनाओं को सरल बनाया जाए।
बजट पर बोले किसान :-
किसान आयोग बनाए सरकार
आम बजट से किसान को बहुत सारी उम्मीद है। देखना यह है कि सरकार कितना खरा उतरती है। उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति की सुनवाई के लिए आयोग है, लेकिन किसान के लिए आज तक कोई आयोग नहीं बना है। इसलिए केंद्र सरकार को चाहिए की किसान आयोग का गठन करे। ताकि किसान भी आयोग के जरिए अपनी बात उचित फोरम पर रख सकें।
प्रदीप गुलिया, बुड़शाम
बीमा नीति को हितकारी बनाएं
जिस तरह शिक्षा, चिकित्सा और सुरक्षा देश की आवश्यकता है। उसी प्रकार कृषि प्रधान देश में खेती को सरल बनाने की जरूरत है। इसके लिए अलग से कृषि बजट लाया जाए। किसान को बिजली, कृषि यंत्रों पर विशेष छूट मिलने के साथ कृषि उपकरणों को देश में टैक्स फ्री किया जाए। अत्याधुनिक यंत्रों का खेती में उपयोग किए जाने से मजबूती मिलेगी। कृषि बीमा नीतियों को किसानों के लिए और अधिक हितकारी बनाया जाए।
गुरु चरण ङ्क्षसह, कचरौली
गन्ने का भुगतान समय से
खर्च ज्यादा और आमदनी कम होती जा रही है। किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए खेतों में तैयार उत्पाद का मूल्य भी बढ़ाना होगा। गन्ने का रेट कम से कम 500 रुपये प्रति ङ्क्षक्वटल करने के साथ ही समय से खरीद व भुगतान की व्यवस्था होनी चाहिए। अभी किसानों को बीते वर्ष का गन्ना मूल्य भी नहीं मिल सका है।
अंजू त्यागी, हथवाला
कृषि क्षेत्र में ऋण बहुत कम
कृषि क्षेत्र के ऋण अन्य ऋणों की अपेक्षा बहुत कम प्रतिशत में होता है। जबकि कर्जदारों की संख्या ज्यादा होती है। ऐसे में तुलनात्मक राशि बहुत कम होती है। इसे बजट में बढ़ाया जाए। साथ ही किसान की आय को दोगुना करने के लिए स्वामीनाथन रिपोर्ट को लागू करे। ताकि उसे फसलों के उचित दाम मिल सके। सरकार चुनाव के समय वायदे करती है, लेकिन बाद में भुला दिया जाता है।
राजेंद्र राठी, मनाना
गोशाला की बजट में करें व्यवस्था
वैज्ञानिक ढंग से खेती के लिए हर गांव में एक मृदा परीक्षण केंद्र खोला जाए, ताकि किसान मिट्टी की जांच करा उचित ढंग से उर्वरक मिला खेती कर सकें। इस बार के बजट में यह प्रस्ताव दिया जाए। इसके अलावा बेसहारा पशुओं से किसानों की फसल को बचाने के लिए हर गांव में गोशाला खोली जाए। इससे किसानों की समस्या के समाधान के साथ बेसहारा गोवंश को सहारा मिलेगा। ये एक पंथ दो कागज जैसा होगा।
विनोद शर्मा, नारायणा