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असली को भी मात देते थे 500-500 के नोट, 15 लाख रुपये छापे, गिरोह पकड़ में आने से खुला राज

कैथल पुलिस ने 500-500 के नकली नोट छापने वाले गिरोह के सदस्यों को गिरफ्तार किया है। उन्होंने अब तक 15 लाख रुपये छापे।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Wed, 18 Mar 2020 01:53 PM (IST)Updated: Wed, 18 Mar 2020 05:18 PM (IST)
असली को भी मात देते थे 500-500 के नोट, 15 लाख रुपये छापे, गिरोह पकड़ में आने से खुला राज
असली को भी मात देते थे 500-500 के नोट, 15 लाख रुपये छापे, गिरोह पकड़ में आने से खुला राज

पानीपत/कैथल, जेएनएन। हरियाणा में नकली नोट छापने वाले गिरोह का पर्दाफाश हुआ है। आरोपितों ने अब तक 500-500 के 15 लाख के नकली नोट छापे। कैथल से गिरोह के सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है। 

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कैथल सीआइए वन पुलिस ने नकली नोट छापकर बाजार में चलाने वाले गिरोह को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने छह युवकों को गिरफ्तार कर लिया है। गिरोह से अन्य कितने लोग जुड़े हुए हैं, इसे लेकर पुलिस आरोपितों से पूछताछ कर रही है। 

साढ़े पांच लाख रुपये मिले

पकड़े गए आरोपित अब तक 15 लाख नकली नोट छाप चुके हैं, आरोपितों के कब्जे से साढ़े पांच लाख नकली नोट बरामद किए हैं। मार्केट में आरोपितों ने कितने नोट खपाए हैं, इसे लेकर पुलिस आरोपितों से पूछताछ कर रही है। 

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एसपी शशांक कुमार सावन।

छह माह से छाप रहे नोट

पकड़े गए आरोपितों में क्योड़क गांव निवासी अनिल कुमार, कठवाड़ गांव निवासी विजयपाल उर्फ विजय, क्योड़क निवासी दिनेश, जसवंती निवासी संजय, मलिकपुर गांव निवासी जसबीर सिंह, रसूलपुर गांव निवासी सुखविंद्र शामिल है। आरोपित संजय और सुखविंद्र इस गिरोह के सरगना हैं, जिन्होंने छह माह पहले इस धंधे को शुरू किया था।

पहले चार हजार रुपये छापकर चलाए

 शुरुआत में दोनों ने चार हजार रुपये के जाली नोट छापकर ट्रायल के तौर पर बाजार में चलाए। जब किसी को शंका नहीं हुई तो इन्होंने गिरोह बनाने की सोची।

दूसरे लोगों को गिरोह से जोड़ा

संजय और सुखविंद्र ने फिर गिरोह बनाने के लिए विश्वसनीय लोगों को जोड़ा। इसके बाद अलग-अलग जगह बाजार में जाकर आरोपितों ने नकली नोट को चलाया। 

इस तरह से छापते थे नोट

आरोपित असली नोट को स्कैन करने के बाद नकली नोट तैयार करते थे, मशीन भी आरोपितों ने किसी गांव में रखी हुई है। भीड़भाड़ वाले इलाकों में आरोपित असली नोटों की गड्डी में 15 से 20 जाली नोट डालकर चलाते थे। 

इस तरह से पकड़े गए

सीआइए वन पुलिस में पत्रकारों से बातचीत करते हुए एसपी शशांक कुमार सावन ने बताया कि 17 मार्च को उप निरीक्षक कश्मीर सिंह की टीम, इसमें मनीष कुमार, रणदीप सिंह, तरसेम, नरेश और जगबीर सिंह शामिल थे। पुलिस कर्मचारी खुराना रोड कैथल ड्रेन पर वाहनों की जांच कर रही थी। एक युवक बाइक पर आया तो पुलिस ने उसे रुकवाते हुए जांच की। 

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एक ही सीरियल नंबर के 500-500 के नोट

युवक की पहलवान कठवाड़ निवासी विजय के रूप में हुई। युवक जिस बाइक पर था वह पानीपत से चोरी की गई थी। इसका केस भी दर्ज है। बाइक पर नंबर प्लेट भी जाली लगाई हुई थी। जब आरोपित की तलाशी ली तो जेब से 500-500 के 40 नोट मिले, जांच की तो सभी नोट एक ही सीरियल नंबर के पाए गए। यह हाई क्वालिटी फेक करंसी नोट नहीं थे। इसके बाद आरोपित से पूछताछ की तो बड़े गिरोह का पर्दाफाश हुआ। 

सभी से बरामद हुए जाली नोट

पुलिस ने इसके बाद गिरोह के मुख्य आरोपित सुखविंद्र और संजय को काबू किया। यहां से अन्य आरोपितों को भी गिरफ्तार कर लिया गया। गिरोह से जुड़े अनिल और दिनेश मार्केट में नकली नोट चलाते थे। पुलिस ने आरोपित दिनेश के कब्जे से एक लाख 50 हजार, संजय के कब्जे से एक लाख 60 हजार, अनिल से एक लाख 10 हजार, जसबीर 50 हजार तो सुखविंद्र से 60 हजार के नोट बरामद किए हैं। आरोपितों का इससे पहले कोई आपराधिक रिकार्ड नहीं है। दो आरोपितों पर मारपीट का एक मामला दर्ज है। यह सभी दसवीं से 12वीं तक ही पढ़े लिखे हैं।


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