जींद में पंचायत और निकाय चुनाव में बीजेपी, जेजेपी उम्मीदवारों का विरोध करेंगे किसान, बनाई रणनीति
जींद की उचाना की नई अनाज मंडी में किसान पंचायत हुई। पंचायत और स्थानीय निकाय चुनाव में भाजपा-जजपा उम्मीदवारों के विरोध का ऐलान किया गया। तीन कृषि सुधार कानूनों की वापसी और कर्जा माफी की मांग जोर-शोर से उठाई गई।
जागरण संवाददाता, जींद। भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) के जिलाध्यक्ष आजाद पालवां की अध्यक्षता में रविवार को उचाना की नई अनाज मंडी में किसान पंचायत हुई। जिसमें पंचायत व निकाय चुनाव में बीजेपी, जेजेपी उम्मीदवारों का बहिष्कार करने का फैसला लिया गया।
किसान पंचायत में नए कृषि कानूनों को वापसी, समर्थन मूल्य पर फसलों की खरीद का कानून, ट्यूबवेल कनेक्शनों को जल्द जारी करने समेत नौ प्रस्ताव पारित किए गए। वहीं दिल्ली बॉर्डर पर चल रहे धरनों पर अनाज व्यवस्था करने और भीड़ बढ़ाने के लिए गांवों में कमेटियां गठित करने का फैसला लिया गया। पंचायत में विभिन्न खापों से लोगों के साथ-साथ महिला किसानों ने भी भाग लिया। आजाद पालवां ने पंचायत में प्रस्ताव रखे। जिन पर सभी हाथ उठाकर अपनी सहमति जताई।
आंदोलन को बदनाम करने की कोशिश
पालवां ने कहा कि लंबे समय से किसान आंदोलरत हैं। तीनों किसान विरोधी कृषि कानूनों की वापसी चाहते हैं। लेकिन केंद्र सरकार उनकी सुध नहीं ले रही है। इससे किसानों का रोष लगातार बढ़ रहा है। किसान तरह-तरह के षड्यंत्र रच कर आंदोलन को बदनाम कर खत्म कराना चाहती है। लेकिन किसी भी सूरत में किसान तीनों कृषि कानूनों की वापसी कराए बगैर घर नहीं लौटेंगे।
- आगामी निकाय व पंचायती राज चुनाव में बीजेपी, जेजेपी के उम्मीदवारों की हार सुनिश्चित करने के लिए उनका विरोध किया जाएगा।
- प्रदेश सरकार द्वारा बनाए क्षति पूर्ति कानून की वापसी की मांग।
- फसलों की समर्थन मूल्य पर खरीद सुनिश्चित करने के लिए कानून बनाया जाए।
- तीनों नए कृषि कानून रद किए जाएं।
- किसान आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के लिए 50 लाख रुपये मुवावजा और सरकारी नौकरी।
- महिला उत्पीड़न के खिलाफ सख्त कार्रवाई।
- युवाओं के लिए रोजगार
- बिजली से संबंधित सभी समस्याओं का निदान किया जाए। किसानों को जल्द ट्यूबवेल कनेक्शन दिए जाएं।
- लेबर कोड कानून रद किया जाए और किसान व मजदूरों के कर्जे माफ किए जाएं।