ई-संजीवनी ओपीडी उपयोगी साबित, घर बैठे चिकित्सक से लें परामर्श
हल्का बुखार सिर व बदन दर्द दांतों में दर्द त्वचा संक्रमण सहित कोई मामूली रोग है तो सरकारी अस्पतालों की कतार में लगने की जरूरत नहीं है। अब ई-संजीवनी ओपीडी 24 घंटे ओपन रहती है।
जागरण संवाददाता, पानीपत : हल्का बुखार, सिर व बदन दर्द, दांतों में दर्द, त्वचा संक्रमण सहित कोई मामूली रोग है तो सरकारी अस्पतालों की कतार में लगने की जरूरत नहीं है। अब ई-संजीवनी ओपीडी 24 घंटे ओपन रहती है। स्वास्थ्य विभाग ने दो जुलाई से 30 सितंबर तक का ड्यूटी रोस्टर भी जारी कर दिया है। इतना ही नहीं, एमबीबीएस डाक्टर भी ई-संजीवनी के जरिए विशेषज्ञ चिकित्सक से सलाह ले सकते हैं।
जिला नोडल अधिकारी एवं नेत्र रोग विशेषज्ञ डा. केतन भारद्वाज ने बताया कि सुविधा का लाभ लेने के लिए मोबाइल फोन के प्ले स्टोर पर जाकर ई-संजीवनी ओपीडी एप डाउनलोड करना पड़ेगा। एप पर सरकारी चिकित्सकों के मोबाइल नंबर और उनकी विशेषज्ञता देखी जा सकती है। मरीज किसी भी चिकित्सक को फोन कर, परामर्श ले सकते हैं। उन्होंने बताया कि ई-संजीवनी के लिए सुबह, शाम व रात्रि तीन शिफ्ट निर्धारित की गई है। दो चिकित्सक सुबह, दो शाम और एक रात्रि पहर में रहेंगे।
डा. भारद्वाज के मुताबिक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की राष्ट्रीय टेलीमेडिसिन सेवा ई-संजीवनी दो मोड पर संचालित है। एक डाक्टर-टू-डाक्टर है। दूसरा मोड रोगी से डाक्टर के लिए है। मरीज चाहें तो बीमारी का पुराना रिकार्ड भी चिकित्सक को भेज सकते हैं। ऐसे करें एप डाउनलोड
प्ले स्टोर पर जाकर ई-संजीवनी एप को डाउनलोड करें। मोबाइल फोन नंबर डालने पर वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) आएगा। इसे डालते ही ई-संजीवनी एप खुल जाएगा। इसमें रोगी का नाम, पता, बीमारी इत्यादि की जानकारी भरी जाएगी। जांच रिपोर्ट अपलोड की जा सकती है। केंद्रीय स्तर पर मानिटरिग
डा. भारद्वाज ने बताया कि ई-संजीवनी की मानिटरिग सेंट्रल लेवल पर हो रही है। रोस्टर के मुताबिक डाक्टर ड्यूटी पर है अथवा नहीं, हर 10 काल के बाद एक डेमो काल आती है।