एनडीआरआइ के नाम पर फर्जी भर्तियां, सौ से अधिक पद के लिए आवेदन
एनडीआरआई करनाल के नाम पर फर्जी भर्ती का मामला सामने आया है। मामला चर्चा में आने पर संस्थान प्रशासन हरकत में आया। स्पष्टीकरण जारी कर ऐसे किसी भी अभियान से इन्कार किया।
पानीपत/करनाल, जेएनएन। राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान के नाम का सहारा लेकर सौ से अधिक पदों पर फर्जी भर्ती अभियान चलाने का मामला सामने आया है। सोशल मीडिया पर संदेश तेजी से वायरल हुए तो संस्थान प्रशासन हरकत में आया। पूरे मामले की तमाम पहलुओं से जानकारी जुटाने के बाद संस्थान की ओर से बाकायदा आधिकारिक रूप से स्पष्ट किया गया कि वर्तमान में संस्थान की ओर से रिक्तियों की बाबत किसी प्रकार की अधिसूचना जारी नहीं गई है।
बताया जा रहा है कि करनाल की ही एक प्लेसमेंट एजेंसी पर राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान में तकनीकी स्टाफ सहित अन्य पदों की भर्ती के लिए आवेदन आमंत्रित करने का आरोप है। शहर में बस स्टैंड के पीछे स्थित इस एजेंसी ने संस्थान के आंतरिक तंत्र से मिलीभगत कर फर्जी प्लेसमेंट के नाम पर अभ्यर्थियों से पैसा वसूलना भी शुरू कर दिया था।
यही नहीं, बाद में बाकायदा फेसबुक और अन्य सोशल साइट्स पर विज्ञापन भी वायरल किए गए कि एनडीआरआइ में 20 कंप्यूटर ऑपरेटर, 20 क्लर्क, 40 सिक्योरिटी गार्ड, तीन सुपरवाइजर, एक गनमैन, एक सिक्योरिटी अफसर, 20 चपरासी, 20 माली, 20 सफाई कर्मचारी, 20 इलेक्ट्रिशियन, छह ड्राइवर, चार प्लंबर और 20 डीईओ के पद पर नियुक्ति के लिए आवेदन किए जा सकते हैं।
इसके बाद अनेक लोग नौकरियों के लिए एजेंसी के माध्यम से आवेदन करते रहे। बाद में जब इन पदों को लेकर कुछ लोगों ने एनडीआरआइ प्रशासन से संपर्क साधा तो प्रबंधन हैरान रह गया।
वीरवार को संस्थान के निदेशक की ओर से प्रेस एंड मीडिया नोडल ऑफिसर डा. एके डांग ने बाकायदा स्पष्टीकरण के रूप में आधिकारिक रूप से सूचना जारी की। इसमें कहा गया कि वर्तमान में संस्थान ने किसी भी पद के लिए अधिसूचित नहीं किया है। संस्थान की ओर से जारी की जाने वाली रिक्तियों की सही तथा प्रामाणिक जानकारी के लिए एनडीआरआइ की वेबसाइट का संदर्भ लें।
बढ़ रहे ऐसे मामले
जिले में कुछ माह पहले भी फर्जी नियुक्तियों का मामला सामने आया था, जिसमें आरोपितों ने बाकायदा फर्जी नियुक्ति पत्र तक जारी कर दिए थे। पुलिस ने आरोपितों को गिरफ्त में भी लिया था। एनडीआरआइ प्रशासन उच्चाधिकारियों से हरी झंडी मिलते ही इस मामले को पुलिस प्रशासन तक भी पहुंचाएगा।
उठ रहे तमाम सवाल
यह मामला इसलिए भी चौंका रहा है कि पूरे कोरोना काल में एनडीआरआइ ने हर स्तर पर सतर्कता बरती है। आलम यह है कि लंबे चौड़े क्षेत्रफल में फैले संस्थान परिसर के तमाम द्वार आम लोगों से लेकर मीडियाकर्मियों तक के लिए पूरी तरह बंद कर दिए गए हैं। चेकिंग के बाद प्रवेश की अनुमति मिलती है। इसके बावजूद संस्थान के सूत्र तस्दीक करते हैं कि एनडीआरआइ परिसर में कुछ ही समय पूर्व किसी ने गोपनीय एक वीडियो क्लिप भी तैयार की, जो बाद में पुलिस तक पहुंच गई। पुलिस इस मामले की जांच भी कर रही है।