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परीक्षा में युवक ने चेहरे पर बांध रखा था रुमाल, हटाने कहा तो बोला- कोरोना है, फिर मचा हड़कंप

पानीपत के समालखा में एचएसएससी की परीक्षा के दौरान एक परीक्षार्थी ने कोरोना के नाम पर ऐसा ड्रामा किया कि चंडीगढ़ तक

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Sat, 14 Mar 2020 11:12 PM (IST)Updated: Sun, 15 Mar 2020 11:59 AM (IST)
परीक्षा में युवक ने चेहरे पर बांध रखा था रुमाल, हटाने कहा तो बोला- कोरोना है, फिर मचा हड़कंप
परीक्षा में युवक ने चेहरे पर बांध रखा था रुमाल, हटाने कहा तो बोला- कोरोना है, फिर मचा हड़कंप

समालखा (पानीपत), जेएनएन। हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (HSSC) की परीक्षा के दौरान पावटी में केंद्र पर एक परीक्षार्थी ने ऐसा ड्रामा किया कि चंडीगढ़ तक हड़कंप मच गया। यहां असिस्टेंट लाइनमैन (एएलएम) की परीक्षा देने आए भिवानी के इस युवक की हरकत से पानीपत के डीसी, सीएमओ, स्‍वास्‍थ्‍य विभाग के महानिदेशक से लेकर मुख्‍य सचिव तक हलचल मच गई। दरअसल, परीक्षा दे रहे इस युवक ने अपने चेहरे पर रुमाल बांध रहखा था। शिक्षक ने इसे हटाने को कहा तो उसने खुद को कोरोना पीडि़त होने का शक जता दिया। बाद में जांच में उसकी बात पूरी तरह झूठी निकली।

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दरअसल, एचएसएससी की तरफ से एएलएम पद के लिए ऑनलाइन परीक्षा ली गई। समालखा के हथवाला रोड स्थित पावटी के लॉर्ड कृष्णा पब्लिक स्कूल में भी सेंटर बनाया गया। परीक्षा का आयोजन दिन में एक बजे से 2:30 बजे तक किया गया। परीक्षा के दौरान भिवानी जिले के गांव निम्बड़ीवाली का दीपक भी बड़े भाई दिवेश के साथ परीक्षा देने आया। दीपक ने नाक पर रूमाल ढंका हुआ था।

अस्‍पताल में युवक की जांच करते हुए डॉक्‍टर।

यह देखकर सेंटर सुपरिंटेंडेट विकास कुमार ने उसे रूमाल हटाने को कहा तो उसने खुद को खासी-जुकाम होने की बात कही। सुपरिंटेंडेंट ने नियमों का हवाला देकर बगैर रूमाल हटाए परीक्षा में बैठाने से मना किया तो युवक ने खुद के कोरोना वायरस से पीडि़त होने का शक जता रूमाल हटाने से मना कर हंगामा कर दिया। कोरोना बारे सुन दीपक को साइड में बैठा दिया गया और सेंटर पर हड़कंप मच गया।

युवक अलग से परीक्षा देने के लिए कहने लगा। इस पर परीक्षा ले रही कंपनी के अधिकारियों ने एचएसएससी को पूरे मामले से अवगत कराया। वहां से सरकार व स्वास्थ्य विभाग के उच्च अधिकारियों बताया गया। कुछ ही देर में ही डीसी व पानीपत सीएमओ को सूचना भेजी गई। प्रशासन ने तुरंत परीक्षा सेंटर पर ही एंबुलेंस भेज दी। दीपक को स्थानीय अस्पताल लाया गया। वहां जांच में उसे कोरोना वायरस जैसा कोई भी लक्षण नहीं मिला और  सबकुछ सामान्य पाया गया। इसके बाद प्रशासनिक व विभागीय अधिकारियों ने चैन की सांस ली।

वैसे ही कह दिया

दीपक के साथ परीक्षा देने आए उसके बड़े भाई दिवेश ने बताया कि 6 मार्च को दीपक फरीदाबाद में सीजीएल की परीक्षा देने गया था। वहां से आने के बाद उसे जुकाम व खांसी की कुछ शिकायत थी। कोरोना जैसा कुछ नहीं था। इसने वैसे ही कह दिया।

कोरोना जैसा कुछ नहीं मिला

एसएसओ डॉ. पवन ने बताया कि परीक्षा देने आए युवक को कोरोना वायरस जैसा कोई लक्षण नहीं पाया गया। उसने लिखित में दिया की वह न तो किसी कोरोना वायरस के मरीज से मिला, न कभी विदेश गया। उसने कोरोना वायरस की बात परीक्षा केंद्र पर शक के कारण कह दी थी।

रूमाल हटाकर परीक्षा दी

बाद में युवक के चेहरे से रूमाल हटवाया गया और परीक्षा केंद्र में ही उसने परीक्षा दी। इसके बाद उसे एंबुलेंस में ले जाया गया।

जांच में ये पाया गया

फीवर - 97.2 डिग्री

बीपी-140 और 89

एसपीओ टू -75

प्लस रेट-135 प्रति मिनट

खांसी व जुकाम भी नहीं मिला।

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 अब तक विदेशों से लौटे 125 लोग, 39 का अता-पता नहीं

कोरोना वायरस (कोविड-19) महामारी घोषित होने के बावजूद चीन सहित अन्य देशों की यात्रा कर लौटने वालों का सिलसिला थम नहीं रहा है। इमिग्रेशन विभाग ने अब तक जिले के 125 लोगों की सूची स्वास्थ्य विभाग को सौंपी है। इनमें 85 ऐसे लोग शामिल हैं जो इसी माह यात्रा कर लौटे हैं। स्वास्थ्य विभाग शनिवार की शाम तक कुल 86 लोगों से सेल्फ डिक्लेरेशन फॉर्म भरवा सका है। 39 लोगों का पता नहीं चल रहा है।

स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक इमिग्रेशन विभाग ने फरवरी माह में 40 लोगों की सूची जारी की थी, जिन्होंने चीन सहित अन्य देशों की यात्रा की थी। सेल्फ डिक्लेरेशन फॉर्म भरवाने में विभागीय कर्मचारियों को सर्दी में पसीना आ गया था। अब 85 लोगों की दूसरी सूची विभाग को मिली है, आठ यात्रियों के नामों की सूची तो शनिवार को ही मिली है।

विभाग ने फील्ड वर्करों की टीम बनाकर फॉर्म भरवाने का काम शुरू कर दिया है। यात्रा कर लौटे लोगोंं का सही पता, मोबाइल फोन नंबर नहीं होने से वर्करों को दिक्कतें आ रही हैं। डिप्टी सिविल सर्जन (वैक्टर बोर्न डिजीज) डॉ. शशि गर्ग ने यात्रा कर लौटे लोगों से अपील करते हुए कहा कि उन्हें टोल फ्री नंबरों पर कॉल कर घर का पता बताना चाहिए, ताकि सेल्फ डिक्लेरेशन फार्म भरवाया जा सके।

सेल्फ डिक्लेरेशन फार्म में देनी होगी यह जानकारी :

व्यक्तिगत जानकारी में यात्री का नाम, सीट व फ्लाइट नंबर, पहुंचने का समय, एयरपोर्ट का नाम, अंतिम पड़ाव। दूसरे कॉलम में हाउस नंबर, गली-गांव, तहसील, जिला-शहर, राज्य, रेजीडेंस नंबर, मोबाइल नंबर और ई-मेल आइडी देनी होगी। चीन से लौटे यात्रियों को कुछ अतिरिक्त जानकारी देनी होगी। खांसी, बुखार और सांस लेने में तकलीफ है अथवा नहीं, यह भी बताना होगा।

संदिग्ध मरीज मिले तो कॉल करें :

कोरोना वायरस के मरीज की डिटेल देने,बीमारी संबंधित जानकारी प्राप्त करने के लिए टोल फ्री नंबर 0180-2640255, लैंडलाइन फोन से 108 और मोबाइल फोन से 0180-108 डायल कर सकते हैं। इन नंबरों पर बात नहीं होने पर मोबाइल नंबर 7027858102 व 7404592936 पर कॉल करें।

इन देशों से लौटे यात्री 

चीन, थाईलैंड, ऑस्ट्रेलिया, कुवैत, कनाडा, दक्षिण अफ्रीका, मॉरिशिस, बैंकॉक, जापान, ङ्क्षसगापुर, ईरान, इटली से लौटे हैं यात्री।

'' विदेश की यात्रा कर लौटे लोगों की 14 दिनों तक मॉनिटरिंग होगी। इस दौरान उन्हें होम आइसोलेशन में रहना होगा। इस अंतराल में किसी को खांसी, बुखार और सांस लेने में तकलीफ है तो तुरंत सिविल अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में एडमिट कराया जाएगा। यात्री को 28 दिनों तक कोई लक्षण दिखे तो वह स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी नंबरों पर कॉल कर जानकारी दे सकता है।

                                                                                          - डॉ. संतलाल वर्मा, सिविल सर्जन, पानीपत।

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