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कैथल के किसान को खीरे की खेती कर रही मालामाल, खेत में पहुंच रहे खरीदार

Agriculture Success Story कैथल के नैना गांव के किसान प्रवीण तीन एकड़ में नेट हाउस लगाकर करते है रिजकवान खीरा की खेती। आठ लोगों को दे रखा है 10 हजार रुपये महीना रोजगार। 15 लाख रुपये तक हो रही है सालाना आमदनी।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Thu, 03 Jun 2021 09:40 AM (IST)Updated: Thu, 03 Jun 2021 09:40 AM (IST)
कैथल के किसान को खीरे की खेती कर रही मालामाल, खेत में पहुंच रहे खरीदार
कैथल के नैना गांव के किसान प्रवीण।

कैथल, जेएनएन। लकीर से हटकर जिसने भी काम किया, उसने ही नए आयामों को छुआ। किसानों को जब पारंपरिक खेतीबाड़ी में नुकसान होना शुरू हुआ और साल- दर साल पैदावार घटने लगी तो कैथल के नैना गांव के किसान प्रवीण नैन ने कामयाबी का रास्‍ता चुना। प्रवीण ने पारंपरिक खेती छोड़कर नेट हाउस लगाकर रिजकवान खीरा की खेती करने की ठानी। शुरूआत में आसपास के लोगों ने डराया, लेकिन हिम्मत नहीं हारी। आज किसान तीन एकड़ से खीरा को बेचकर सालाना 15 लाख रुपये की आमदनी कर रहे हैं।

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वे बताते है कि वह गेहूं और धान की फसल के साथ-साथ नेट हाउस लगाकर खीरा की खेती करते हैं। जितना गेहूं और धान से कमाते हैं उससे कहीं ज्यादा रिजकवान खीरा की फसल से कमाई हो रही है। प्रवीण ने बताया कि अब समय बदल रहा है। किसान को भी समय के साथ बदलना जरूरी है। खेती घाटे का सौदा नहीं है, यदि बेहतरी से और समय की मांग के अनुरूप किया जाए। उनका कहना है कि किसानों के लिए परंपरागत खेती से गुजारा संभव ही नहीं है। कुछ अलग करना होगा। इसीलिए वे इस वर्ष पांच एकड़ में ओर नेट हाउस लगाएंगे।

Kaithal farmer

खेत में आ रहे खरीदार : प्रवीण

प्रगतिशील किसान प्रवीण ने बताया कि रिजकवान खीरा को बेचने के लिए वह कभी मंडी में नहीं जाता है। व्यापारी खेत से ही अच्छे भाव में खीरा को खरीदने के लिए आते हैं। हरियाणा के हिसार, जींद, नरवाना, कैथल, कुरुक्षेत्र सहित पंजाब के अमृतसर, राजस्थान, लुधियाना, बटिडा, जालंधर के व्यापारी खरीदकर ले जाते हैं। फसल बेचने के बाद भुगतान को लेकर भी कोई दिक्कत नहीं आ रही है।

बागवानी विभाग की 65 प्रतिशत सब्सिडी से कारोबार किया शुरू

प्रवीण ने बताया कि बागवानी विभाग से 65 प्रतिशत सब्सिडी लेकर काम शुरू किया था। शुरुआत में 50 लाख रुपये खर्च हुए थे। अब 15 लाख रुपये सालाना आमदनी हो रही है। जैविक खाद को गोबर, गुड़ व बेसन से तैयार करते हैं। 20 रुपये किलो रिजकवान खीरा बिक रहा है।

पांच लोगों को दे रखा है रोजगार

नेट हाउस में काम करने के लिए आठ लोगों को रोजगार दे रखा है। उनकी तरफ से 10 हजार रुपये महीना दिया जा रहा है। खीरा की तुडाई, भराई व नेट हाउस देखभाल करते हैं।

ये खासियत है इस खीरा की

प्रवीण बताते है कि रिजकवान खीरा की खासियत यह है कि इसका उत्पादन ज्यादा होता है। इसमें बीमारी बहुत कम आती है। इस वजह से इसको लगाने में और देखभाल में लागत कम आती है।

नेट हाउस लगाकर किसान अच्छी खेती कर सकता है। विभाग की तरफ से सब्सिडी दी जाती है। ताकि किसान को किसी प्रकार की परेशानी न हो। प्रवीण अच्छा कार्य कर रहे है। धीरे- धीरे लोगों का खेती की तरफ से रुझान बढ़ रहा है।

प्रमोद कुमार, डीएचओ बागवानी विभाग

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