पति-पत्नी और वो से टूट रहे परिवार, एक 'वो' सास भी है
पानीपत में एक साथ तीन हत्या के मामले में कहीं न कहीं रिश्तों की कड़वाहट एक वजह सामने आई है। हालांकि एक ये ही मामला नहीं बल्कि अब हर रोज इस तरह के पारिवारिक विवाद के मामले सामने आ रहे हैं। पढि़ए ये खबर।
पानीपत, जेएनएन। पति को पत्नी के चरित्र पर संदेह था। पत्नी को भी पति पर शक रहता था। इसी वजह से दोनों में विवाद होता। पति ने कुछ दिन पहले इसी शक की वजह से समालखा में पहले पत्नी और फिर साली की हत्या कर दी। उसे लगता था कि उसकी सास ही पत्नी को बरगलाती है। इस वजह से उसका घर नहीं बस रहा। उसने सास का भी गला घोंट दिया।
परिवार परामर्श केंद्र में जो केस पहुंच रहे हैं, उनमें से ज्यादातर मामले ऐसे हैं, जिनमें पति आरोप लगाते हैं कि मायके वालों का जरूरत से ज्यादा दखल रहता है। मां और बेटी हमेशा फोन पर बात करती रहती हैं। बेटी अपनी मां के कहे पर चलती और घर में झगड़ा करती है। वहीं, पत्नी का कहना होता है कि उसकी सास की वजह से घर नहीं बस रहा। इतना ही नहीं, प्रेम विवाह के बाद भी चरित्र पर संदेह किया जा रहा है। दंपती का एक-दूसरे पर कम होता विश्वास समाज के ताने-बाने के लिए सही नहीं। परिवार परामर्श केंद्र की काउंसलर सुनीता का कहना है कि उन्होंने सुखी पारिवारिक जीवन के लिए दस मंत्र बनाए हैं। अगर इन पर चलें तो कभी झगड़ा ही न हो।
एक वर्ष में सात केस बढ़े
157 केस पहुंचे वर्ष 2019 में 150 केस पहुंचे वर्ष 2018 में
- परिवार परामर्श केंद्र में पहुंच रहे केस
- 36 केस ऐसे थे, जिसमें मायके वालों का दखल ज्यादा था
- 33 केस घरेलू हिंसा के थे, पति करता था पिटाई
- 30 केस नशे के रहे, इस वजह से टूटने लगे परिवार
- 18 केस आर्थिक मामलों के रहे, तंगी के कारण घर चलाना मुश्किल
- 07 केस से जुड़ा था प्रॉपर्टी विवाद
- 09 : केस विवाह के बाद संबंध के रहे
- 24 केस विचार नहीं मिलने के रहे
- 22 फीसद मामले इसलिए बिगड़े, क्योंकि पत्नी के मायके से आते हैं ज्यादा फोन
- 19 फीसद घरेलू संबंध नशे के कारण खराब हो रहे, इन्हें संभालना हो रहा मुश्किल
- 15 फीसद मामले ऐसे हैं, जिसमें दंपती के विचार नहीं मिले, पति को पत्नी के कपड़े नहीं पसंद, बाहर जाना अच्छा नहीं लगता
- 05 केस आए थे 2018 में विवाहेत्तर संबंध के, अगले वर्ष 9 हो गए
- 29 केस थे विचार नहीं मिलने के, अगले वर्ष इनकी संख्या हुई 34
- 70 फीसद मामले हो सकते हैं विचार नहीं मिलने के जो परिवार परामर्श केंद्र तक नहीं पहुंचते
- सुखी विवाहित जीवन के दस मंत्र
- 1- एक ही समय में दोनों कभी क्रोध न करें
- 2- छोटी-छोटी बातों पर दोनों कभी एक दूसरे पर न चिल्लाएं
- 3- यदि आप दोनों में से एक को बहस में जीतना है तो अपने दूसरे साथी को जीतने दें
- 4- यदि आपको अपने साथी की आलोचना ही करनी पड़े तो उसे प्यार से करें
- 5- पिछली गलतियों की चर्चा कभी न करें
- 6- एक दूसरे की उपेक्षा कभी न करें, चाहे सारी दुनिया की उपेक्षा करनी पड़े
- 7- अशांत बातों को लेकर कभी न सोचें
- 8- दिन में कम से कम एक बार अपने जीवन साथी को अच्छी बात कहने का प्रयास करें
- 9- यदि आपको लगे आपने कुछ गलत किया हो तो उस गलती को मानने को तैयार रहें और गलती की माफी मांगें
- 10- दोनों तरफ से झगड़ा होने पर दोनों में से जो ज्यादा बोल रहा है, वही गलती पर है
जब पत्नी को कीपैड वाला फोन दिलाया
हाल ही में एक ऐसा केस आया, जिसमें पति कह रहा था कि पत्नी के पास स्मार्ट फोन है। उसे उस पर शक है। परिवार परामर्श केंद्र ने पत्नी को समझाया और बोला कि आप एक बार कीपैड वाला फोन ले लो। पति से भी कहा, क्या तब उसका शक दूर हो जाएगा। वह मान गया। पत्नी ने कीपैड वाला फोन चलाया। कुछ दिन बाद ही पति की गलतफहमी दूर हो गई।
मायके कम बात करें, परेशानी हमें बताएं
परिवार परामर्श केंद्र की काउंसलर सुनीता ने बताया कि ज्यादातर केसों में देखा जा रहा है कि पति की शिकायत होती है कि पत्नी के मायके वाले ज्यादा दखल देते हैं। खासकर पत्नी की मां। तब हम पत्नी को कहते हैं कि मायके कम बात करें। अगर उसे समस्या ही बतानी है तो हमें बताएं। परिवार पत्नी को चलाना है, मां को नहीं। इसी तरह पति को समझाते हैं कि पत्नी अपनी मां से बात नहीं करेगी तो किससे करेगी। आप उसे मां से मिलवाते रहें।
प्रेम विवाह के बाद शक बढ़ रहा
प्रेम विवाह के बाद एक-दूसरे पर शक के मामले बढऩा चिंताजनक है। सुनीता का कहना है कि ऐसा नहीं होना चाहिए। एक-दूसरे पर विश्वास तो करना ही होगा। वहीं, विवाह के बाद अवैध संबंध की तरफ कदम बढ़ाना खतरनाक है। ऐसे केस इन दिनों बढ़े हैं।