पराली प्रबंधन को लेकर किसान आए आगे, 124 किसानों को मिलेगी पराली प्रबंधन की राशि
डीसी ने वीसी मे मुख्य सचिव के सामने रखी रिपोर्ट । किसानों ने खेतों के बाहर गड्ढे बनाकर या उद्योगों को बेची है पराली।
जागरण संवाददाता, पानीपत : जिले के किसान धान की पराली और उसके अवशेषों के प्रबंधन के लिए आगे आए हैं। 124 किसानों ने 533 एकड़ खेत में उर्वरा शक्ति बढ़ाने की दिशा में काम किया है। खेतों के बाहर गड्ढों में पराली दबाने और उद्योगों को बेचने वाले 33 किसानों ने 126 एकड़ की पराली का प्रबंधन किया है।
पराली प्रबंधन के लिए शुक्रवार को मुख्य सचिव केशनी आनंद अरोड़ा ने वीडियो कांफ्रेंस पर बातचीत की। उन्होंने सरकार की योजना को किसानों तक पहुंचाने और इसमें सुधार देखने पर जोर दिया।
डीसी सुमेधा कटारिया ने बताया कि किसानों को प्रोत्साहित करने और पराली प्रबंधन को लेकर सरकार की हिदायत अनुसार आवश्यक कार्रवाई जा रही है। जागरूक किसानों को सरकार की योजनाओं का लाभ भी दिया जा रहा है। 124 किसानों ने 533 एकड़ में पराली का प्रबंधन अपने खेतों में ही किया है। इससे खेतों की उर्वरा शक्ति बढ़ेगी। 33 किसानों ने अपने खेत से बाहर गड्ढे बनाकर या उद्योगों को बेचकर अपनी पराली का प्रबंधन किया है। इनका रकबा 126 एकड़ है। इन किसानों को एक हजार रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। डीसी ने बताया कि जिले में राजस्व और कृषि विभाग के अधिकारी विशेष तौर पर पराली प्रबंधन में लगे हुए हैं। किसानों को अधिक से अधिक जागरूक किया जा रहा है। 100 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से प्रोत्साहन राशि
डीसी सुमेधा कटारिया ने बताया कि सरकार पराली के अवशेषों का खेत में ही प्रबंधन की दिशा में काम कर रही है। इससे धरती की उर्वरा शक्ति बढ़ती है। ऐसा करने से किसानों को इसका फायदा अगली फसल में मिलता है। उन्होंने कहा कि सरकार 5 एकड़ से नीचे के किसानों को पराली प्रबंधन को लेकर जागरूक कर रही है। किसानों से मेरी फसल-मेरा ब्योरा के तहत ऑनलाइन जानकारी ली है। ऐसे किसानों को 100 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। प्रदूषण रोकने के लिए उठाया कदम
डीसी ने कहा कि पर्यावरण प्रदूषण लगातार बढ़ रहा है। इसको रोकने के लिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है। फसल अवशेष प्रबंधनों के लिए भारी अनुदान पर उपकरण उपलब्ध करवाए जा रहे हैं। पराली जलाने की घटनाओं को पूरी तरह से रोकने के लिए एक टीम के रूप में कार्य किया जा रहा है। पराली जलाने की सूचना देने एक हजार रुपये इनाम देने का घोषणा भी की गई है। इसमें सूचना देने वाले का नाम गोपनीय रखा जाएगा। कृषि विभाग के उपनिदेशक डॉ. वीरेंद्र आर्य विशेष रूप से उपस्थित रहे।