पहचान के बाद भी पीएनबी से 20 लाख रुपये चोरी करने वालों को पकड़ नहीं पाई पुलिस
पुलिस ने बच्चे को राजस्थान के सूरतगढ़ से पकड़ा था। गिरोह में शामिल बच्चे के पिता चचेरा भाई व पड़ोसी फरार हो गए थे। गिरोह को पकड़ने के लिए जींद पुलिस की दो टीमों ने मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले के कड़ियां गांव में करीब दो सप्ताह डेरा जमाए रखा।
जींद/पानीपत, जेएनएन : पीएनबी की मुख्य शाखा से 28 सितंबर को चोरी हुए 20 लाख रुपये के मामले में पुलिस अभी तक गिरोह के मुख्य सरगनाओं को पकड़ नहीं पाई है। पुलिस आरोपितों की पहचान कर चुकी है और गिरोह के गांव से पुलिस ने दस लाख रुपये बरामद भी कर लिए हैं। असल बात तो यह है कि नकदी की बरामदगी के साथ ही पुलिस ने मामले को ढीला छोड़ दिया।
गौरतलब है कि इस मामले में पुलिस ने केवल केबिन से 20 लाख रुपये चोरी करने वाले बच्चे को राजस्थान के सूरतगढ़ से पकड़ा था और गिरोह में शामिल बच्चे के पिता, चचेरा भाई व पड़ोसी वहां से फरार होने में कामयाब हो गए थे। बच्चे ने पूछताछ के दौरान पुलिस के समाने खुलासा किया था कि जींद के अलावा उन्होंने कई राज्यों में इस तरह की चोरी की वारदातों को अंजाम दिया हुआ है। कुछ माह पहले ही लोहारू बैंक के बाहर से भी बैग से नकदी चोरी की थी। ऐसे में अगर गिरोह के दूसरे सदस्य काबू हो जाते हैं तो चोरी की कई वारदातों का खुलासा हो सकता है। गिरोह को पकड़ने के लिए जींद पुलिस की दो टीमों ने मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले के कड़ियां गांव में करीब दो सप्ताह डेरा जमाए रखा, लेकिन वहां पर ग्रामीणों के विरोध को देखते हुए पुलिस मुख्य आरोपितों को गिरफ्तार नहीं कर पाई। आखिरकार पुलिस को आरोपितों को पकड़ने की बजाय चोरी हुए 20 लाख रुपये में से 10 लाख रुपये लेकर वापस लौटना पड़ा। दस लाख की नकदी की बरामदगी के साथ ही पुलिस ने इस मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया और अब गिरोह को पकड़ने का कोई प्रयास नहीं किया जा रहा है।
यह कहती है पुलिस
इस मामले में सिविल लाइंस थाना प्रभारी हरिओम से बात की तो उन्होंने बताया कि इस मामले में चोरी करने वाले बच्चे को पकड़ने के अलावा दस लाख रुपये की नकदी बरामद की जा चुकी है। मध्य प्रदेश पुलिस का सहयोग नहीं मिल पाने के कारण अभी तक मुख्य आरोपितों को पकड़ नहीं पाए हैं। फिर भी प्रयास जारी है। जल्द ही आरोपितों को पकड़ लिया जाएगा। उनकी गिरफ्तारी के बाद कई मामलों का खुलासा होने की उम्मीद है।