जींद के इस गांव को आखिर हुआ क्या है, एक सप्ताह में पूरा गांव वायरल बुखार की चपेट में
जींद के इस गांव में लोगों में डर का माहौल है। एक हफ्ते से हर घर वायरल बुखार की चपेट में हैं। गांव की आबादी पांच हजार है। स्वास्थ्य विभाग ने किसी तरह का सर्वे नहीं कराया है। तीन-चार दिन बुखार रहता है। कई दिनों तक थकान नहीं जाती।
जींद, जेएनएन। जींद शहर के साथ लगता गांव रधाना। इस गांव में फिलहाल न तो कोई कोरोना का एक्टिव केस है और न ही डेंगू तथा मलेरिया का। लेकिन गांव में कोई भी घर ऐसा नहीं है, जिसमें परिवार का कोई सदस्य बुखार और खांसी तथा जुकाम से पीड़ित न हो। पिछले एक सप्ताह में ही पूरा गांव वायरल बुखार की चपेट में आ गया है। इससे ग्रामीणों में भय का माहौल है, वहीं स्वास्थ्य विभाग की तरफ से गांव में सर्वे को लेकर किसी तरह की गंभीरता नहीं दिखाई गई है।
5 हजार की आबादी वाले गांव रधाना में पिछले एक सप्ताह से लोग वायरल बुखार की चपेट में आ रहे हैं। बुखार भी ऐसा कि पूरे शरीर को तोड़कर रख रहा है। तीन से चार दिन तक बुखार रहता है, इसके बाद शरीर से कई दिनों तक थकान नहीं जाती। घर के एक सदस्य ठीक होता है तो उसी समय दूसरे को यह वायरल बुखार अपनी चपेट में ले ले रहा है। कई घर तो ऐसे हैं जहां एक ही परिवार के तीन-तीन सदस्य इसकी चपेट में हैं। ग्रामीण सुनील चहल, रणधीर सिंह, उमेद, संदीप का कहना है कि तीन से चार दिन तक बुखार रहता है, उसके बाद पूरे शरीर में थकान होती है।
नागरिक अस्पताल आने से घबरा रहे ग्रामीण
वायरल बुखार के बाद कहीं कोरोना महामारी की चपेट में न जा आएं, इसलिए ग्रामीण नागरिक अस्पताल में इलाज के लिए आने से घबरा रहे हैं। दरअसल कई लोग नार्मल खांसी-जुकाम के लिए नागरिक अस्पताल में दवा लेने आए थे लेकिन यहां से कोरोना लेकर चले गए, इसी का डर ग्रामीणों को है। हालांकि गांव में कोरोना को कोई भी एक्टिव केस नहीं है लेकिन ग्रामीण कोरोना महामारी के डर से जिला मुख्यालय पर आने से घबरा रहे हैं।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा गांव में करवाया जाए सर्वे
रधाना गांव के सरपंच नरेश चहल ने स्वास्थ्य विभाग से मांग की कि गांव में सर्वे करवाया जाए। गांव पर विशेष फाेकस करते हुए वायरल बुखार की दवा उपलब्ध करवाई जाए। इसके अलावा कुछ दिनों तक गांव में ही सैंपलिंग की सुविधा दी जाए।
सर्वे करवा दवाई वितरित करवाएंगे
नागरिक अस्पताल के डिप्टी एमएस डा. गोपाल गोयल ने कहा कि गांव रधाना सीएचसी खरकरामजी के अधीन आता है। वहां के चिकित्सक को बोल दिया जाएगा कि गांव में सर्वे करवाकर देखें और दवाई वितरित करवाए।
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