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यमुनानगर में सरकारी कर्मचारियों का हल्ला बोल, एसकेएस के बैनर तले निकाला रोष मार्च

यमुनानगर में सरकारी विभाग में कार्यरत नियमित व अनियमित कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर रोष मार्च निकाला। सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के नेतृत्व में ये रोष मार्च शहर में निकाला गया। प्रदर्शन के बाद सभी कर्मचारी जिला मुख्यालय पहुंचे।

By Rajesh KumarEdited By: Published: Sun, 12 Dec 2021 04:20 PM (IST)Updated: Sun, 12 Dec 2021 04:20 PM (IST)
यमुनानगर में सरकारी कर्मचारियों का हल्ला बोल, एसकेएस के बैनर तले निकाला रोष मार्च
यमुनानगर में कर्मचारियों ने निकाला रोष मार्च।

यमुनानगर, जागरण संवाददाता। यमुनानगर में सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के नेतृत्व में सरकारी विभागों के नियमित व अनियमित कर्मचारियों ने हल्ला बोल प्रदर्शन के तहत रविवार को कन्हैया चौक पार्क में अपनी मानी गई मांगों को लागू न करने पर विरोध जताया। कार्यक्रम एसकेएस जिला प्रधान महिपाल सौदे की अध्यक्षता में हुआ व संचालन जिला सचिव गुलशन भारद्वाज ने किया। प्रदर्शन के बाद सभी कर्मचारी जलूस की शक्ल में नारेबाजी करते हुए जिला मुख्यालय पर पहुंचे। जहां मिड डे मील व आंगनबाड़ी यूनियन ने भी अपनी मांगों का ज्ञापन दिया।

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जिला सचिव शरबती देवी, कोषाध्यक्ष रामकुमार कांबोज, अध्यापक संघ से जिला प्रधान संजय कांबोज, एसकेएस के जिला सचिव महीपाल चमरौड़ी, पीडब्ल्यूडी से जिला प्रधान किशोर कुमार, स्वास्थ्य सेवा से जिला प्रधान सुमित ऋषि, जनस्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग से प्रेम प्रकाश ने बताया कि यह हल्ला बोल प्रदर्शन छंटनी ग्रस्त कर्मचारियों और पुरानी पेंशन बहाली, लिपिक को पे-मेट्रिक्स लेवल छह में 35400 वेतन देने, ठेका प्रथा समाप्त करने, कच्चे कर्मियों को पक्का करने, पक्का होने तक समान काम समान वेतन को लेकर किया जा रहा है। एचवीएसपी के जिला प्रधान रविंद्र कांबोज, वेटरनरी से शमशेर, मोंटी, मनजिंद्र सिंह ने कहा कि भाजपा व जजपा के चुनाव घोषणा पत्र में पुरानी पेंशन बहाली, कच्चे कर्मियों को पक्का करने और पंजाब के समान वेतनमान एवं पेंशन देने का वादा किया गया था। जिसको पूरा नहीं किया गया।

तेजी से हो रहा है निजीकरण

इसके विपरीत बिजली, जन स्वास्थ्य, परिवहन, शिक्षा, स्वास्थ्य जन सेवाओं का तेजी से निजीकरण किया जा रहा है। खाली पड़े पदों को भरने और आवश्यक संसाधन मुहैया कराए बिना राइट टू सर्विस एक्ट लागू करके कर्मियों को प्रताड़ित किया जा रहा है। पंजाब एवं हरियाणा सरकार अपने पेंशनर्स की पेंशन 65 वर्ष की उम्र पूरी करने पर हर पांच साल बाद पांच प्रतिशत पेंशन में बढ़ोतरी कर रही है, लेकिन हरियाणा सरकार यह वादा करके लागू नहीं कर रही है।


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