पानीपत पुलिस मुर्दाबाद..मुझे मेरे बेटे से बचाओ, यह कह बेहोश हुआ पिता
बचाओ...बचाओ मुझे मेरे नाबालिग बेटे से बचाओ। सिटी थाना की पुलिस मेरी सुनवाई नहीं कर रही है। बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) भी मेरा पक्ष सुनने को तैयार नहीं है। नाबालिग बेटा अपनी मां के साथ मिलकर मुझ पर जुल्म ढ़ा रहा है तो क्या मुझे न्याय नहीं मिलेगा?
जागरण संवाददाता, पानीपत
बचाओ...बचाओ मुझे मेरे बेटे से बचाओ। सिटी थाना की पुलिस मेरी सुनवाई नहीं कर रही है। बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) भी मेरा पक्ष सुनने को तैयार नहीं है। नाबालिग बेटा अपनी मां के साथ मिलकर मुझ पर जुल्म ढा रहा है तो क्या मुझे न्याय नहीं मिलेगा?
इतना कहते-कहते सुधीर नगर तहसील कैंप निवासी नरेश कुमार बेहोश हो गया। दूसरा बेटा उसके साथ था, दौड़कर पानी लेकर आया। पानी पीने के बाद जैसे ही होश में आया तो फूट-फूटकर रोते हुए वहां एकत्र लोगों को अपना दुखड़ा सुनाया।
नरेश ने बताया कि मैं कोर्ट परिसर में टाइपिस्ट हूं। पहली पत्नी की बीमारी से मौत होने के बाद दूसरी शादी हुई है। दूसरी पत्नी से उसके दो पुत्र हैं। 16 वर्षीय बड़े बेटे को गलत व्यवहार के चलते बेदखल किया हुआ है। उसने कुछ दिन पहले बड़ी गलती की थी। मैंने उसे समझाया तो 100 नंबर पर कॉल कर दी कि पिता मुझे मारते पीटते हैं। सिटी थाना पुलिस के बुलावे पर थाने पहुंचा। पुलिस ने बच्चे से माफी मांगने को कहा तो मैंने मना कर दिया। कमीज-बनियान उतरवाकर मुझे हवालात में करीब आधा घंटा बंद रखा।
24 जुलाई को भी पुत्र ने मेरे साथ मारपीट की। घर में रुकना मुश्किल हुआ तो परिचित के घर में रहने लगा। दो दिन पहले पुत्र कागजात से भरा बैग भी उठा लाया। इसकी शिकायत पुलिस को दी है। अब नाबालिग पुत्र ने सीडब्ल्यूसी में मेरे खिलाफ शिकायत देकर मारपीट का आरोप लगाया है। पत्नी भी पुत्र का पक्ष लेती है। मेरी कहीं सुनवाई नहीं हो रही है।
पुत्र का पिता पर ये आरोप
नरेश के नाबालिग पुत्र की सीडब्ल्यूसी ने काउंसलर से 27 जुलाई को काउंसिलिग कराई है। पुत्र ने पिता पर नशा करने, मारपीट करने, मां की पिटाई करने, अभद्र भाषा में बात करने का आरोप लगाया है। उसने बताया कि दादा की मौत करीब डेढ़ माह पहले हुई है, तब से पिता अधिक मारपीट करने लगे हैं।
चाइल्ड लाइन की टीम भी फंसी
नरेश का नाबालिग पुत्र जिस बैग को लेकर गया था, वह बैग उसने चाइल्ड लाइन टीम को दे दिया। टीम ने बैग सिटी थाना में देना चाहा तो पुलिस ने नहीं लिया। नरेश को कॉल कर बैग ले जाने को कहा तो उसने कहा कि बैग के संबंध में सिटी थाना में शिकायत दी है, वहीं से लूंगा। बाद में बैग भी सीडब्ल्यूसी कार्यालय पहुंच गया।
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नाबालिग की शिकायत पर दोनों पक्षों को 27 जुलाई को भी बुलवाया गया था। मंगलवार को भी पिता को समझाने का प्रयास किया गया। अचानक उन्होंने हंगामा शुरू कर दिया। कार्यालय के बाहर भी पुलिस, सीडब्ल्यूसी, चाइल्डलाइन के लिए बुरा-भला कहा है। नरेश के विरुद्ध सेक्टर-छह थाना में शिकायत दी गई है।
एडवोकेट पदमा रानी, चेयरपर्सन-सीडब्ल्यूसी
पुलिस क्यों नहीं पहुंची
लघु सचिवालय की चौथी मंजिल पर हंगामा होता रहा, तीसरी मंजिल पर पुलिस का कार्यालय है। ग्राउंड फ्लोर तक लोग आवाजें सुनते रहे। तीसरी मंजिल से कोई पुलिसकर्मी ऊपर नहीं पहुंचा। सवाल है कि अगर कोई हादसा हो जाता तो क्या होता।