Move to Jagran APP

जींद में खरीद नहीं होने पर किसान धान में आग लगाने दौड़ा, लोगों ने माचिस और पेट्रोल छीना

जींद में धान की खरीद न होने से किसान आक्रोशित हो गया। किसान ने धान में आग लगाने की कोशिश की। धान में आग लगाता देख लोग दौड़ पड़े। उसके हाथ से पेट्रोल और माचिस छीना। खरीद के नाम पर कर्मचारियों द्वारा प्रत्येक क्विंटल 300 रुपये रिश्वत मांगने के आरोप।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Thu, 28 Oct 2021 02:37 PM (IST)Updated: Thu, 28 Oct 2021 11:00 PM (IST)
जींद में खरीद नहीं होने पर किसान धान में आग लगाने दौड़ा, लोगों ने माचिस और पेट्रोल छीना
जींद में धान की ढेरी में आग लगाता किसान।

जींद, जागरण संवाददाता। जींद के सफीदों की नई अनाज मंडी में उस समय अफरा तफरी मच गई जब एक किसान ने धान की फसल की खरीद नहीं होने से धान की ढेरी को आग लगाने की कोशिश की। किसान ने धान की ढेरी पर पेट्रोल डाल आग लगाने जा रहा था। मौके पर मौजूद आढ़ती व किसानों ने किसान के पास से माचिस छीनकर किसान को ढेरी से दूर किया। वहीं दूसरी तरफ मार्केट कमेटी और वेयरहाउस के कर्मचारी एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगाते नजर आए।

loksabha election banner

गांव कुरड़ के किसान अमीर और गांव हाट के किसान रणधीर सिंह ने बताया कि उन्होंने पीआर धान दस दिनों से मंडी डाली हुई है, लेकिन मार्केट कमेटी और वेयरहाउस के कर्मचारी उनको धान को फसल को नहीं खरीद रहे हैं। जिससे परेशान होकर वह अपनी फसल को आग लगाने को मजबूर हैं। उन्होंने ने कहा कि गेहूं की फसल की बुवाई चल रही है, लेकिन हमें दिन रात यहां फसल की रखवाली करनी पड़ रही है। किसान रणधीर सिंह ने कहा कि उसकी फसल 16 अक्टूबर से मंडी में पड़ी है लेकिन मार्केट कमेटी के कर्मचारी फसल की खरीद के लिए 300 रुपये क्विंटल की मांग कर रहे हैं। किसान अमीर ने बताया कि जब उनकी फसल सुखी हुई है तो वो 300 रुपये क्यों दें। जो किसान कर्मचारियों को रिश्वत देता उस किसान की फसल की खरीद हो जाती है। उन्होंने कहा कि मज़बूरी में वो अपनी छह महीने की मेहनत को आग लगाने जा रहे थे। हजारों रुपये और अपना शरीर लगा कर फसल तैयार की थी, लेकिन मार्केट कमेटी के कर्मचारी उनसे प्रति क्विंटल 300 रुपये की मांग कर रहे हैं। किसानों द्वारा फसल को आग लगाने की कोशिश के बाद वेयरहाउस के कर्मचारी मौके पर पहुंच कर फसल की खरीद प्रकिया शुरू की।

15 दिनों से मंडी में पड़ी हैं फसल आज पहुंचे हैं

गांव कुरड़ निवासी किसान कुलदीप की ढेरी पर जब वेयरहाउस के कर्मचारियों ने ढेरी के अंदर हाथ डाल कर फसल की नमी की जांच की तो किसान कुलदीप ने इसका विरोध किया। कुलदीप ने कहा कि उसकी फसल पिछले 15 दिनों से मंडी में पड़ी हुई है। जिसके कारण धान की ढेरी के बहुत नीचे गर्मी होने के कारण नमी बन जाती है। कर्मचारी ने फसल के बहुत नीचे हाथ डाल कर नमी की जांच की है जोकि 22 आई है, लेकिन जब कुलदीप ने ढेरी के ऊपर से नमी की जांच करवाई तो वह 17 निकली। जिस पर कुलदीप ने कहा की उनकी फसल की नमी का औसत लगा कर फसल की खरीद होनी चाहिए।

नमी और सफाई नहीं होने के कारण नहीं खरीदी धान : वेयरहाउस मैनेजर

वेयरहाउस के मेनेजर सुमित शर्मा ने कहा कि किसानों की धान की फसल ने नमी की मात्रा सरकार द्वारा निर्धारित मानक से अधिक है और फसल की सफाई भी नहीं की गई है। मंडी में भी पंखे की कोई व्यवस्था नहीं है। जिस कारण से खरीद नहीं हो पा रही है। जिस ढेरी में नमी सही पाई जा रही है उसको खरीदा जा रहा है। जब उनसे किसान रणधीर की ढेरी की नमी जोकि सरकार द्वारा निर्धारित मानक से भी कम पाई गई उसको क्यों नहीं खरीदा गया, उस पर वो मौन हो गए। मौके पर मार्केट कमेटी के सचिव जगजीत सिंह मार्केट कमेटी के कर्मचारियों के साथ मौजूद रहे। उन्होंने ने कहा कि पीआर धान की फसल के लिए वेयरहाउस के कर्मचारियों को बुला लिया गया है. किसी किसान को परेशान नहीं होने दिया जाएगा। मार्केट कमेटी का कोई कर्मचारी रिश्वत नहीं मांग रहा है, अगर किसी ने किसान ने आरोप लगाएं है तो उसकी जांच करवाई जाएगी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.