Move to Jagran APP

आत्‍महत्‍या नहीं, सरकार से लड़ेंगे किसान, रोकेंगे रेल और पानी, जानिए क्‍या है मामला Panipat News

किलाजफरगढ़ गांव में 71 दिन से किसान धरने पर बैठे हैं। अब किसान ने पांच दिन का अल्‍टीमेट दिया है। किसान रेल और पानी रोकेंगे।

By Edited By: Published: Sat, 22 Jun 2019 10:42 AM (IST)Updated: Sat, 22 Jun 2019 01:52 PM (IST)
आत्‍महत्‍या नहीं, सरकार से लड़ेंगे किसान, रोकेंगे रेल और पानी, जानिए क्‍या है मामला Panipat News
आत्‍महत्‍या नहीं, सरकार से लड़ेंगे किसान, रोकेंगे रेल और पानी, जानिए क्‍या है मामला Panipat News

पानीपत/जींद, जेएनएन। अब किसान न वो धरने पर बैठेंगे न आत्‍महत्‍या करेंगे। इस बार उन्‍होंने सरकार से आरपार की लड़ाई का मूड बनाया है। किसान रेेेल के साथ-साथ नहरों का पानी रोककर विरोध जताएंगे। जुलाना के किलाजफरगढ़ गांव में 71 दिन से किसान धरने पर बैठे हैं। उनकी मांग है कि हाईवे में अधिग्रहित की गई भूमि का उन्हें उचित मुआवजा दिया जाए। किसान मार्केट मूल्य के हिसाब से अवार्ड में संशोधन की मांग कर रहे हैं। शुक्रवार को किसानों ने फिर सरकार को चेतावनी दी कि बुधवार तक मांग पूरी नहीं की तो वह रेल और पानी को रोक देंगे। अब किसान आत्महत्या नहीं करेंगे, बल्कि सरकार के साथ लड़ाई लड़ेंगे।

loksabha election banner

किसान नेता रमेश दलाल का कहना है कि सरकार के साथ सभी बातों पर सहमति बन चुकी है, लेकिन फिर भी मामले को लटकाया जा रहा है। केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी व मुख्यमंत्री मनोहर लाल के साथ हुई किसानों के प्रतिनिधिमंडल की वार्ता में अवार्ड में संशोधन करने पर सहमति बन गई थी। लेकिन 9 दिन गुजर चुके हैं, सरकार ने अभी तक कोई घोषणा नहीं की।

अब आर पार की लड़ाई
शुक्रवार को धरनास्थल पर किसान ने चर्चा कर आरपार की लड़ाई का फैसला लिया है। रमेश दलाल ने बताया कि सरकार के पास बुधवार तक का समय है, अगर तब तक कोई सकारात्मक घोषणा नहीं हुई तो वह अपनी चेतावनी को अमल में लाएंगे। किसानों ने बुधवार के बाद, पंजाब जाने वाली सभी रेल, दिल्ली व गुरुग्राम जाने वाली नहर के पानी को रोकने का फैसला किया है। साथ ही अनिश्चितकालीन हरियाणा बंद भी किया जाएगा।

दो दिन पहले लिखा था आत्‍महत्‍या का पत्र
उन्होंने कहा कि किसान कानून का पालन करना चाहते हैं, पर सरकार उन्हें रेल व नहर रोकने पर विवश कर रही है। अभी दो दिन पहले ही किसानों ने परेशान होकर राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री को सामूहिक आत्महत्या की अनुमति के लिए पत्र लिखा था। लेकिन अब किसानों के साथ काफी संगठन आ गए हैं। किसान अब आत्महत्या नहीं सरकार के खिलाफ लड़ाई लड़ने के मूड में हैं। इस मौके पर नंदगढ़ बारहा प्रधान चौ. होशियार सिंह दलाल, अजीत, अमीर, अनिल व राजेंद्र, पटेल, बलदेव मौजूद रहे।

लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.