दूल्हन न दूल्हा, मंडप न बराती, झूठी शिकायतें बन रही विभाग के गले की फांस
बाल विवाह कानून की आड़ में की झूठी शिकायतें की जा रही हैं। पांच वर्षों में 26 फीसदी झूठी शिकायत मिली हैं। पिछले पांच वर्षों में बाल विवाह के 61 केस सामने आए इनमें 16 शिकायत झूठी।
पानीपत/कुरुक्षेत्र, [अनुज शर्मा]। महिला संरक्षण एवं बाल विवाह निषेध विभाग की ओर से बाल विवाह कानून के बारे में जागरूकता फैलाना ही विभाग की गले की फांस बनता जा रहा है। बाल विवाह कानून की आड़ में जिले में झूठी शिकायत धीरे-धीरे बढ़ रही हैं और इन झूठी शिकायतों को रोकने के लिए कोई प्रावधान नहीं किया गया है। जिले में पिछले पांच वर्षों में आए बाल विवाह के मामलों में 26 फीसदी शिकायतें झूठी मिली हैं।
जिला महिला संरक्षण एवं बाल विवाह निषेध अधिकारी सविता राणा ने बताया कि जिले में 2015 से लेकर फरवरी 2020 तक कुल 61 शिकायतें उन्हें फोन पर मिली । शिकायत मिलते ही जैसे ही वह मौके पर पहुंचे तो इनमें से 16 शिकायतें झूठी मिली। अगर फोन कॉल पर बाल विवाह की शिकायत देने वाले व्यक्ति से बातचीत करते हैं तो उनका एक ही जवाब मिलता है कि उन्होंने तो शक के आधार के पर फोन कॉल की थी। बाकि सच या झूठ देखना विभाग के अधिकारियों को काम होता है।
माहौल बिगाडऩे के लिए की जाती है झूठी शिकायत
बाल विवाह निषेध अधिकारी सविता राणा ने बताया कि जिले में धीरे-धीरे बाल विवाह के मामलों में झूठी शिकायतें बढ़ रही है। केंद्र व प्रदेश सरकार ने बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 लागू किया गया है। जो देश के सभी नागरिकों पर समान रूप से लागू होता है। इसके प्रति ही लोगों को वे जागरूक करती हैं कि वे बाल विवाह ना करें और ना ही होने दें। इसके लिए हेल्पलाइन नंबर पर बाल विवाह की जानकारी दें। लेकिन कई बार आपसी पड़ोसी ही बहस में शादी का माहौल बिगाडऩे के लिए इस तरह की झूठी शिकायत कर देते हैं। उन्होंने बताया कि कई बार तो जिस घर में बाल विवाह की शिकायत की जाती है। उसमें कोई शादी समारोह भी नहीं मिलता।
बाल विवाह के आंकड़े
वर्ष केस झूठी शिकायत
2015 5 0
2016 11 5
2017 16 3
2018 15 3
2019 14 5
कुल 61 16
झूठी शिकायत करने या करवाने वालों को अपना सामाजिक दायित्व समझना चाहिए। वे किसी भी प्रकार की झूठी शिकायत ना दें। इसके किसी के शादी समारोह में व्यवधान पड़ता है।
सविता राणा, जिला महिला संरक्षण एवं बाल विवाह निषेध अधिकारी, कुरुक्षेत्र।