सताने लगीं सर्द हवाएं, खेती के लिए इस तरह साबित हो रही वरदान
लगातार तापमान गिर रहा है। पिछले दस दिनों में करीब 10 डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की गई है। यह असर पहाड़ों पर हो रही बर्फबारी की वजह से है। हालांकि ये फसल के लिए बेहतर है।
पानीपत, जेएनएन। सर्दी सितम ढहाने लगी है। पहाड़ों में हो रही बर्फबारी का असर अब मैदानी क्षेत्रों में देखने को मिल रहा है। पिछले तीन दिन से शीत लहर की वजह से सुबह और शाम के समय ठंड से तापमान लगातार गिर रहा है। पिछले 20 दिनों में तापमान करीब 10 डिग्री सेल्सियस गिरा है। इससे फसलों को तो फायदा है, लेकिन लोगों को सावधान रहने की जरूरत है।
न्यूनतम तापमान पांच डिग्री सेल्सियस पहुंच गया है। पारा गिरने के कारण बढ़ी ठंड से बचने के लिए लोग अलाव का सहारा ले रहे हैं। हालांकि कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि गेहूं की फसल के लिए वरदान साबित होगी।
फसल पर विशेष ध्यान देने की जरूरत : डॉ. एसपी तोमर
जिले में इस समय 1.72 लाख हैक्टेयर में गेहूं की फसल है। कृषि विशेषज्ञ डॉ. एसपी तोमर का कहना है कि जिस प्रकार से दिसंबर में ठंड का स्तर बढ़ा है वह गेहूं की फसल के बिल्कुल अनुकूल है। ठंड में गेहूं का पौधा अच्छी ग्रोथ करता है। ठंड जितनी अधिक होगी फसल के लिए उतना ही अच्छा होगा।
कई सालों से मौसम में उतार चढ़ाव
कई सालों से देख रहे हैं कि मौसम गड़बड़ चल रहा है। जितनी पहले ठंड होती थी अब नहीं होती है। ठंड का पीरियड कम हो गया है। पहले दिसंबर, जनवरी व फरवरी में कड़ाके की ठंड पड़ती थी, लेकिन अब फरवरी में तापमान बढऩा शुरू हो जाता है। तापमान में अचानक उछाल को गेहूं की किस्मे सहन नहीं कर पाती, यही कारण है कि उत्पादन कम होता है। जो मौसम बना हुआ है यह लंबे समय तक रहे तो इसका असर उत्पादन पर पड़ता है।
गेहूं के लिए वरदान बनेगी सर्दी
डॉ. एसपी तोमर का कहना है कि गेहूं के पौधे व ग्रेन फॉरमेशन की अच्छी ग्रोथ के लिए 4.0 से 6.0 डिग्री सेल्सियस तापमान डेढ़ माह तक बना रहना चाहिए। 15 फरवरी तक तापमान में अगर ज्यादा बदलाव नहीं आता है यानि ठंड लंबी पड़ती है तो बंपर पैदावार होगी। ठंड से गेहूं की फसल की ग्रोथ व ग्रेन फॉरमेशन पर प्रभाव पड़ता है। तापमान डेढ़ से दो महीने तक यथास्थिति बनी रहेगी। फुटाव अच्छा होगा। दाना बनने की प्रक्रिया जनवरी में शुरू हो जाती है। ग्रेन फॉरमेशन यानी दाना बनने की प्रक्रिया जनवरी अंतिम, फरवरी व मार्च में मिल्किंग तक चलती है। तापमान धीरे-धीरे ग्रोथ करेगा तो उत्पादन की कमी नहीं रहेगी। अचानक तापमान बढऩे से गेहूं पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। वर्ष 2009 व 10 में तापमान फरवरी माह में ही बढ़ गया था। जिस कारण उत्पादन भी कम हुआ।
यह रही सोमवार को तापमान की स्थिति
सोमवार को न्यूनतम तापमान 6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। मौसम विभाग का कहना है कि अब न्यूनतम तापमान में गिरावट आएगी। अधिकतम तापमान 18.0 से 20 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहेगा। शीत लहर 15 से 20 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से चली। सुबह के समय नमी की मात्रा 100 फीसदी दर्ज की गई जो शाम को घटकर 54 फीसदी रह गई। हवा 2.4 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से चली। केंद्रीय मृदा लवणता अनुसंधान संस्थान के मुताबिक आने वाले 24 घंटे में मौसम साफ रहेगा। शीत लहर चलेगी।