कृषि विधेयकों के खिलाफ किसानों-कर्मचारी संघों ने दिया धरना
कृषि संबंधी तीनों विधेयकों के विरोध में शुक्रवार को किसान संगठन सर्व कर्मचारी संघ महिला संगठन और राजनीतिक पार्टियों के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं ने लघु सचिवालय के समक्ष धरना-प्रदर्शन किया। हालांकि भारत बंद का पानीपत में असर नहीं दिखा।
जागरण संवाददाता, पानीपत : कृषि संबंधी तीनों विधेयकों के विरोध में शुक्रवार को किसान संगठन, सर्व कर्मचारी संघ, महिला संगठन और राजनीतिक पार्टियों के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं ने लघु सचिवालय के समक्ष धरना-प्रदर्शन किया। हालांकि भारत बंद का पानीपत में असर नहीं दिखा। पदाधिकारियों ने कृषि अध्यादेशों और लेबर कोड श्रम संशोधन बिल को वापस लेने की मांग की। धरने के दौरान काफी संख्या में पुलिस बल तैनात रहा।
किसान नेता सुरेश दहिया ने कहा कि रे देश में भारी गुस्सा है, लोग सड़कों पर हैं। कृषि संबंधी तीनों विधेयक किसान-मजदूर के हित में नहीं हैं। सरकार जल्द से जल्द इन विधेयकों को वापस ले। इसराना विधायक बलबीर वाल्मीकि ने भी किसानों संग धरने में हिस्सा लिया। इनके अलावा सेवा सिंह मलिक, सीटू राज्य सचिव सुनील दत्त, राज्य उपाध्यक्ष दरियाव सिंह कश्यप, पूर्व सरपंच ओबरा खेड़ी पिटू मलिक, अखिल भारतीय किसान सभा के नेता डा. सुरेंद्र मलिक, खेत मजदूर यूनियन के जिला प्रधान राजेंद्र, जनवादी महिला समिति की जिला सचिव पायल, उपप्रधान उपासना, संचारी संघ हरियाणा के जिला सचिव अमरीश त्यागी, पीटीआइ संघर्ष समिति के जिला सचिव अनिल रावल, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के राम कुमार यादव, भारतीय कांग्रेस पार्टी से पवन सैनी, आम आदमी पार्टी से सुखबीर सिंह मलिक, सीटू नेता जय भगवान, इंडियन लायर यूनियन से दयानंद कुमार एडवोकेट और जमशेद राणा ने संबोधित किया।
कांग्रेसी भी पहुंचे : कांग्रेस किसान सेल के जिला प्रधान राजेश बड़ौली, युवा कांग्रेस के जिला प्रधान जितेंद्र कुंडू भी धरने पर पहुंचे। राजेश ने कहा कि किसानों के साथ धोखा हो रहा है।